सोशल मीडिया पर Boycott Maldives ट्रेंड होने के बाद घबराई मालदीव सरकार, जारी किया ये बयान

माले, एजेंसी। मालदीव सरकार ने बयान जारी किया है कि मालदीव सरकार विदेशी नेताओं और उच्च पदस्थ व्यक्तियों के खिलाफ सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर अपमानजनक टिप्पणियों से अवगत है। ये राय व्यक्तिगत हैं और मालदीव सरकार के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करती हैं। इसके अलावा, सरकार के संबंधित अधिकारी ऐसी अपमानजनक टिप्पणी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने में संकोच नहीं करेंगे। आपको बात दें कि पीएम मोदी ने 2-3 जनवरी को लक्षद्वीप का दौरा किया था। उनके इस दौरे की तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुईं। उसके बाद भारत में मालदीव व लक्षद्वीप की तुलना शुरू हो गई। इससे मालदीव के मंत्रियों को मिर्ची लग गई और उन्होंने भारत विरोधी बयान दे दिया। उनके बयान के बाद से ही सोशल मीडिया पर #BoycottMaldives ट्रेंड हो रहा है। लोग मालदीव को खूब खरी-खोटी सुना रहे हैं। लोगों का कहना है कि पर्यटन पर निर्भर मालदीव को भारत की ताकत का अंदाज ही नहीं है। इतना ही नहीं कई लोग हैं जो मालदीव की यात्रा रद कराकर अब लक्षद्वीप को तरजीह दे रहे हैं।

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मालदीव के मंत्रियों का बयान

मालदीव के मंत्री अब्दुल्ला मोहजुम माजिद ने लिखा कि ‘मालदीव के पर्यटन को निशाना बनाने के लिए मैं भारत के पर्यटन को शुभकामनाएं देता हूं, लेकिन भारत को हमारे बीच पर्यटन से कड़ी टक्कर मिलेगी। हमारा रिजॉर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर ही इनके पूरे इंफ्रास्ट्रक्चर से ज्यादा है।’ इस पोस्ट में पीएम मोदी को भी टैग किया गया है।

मालदीव के एक अन्य नेता जाहिद रमीज ने सोशल मीडिया पर पीएम मोदी द्वारा लक्षद्वीप में पर्यटन बढ़ाने को लेकर लिखा कि ‘बेशक यह अच्छा कदम है, लेकिन हमसे प्रतिस्पर्धा करना एक भ्रम ही है।’ रमीज ने आगे लिखा, ‘वह हमारे जैसी सर्विस कैसे देंगे? साथ ही वहां के बीच साफ कैसे रह सकते हैं? कमरों में हमेशा रहने वाली बदबू भी सबसे बड़ी चुनौती है।’

 

 

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