Manu Bhaker : पदक से चूकीं मनु भाकर, महिलाओं की 25 मीटर पिस्टल स्पर्धा फाइनल में चौथे स्थान पर रहीं

चेटेरोक्स, प्रेट्र : पेरिस में पदक की हैटट्रिक लगाने उतरीं भारतीय निशानेबाज मनु भाकर को अंतिम लम्हों में नर्वस होना भारी पड़ा और वह 25 मीटर पिस्टल स्पर्धा में चौथे स्थान पर रहकर पदक से चूक गईं। 22 साल की मनु ने आठ महिलाओं के फाइनल में 28 का स्कोर किया और हंगरी की निशानेबाज वेरोनिका मेजर से शूटआफ में हंगरी की वेरोनिका मेजर से हार गईं। इससे पहले हरियाणा की इस निशानेबाज ने 10 मीटर एयर पिस्टल और 10 मीटर एयर पिस्टल मिक्स्ड स्पर्धा में कांस्य पदक जीता था। वह एक ही ओलिंपिक में दो पदक जीतने वाली स्वतंत्र भारत की पहली खिलाड़ी बनीं।

पदक से चूकीं मनु भाकर

 

भारत की स्टार निशानेबाज मनु भाकर पदक से चूक गई हैं। वह महिलाओं की 25 मीटर पिस्टल स्पर्धा में चौथे स्थान पर रहीं। इस स्पर्धा में कुल 10 सीरीज के शॉट्स लगाए जाने थे। एक सीरीज में कुल पांच शॉट्स थे। तीन सीरीज के बाद एलिमिनेशन का दौर शुरू हुआ था। मनु आठ सीरीज के बाद 28 के स्कोर के साथ चौथे स्थान पर रहीं। यानी 40 में से मनु के 28 शॉट्स ग्रीन हुए। बाकी निशाने पर नहीं लगे। आठवीं सीरीज में उनके और चौथे स्थान पर मौजूद हंगरी की वेरोनिका मेजर के बीच लड़ाई थी। इस सीरीज में मनु तीन शॉट चूक गईं, जबकि वेरोनिका ने दो शॉट मिस किए और तीन शॉट्स निशाने पर लगे। आठ सीरीज के बाद मनु 28 अंक के साथ हंगरी की वेरोनिका मेजर के साथ संयुक्त रूप से तीसरे स्थान पर थी। इसके बाद शूट ऑफ में मनु पांच में से तीन निशाना ही लगा सकीं, जबकि मेजर ने चार सटीक निशाने लाए। इस तरह मनु पदक से चूक गईं। वेरोनिका ने कांस्य पर कब्जा जमाया। दक्षिण कोरिया की जिन यांग ने स्वर्ण और फ्रांस की कैमिली ने रजत पदक जीता। 10 सीरीज के बाद दोनों का स्कोर 37-37 था। फिर दोनों के बीच शूटआउट हुआ, जिसमें जिन ने चार शॉट्स निशाने पर लगाए, जबकि कैमिली का सिर्फ एक शॉट निशाने पर लगा।

तीसरे पदक से चूकने के बाद मनु ने क्या कहा?

मनु ने स्पर्धा के बाद कहा, मैं वास्तव में नर्वस थी लेकिन मैंने शांतचित रहकर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की कोशिश की, लेकिन यह पर्याप्त नहीं था। यह ओलिंपिक खेल मेरे लिए बहुत अच्छे साबित हुए लेकिन नजरें हमेशा अगले वाले खेलों पर रहती है और मेरा लक्ष्य अभी से अगले ओलिंपिक में अच्छा प्रदर्शन करना है। मुझे बहुत खुशी है कि मैंने दो पदक जीते लेकिन इस स्पर्धा में मैं अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई। किसी भी स्पर्धा में चौथा स्थान प्राप्त करना बहुत अच्छा प्रदर्शन नहीं होता है। मनु ने कहा कि मुझसे काफी आशा थी, लेकिन इससे मैंने अपनी एकाग्रता भंग नहीं होने दी।

 

उन्होंने कहा, मैं इंटरनेट मीडिया से दूर हूं और मैंने अपना फोन तक चेक नहीं किया है। मैं नहीं जानती कि दुनिया में क्या हो रहा है लेकिन मैं इतना जानती थी कि मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने का प्रयास किया। अधिकतर स्पर्धाओं में मैंने अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन इसमें अच्छा खेल नहीं दिखा सकी। जैसे ही मैंने अपना खेल खत्म किया तो तुरंत ही सोचा इस बार ना सही अगली बार। मैंने और मेरी टीम ने कड़ी मेहनत की ताकि मैं पोडियम तक पहुंच सकूं और भारत पदक जीत सके। इसलिए मैं बहुत खुश हूं कि मेरी टीम पूरी यात्रा के दौरान मेरे साथ रही।

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