कैथल में महिला से ठगी करने वाला गिरफ्तार: रेलवे में नौकरी दिलाने का झांसा दिया, 78 हजार रुपए हड़पे

पकड़ा गया आरोपी

नरेंद्र सहारण, कैथल : Kaithal News: युवा अपने कैरियर की शुरुआत करने के लिए हर संभव प्रयास करते हैं, ताकि वे आर्थिक रूप से स्वतंत्र और आत्मनिर्भर बन सकें। कुछ लोग अपनी लालच और धोखाधड़ी का सहारा लेकर असहाय युवाओं को ठग लेते हैं। ऐसी ही एक घटना में कैथल जिले के राजौंद क्षेत्र में एक युवती को रेलवे में नौकरी दिलवाने के नाम पर 78 हजार रुपये की धोखाधड़ी करने वाले आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इस कहानी में हम विस्तार से जानेंगे कि कैसे आरोपी ने युवती का विश्वास तोड़ा, धोखाधड़ी की पूरी प्रक्रिया क्या थी और पुलिस ने कैसे आरोपी को कानून के शिकंजे में किया है।

घटना का संक्षिप्त विवरण और संदर्भ

कैथल जिले के राजौंद क्षेत्र में रहने वाली युवती ने सपनों को साकार करने के लिए रेलवे में नौकरी पाने का सपना देखा। इस सपने को पूरा करने के नाम पर एक आरोपी ने लाखों की ठगी की। आरोपी का नाम रामनिवास है, जोकि जिला जींद के अलेवा गांव का निवासी है। उसने युवती को भरोसा दिलाया कि वह रेलवे में टिकट कलेक्टर की नौकरी दिलवा देगा, और इसके लिए उसने पहले ही 78 हजार रुपये हड़प लिए। लेकिन, जब युवती ने अपने हिस्से का काम पूरा होने का इंतजार किया, तो आरोपी ने उसके साथ धोखा किया और उससे पैसे वापस मांगने पर जान से मारने की धमकी दी।

आरोपी का परिचय और उसकी पृष्ठभूमि

रामनिवास जो अलेवा, जिला जींद का निवासी है, कैंचुआ खाद बनाने का बिजनेस चलाता है। उसकी उम्र और पारिवारिक स्थिति के बारे में अभी तक स्पष्ट जानकारी नहीं मिली है, लेकिन उसकी गतिविधियों से पता चलता है कि वह अपने व्यवसाय के साथ-साथ धोखाधड़ी के भी काम में लिप्त है। उसकी पहचान और उसकी गतिविधियों को लेकर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।

आरोपी की पहचान और उसकी नेटवर्किंग

आरोपी की पहचान के बाद पता चला है कि वह सोशल नेटवर्किंग और स्थानीय संपर्क के माध्यम से युवाओं को आकर्षित करता है। वह अपनी बातों में विश्वसनीयता दिखाने के लिए अपने संपर्कों का भी प्रयोग करता है, जिससे उसके झांसे में आने वाले युवाओं का भरोसा भी बढ़ जाता है। आरोपी का यह कृत्य न केवल उसकी व्यक्तिगत आर्थिक हानि का कारण बना, बल्कि युवाओं में विश्वास और सुरक्षा के माहौल को भी ध्वस्त कर रहा है।

दोस्ती और विश्वास का जाल

अक्टूबर 2023 में आरोपी रामनिवास और पीड़िता के बीच मुलाकात हुई। दोनों की बातचीत धीरे-धीरे दोस्ती में बदल गई। आरोपी ने अपने अनुभव और भरोसेमंद व्यक्तित्व का परिचय देकर युवती का विश्वास अर्जित किया।

योजना और युवती का सपना

युवती ने अपनी भांजी के माध्यम से बताया कि वह बीए पास है और नौकरी की तलाश में है। आरोपी ने इस स्थिति का फायदा उठाया और कहा कि वह उसकी भांजी को रेलवे में टिकट कलेक्टर की नौकरी दिलवा सकता है। उसने युवती को भरोसा दिलाया कि वह अपने संपर्कों का प्रयोग कर यह काम पूरा करेगा।

राशि की मांग और लेनदेन

आरोपी ने युवती से पहले ही दो बार में कुल 78 हजार रुपये की मांग की। उसने उसे कहा कि ये पैसे रेलवे में नौकरी दिलाने के लिए जरूरी संसाधनों और प्रक्रिया के तहत हैं। उसने यह भी भरोसा दिलाया कि यदि नौकरी नहीं लगी तो वह पैसा वापस कर देगा।

धोखाधड़ी के तहत, आरोपी ने युवती से यह रकम जमा करवा ली। उसने कहा कि एक महीने के अंदर ही युवती की भांजी को रेलवे में नौकरी मिल जाएगी। युवती ने भरोसे में आकर अपना सब कुछ किया और पैसे दे दिए।

