माता प्रसाद पांडेय को नेता प्रतिपक्ष बना निशाने पर आए अख‍िलेश यादव, मायावती-केशव ने PDA पर घेरा

लखनऊ, बीएनएम न्यूजः माता प्रसाद पांडेय (Mata Prasad Panday) को नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने को लेकर यूपी में सियासत तेज हो गई है। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) बसपा प्रमुख मायावती (Mayawati) और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya)के निशाने पर आ गए हैं। दोनों ने अखिलेश को पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) के मुद्दे पर घेरा।

मायावती का कहना है कि सपा मुखिया ने लोकसभा आमचुनाव में खासकर संविधान बचाने की आड़ में यहां PDA को गुमराह करके उनका वोट तो जरूर ले लिया, लेकिन यूपी विधानसभा में प्रतिपक्ष का नेता बनाने में जो इनकी उपेक्षा की गई, यह भी सोचने की बात है। वहीं उपमुख्यमंत्री सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने भी अपने अंदाज में अखिलेश यादव पर हमला बोला है।

उन्होंने कहा, कांग्रेस के मोहरा सपा बहादुर अखिलेश यादव की नेता प्रतिपक्ष चुनते ही असलियत सामने आने से सपा में PDA चालीसा पढ़ने वाले पिछड़ों दलितों के समर्थन से चुनकर आए नेताओं में मायूसी है।

पीडीए को गुमराह कर उनकी उपेक्षा की गई

सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने सोमवार को एक के बाद एक दो ट्वीट किए। पहले ट्वीट में उन्होंने लिखा- सपा मुखिया ने लोकसभा आमचुनाव में खासकर संविधान बचाने की आड़ में यहां PDA को गुमराह करके उनका वोट तो जरूर ले लिया, लेकिन यूपी विधानसभा में प्रतिपक्ष का नेता बनाने में जो इनकी उपेक्षा की गई, यह भी सोचने की बात है।

उन्होंने आगे लिखा- जबकि सपा में एक जाति विशेष को छोड़कर बाकी PDA के लिए कोई जगह नहीं। ब्राह्मण समाज की तो कतई नहीं क्योंकि सपा व भाजपा सरकार में जो इनका उत्पीड़न व उपेक्षा हुई है वह किसी से छिपा नहीं। वास्तव में इनका विकास एवं उत्थान केवल BSP सरकार में ही हुआ। अतः ये लोग ज़रूर सावधान रहें।

पीडीए चालीसा पढ़ने वाले से पिछड़े और दलित मायूस

वहीं डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने टीवी चैनलों को बयान देने के अलावा सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर ट्ववीट के जरिए भी अखिलेश यादव पर हमला बोला। उन्होंने लिखा- कांग्रेस के मोहरा सपा बहादुर अखिलेश यादव की नेता प्रतिपक्ष चुनते ही असलियत सामने आने से सपा में PDA चालीसा पढ़ने वाले पिछड़ों दलितों के समर्थन से चुनकर आए नेताओं में मायूसी है। भाजपा सबका साथ सबका विकास और सम्मान है। 2027 में 2017 दोहराना है। कमल खिला है फिर खिलाना है।

माता प्रसाद पांडेय ने दिया ये जवाब

भाजपा और बसपा द्वारा सपा की घेराबंदी का नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने खुद जवाब दिया। उन्होंने कहा कि पीडीए के लिए लड़ाई जारी रहेगी। केशव प्रसाद मौर्य पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि सपा का ऑफर अब भी जारी है।

अब अखिलेश ने खेला ब्राह्मण कार्ड

समाजवादी पार्टी ने यूपी विधानसभा में माता प्रसाद पांडेय को नेता प्रतिपक्ष बनाकर ब्राह्मण कार्ड चला। हालांकि, बताते हैं कि इस पद के दावेदार सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल यादव और पीडीए के कई विधायक भी थे। लेकिन, अखिलेश यादव को 2027 के विधानसभा चुनाव को देखते हुए लंबे राजनीतिक अनुभव वाले ब्राह्मण नेता पर दांव लगाना ज्यादा मुफीद लगा।

ब्राह्मण समाज में अच्छा संदेश देने की कोशिश

यूपी में करीब 12 फीसदी ब्राह्मण मतदाता हैं। ब्राह्मणों को यह संदेश देने के लिए सपा पीडीए की बात करने के बावजूद उन्हें अहम पद देने में पीछे नहीं है। इसीलिए माता प्रसाद पांडेय को नेता प्रतिपक्ष के पद के लिए चुना गया। यहां बता दें कि सपा के विधायक मनोज पांडेय, राकेश पांडेय और विनोद चतुर्वेदी ने भाजपा के पक्ष में पाला बदल लिया, जिससे ब्राह्मण समाज में यह संदेश गया कि सपा में उनकी अहमियत कम हो रही है।

अब सपा इस कदम से ब्राह्मण समाज में अच्छा संदेश जाएगा। इसके जरिये सपा ने यह संदेश देने का प्रयास भी किया है कि उसे अगड़ों से कोई परहेज नहीं है।

अब दलितों को साधने की चुनौती

ब्राह्मण को नेता प्रतिपक्ष बनाने के बाद भाजपा ने अखिलेश को निशाने पर ले लिया है। अब सपा के सामने चुनौती है कि दलितों के बीच किसी तरह की आशंका या निराशा न होने दे। अब भाजपा व बसपा दोनों सपा को पीडीए विरोधी बताएं तो हैरत नहीं।

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