बेटा शहीद हुआ, बहू कीर्ति चक्र लेकर मायके चली गई, अशुंमान के मां-बाप का आरोप

लखनऊ, बीएनएम न्यूजः कीर्ति चक्र से सम्मानित शहीद अंशुमान सिंह (Shaheed Anshuman Singh) के माता-पिता ने अपनी बहू पर गंभीर आरोप लगाया है। शहीद अंशुमान सिंह की माता ने कहा कि बहू हमारा घर छोड़कर जा चुकी है। उसने अपना एड्रेस भी चेंज करा लिया।

कीर्ति चक्र मिलने की कोई निशानी भी हमारे पास नहीं। बेटे की फोटो पर कीर्ति चक्र लगा सकूं, हम इस लायक भी नहीं। सब कुछ बहू को दे दिया गया। अब इस सम्मान के नियमों में बदलाव होना चाहिए। बहुएं घर छोड़कर भाग जाती हैं। ऐसे में माता-पिता को कुछ नहीं मिलता।

शहीद कैप्टन अंशुमान सिंह की पत्नी स्मृति और मां मंजू ने राष्ट्रपति से कीर्ति चक्र लिया था।

पिता बोले- हमारे पास कीर्ति चक्र पाने का कोई सबूत नहीं

शहीद अंशुमान के पिता रवि प्रताप सिंह JCO के पद से सेना से रिटायर्ड हैं। वे कहते हैं- बहू स्मृति यहां से सब कुछ लेकर चली गई। उसने अपना एड्रेस भी चेंज करवा लिया। हमारे पास कीर्ति चक्र की कोई रिसीविंग भी नहीं है। वह भी बहू ले गई।

छोटे बेटे से कराना चाहता था उसकी शादी

शहीद के पिता ने कहा, ‘बहू स्मृति ने बेटे का एड्रेस बदलवाकर मेरी पहचान छीनने की कोशिश की। उसे बेटे से जुड़ी यादों से कोई मतलब नहीं।’ मैंने तो उसे बेटी माना था। अपने छोटे बेटे से उसकी शादी के लिए तैयार था, लेकिन सोचा नहीं था, ऐसा करेगी। उसने हम लोगों को छोड़ दिया। उसे सिर्फ पैसा चाहिए था।

माता-पिता का भी सम्मान होना चाहिए

शहीद की मां मंजू सिंह ने बताया- बहुएं भाग जाती हैं। माता-पिता का भी सम्मान होना चाहिए। हमने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और रायबरेली के सांसद राहुल गांधी से आग्रह किया कि सेना में शहीद होने वाले युवाओं के परिवार में बहू के अलावा माता-पिता का भी ख्याल रखना चाहिए।

फरवरी 2023 में अंशुमन-स्मृति ने शादी हुई थी। इसके पांच महीने बाद अंशुमान शहीद हो गए।

स्मृति बोलीं- जिसकी जैसी सोच, वो वैसा ही कहेगा

कैप्टन अंशुमान के माता-पिता के आरोपों पर शहीद की विधवा स्मृति ने कहा- मुझे अभी कोई जानकारी नहीं है। जिसकी जैसी सोच है, वो वैसा ही कहेगा। मुझे कोई आपत्ति नहीं है। अभी मैं बाहर आई हूं। पहले वीडियो भेज दीजिए। फिर कॉल करेंगे। पत्नी स्मृति पेशे से इंजीनियर हैं और उनके माता-पिता स्कूल के प्रधानाचार्य हैं।

मुख्यमंत्री ने 50 लाख रुपए आर्थिक सहयोग की घोषणा की थी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शहीद अंशुमान सिंह को श्रद्धांजलि देते हुए शहीद के परिजनों को 50 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने की भी घोषणा की थी। उन्होंने शहीद के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने, जिले की एक सड़क का नामकरण शहीद अंशुमान सिंह के नाम पर करने की भी घोषणा की थी।

जानें- शहीद अंशुमान सिंह के बारे में

देवरिया के लार विकास खंड के बरडीहा दलपत गांव के रहने वाले कैप्टन अंशुमान सिंह 19 जुलाई, 2023 को सियाचिन ग्लेशियर में शहीद हो गए थे। वहां भारतीय सेना के टेंट में आग लग गई थी। कई जवान आग में फंस गए। अपनों को आग से घिरा देख रेजिमेंटल मेडिकल ऑफिसर कैप्टन अंशुमान सिंह खुद को नहीं रोक सके। साथियों को बचाने की कोशिश में कैप्टन अंशुमान शहीद हो गए।

5 जुलाई को राष्ट्रपति भवन में आयोजित शहीदों के अलंकरण समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शहीद की पत्नी स्मृति सिंह और मां मंजू सिंह को कीर्ति चक्र सौंपा।

कैप्टन अंशुमान का लखनऊ में मोहान रोड स्थित पारा कॉलोनी में घर है। यहां कैप्टन का परिवार 2022 में शिफ्ट हुआ था। इसी घर में उनकी और स्मृति की शादी हुई थी। परिवार में पिता रवि, मां मंजू सिंह के अलावा भाई घनश्याम सिंह और बहन तान्या सिंह हैं। बहन-भाई दोनों ही नोएडा में डॉक्टर हैं।

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