पैसे न मिलने पर हुई शिकायत और पुलिस कार्रवाई

काफी इंतजार के बाद भी जब युवती की भांजी को नौकरी नहीं मिली, तो उसने आरोपी से संपर्क किया। जब उसने पैसे वापस मांगे, तो आरोपी ने धमकी दी कि यदि उसने फिर से फोन किया तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। इस धमकी के बाद युवती ने अपने पिता और परिवार के सदस्यों की मदद से पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।

पुलिस का कदम और गिरफ्तारी

इसके बाद पुलिस ने शिकायत के आधार पर आरोपी की तलाश शुरू की। छानबीन और जांच के बाद पुलिस ने आरोपी रामनिवास को अरेस्ट कर लिया। उसकी तलाशी ली गई, जिसमें से पुलिस ने 8 हजार रुपये भी बरामद किए।

आरोपी को कोर्ट के आदेश पर जेल भेज दिया गया है। साथ ही, उसकी गतिविधियों की विस्तृत पड़ताल की जा रही है ताकि यदि वह और भी धोखाधड़ी के मामलों में लिप्त है तो उसे भी गिरफ्तार किया जा सके।

धोखाधड़ी से बचाव के उपाय और जागरूकता

यह घटना यह दर्शाती है कि कैसे धोखेबाज और जालसाज युवाओं का विश्वास तोड़कर उनका आर्थिक और मानसिक नुकसान कर सकते हैं। इसलिए, युवाओं और उनके परिवारों को चाहिए कि वे किसी भी अनजान व्यक्ति से आर्थिक लेनदेन करने से पहले उसकी विश्वसनीयता की जांच करें।

कुछ जरूरी सावधानियां

संपर्क की विश्वसनीयता जांचें: यदि किसी भी व्यक्ति द्वारा नौकरी का झांसा दिया जाए, तो उसकी पहचान और गतिविधियों की पुष्टि करें।
आधिकारिक स्रोतों से ही संपर्क करें: सरकारी या संबंधित विभागों की आधिकारिक वेबसाइट और कार्यालयों से ही नौकरी संबंधित जानकारी लें।
राशि का लेनदेन सावधानी से करें: किसी भी लेनदेन से पहले उसके भुगतान के तरीके और प्रक्रिया को समझ लें।
धोखाधड़ी की रिपोर्ट तुरंत करें: यदि कोई संदिग्ध कार्रवाई हो रही हो तो तुरंत पुलिस या संबंधित विभाग को सूचित करें।

पुलिस की भूमिका और आवश्यक कार्रवाई

 

पुलिस ने तुरंत ही सक्रिय होकर आरोपी की गिरफ्तारी की। साथ ही, आरोपी के पास से 8 हजार रुपये भी बरामद किए गए हैं। यह कार्रवाई यह दर्शाती है कि पुलिस प्रशासन अपने कर्तव्य का पालन करते हुए अपराधियों के खिलाफ कठोर कदम उठा रहा है। आगे पुलिस का प्रयास है कि आरोपी के खिलाफ और भी धाराओं में मामला दर्ज कर उसके नेटवर्क का पता लगाया जाए ताकि ऐसे धोखेबाजों को कठोर सजा मिल सके।

आगे का रोडमैप और सुझाव

सामाजिक जागरूकता अभियान: क्षेत्र में जागरूकता फैलाने के लिए सेमिनार और कार्यशालाएं आयोजित की जाएं।
संबंधित विभागों का समन्वय: रोजगार विभाग, पुलिस और पंचायत स्तर पर समन्वय स्थापित हो ताकि युवाओं को सही जानकारी और सहायता मिल सके।
युवा मंच और जागरूकता कार्यक्रम: युवाओं के बीच जागरूकता फैलाने और उन्हें धोखाधड़ी से बचाने के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएं।
सामाजिक मीडिया का प्रयोग: सोशल मीडिया के जरिए फर्जीवाड़े की जानकारी साझा की जाए और युवा जागरूक बनें।
निष्कर्ष
यह घटना हमें यह सिखाती है कि युवा अपने सपनों को पूरा करने के लिए सतर्क और जागरूक रहें। धोखेबाजों से सावधान रहना और किसी भी संदिग्ध स्थिति में तुरंत कार्रवाई करना जरूरी है। पुलिस की तत्परता और समाज का जागरूक होना ही इस तरह की घटनाओं को रोकने का सबसे मजबूत माध्यम है।

राजौंद पुलिस की कार्रवाई और युवाओं की जागरूकता से आशा है कि भविष्य में ऐसी घटनाएं कम होंगी और युवा अपने लक्ष्यों को सुरक्षित एवं भरोसेमंद तरीके से प्राप्त कर सकेंगे।

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