MP Cabinet Expantion: मोहन मंत्रिमंडल का विस्तार सोमवार को, जानें किसे मिलेगा ज्यादा मौका
भोपाल, BNM News। MP Cabinet Expantion: मध्य प्रदेश में डा. मोहन यादव सरकार के मंत्रिमंडल का पहला विस्तार सोमवार को होगा। कई दौर की चर्चा के बाद मंत्री बनाए जाने वाले चेहरे तय कर लिए गए हैं। इस विस्तार में लोकसभा चुनाव को दृष्टि में रखते हुए जातीय और क्षेत्रीय समीकरणों के हिसाब से 18 से 20 से मंत्री बनाए जा सकते हैं। शीर्ष नेतृत्व से हरी झंडी मिलने के बाद मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर पार्टी स्तर पर तैयारी शुरू हो गई है। वहीं, शासन स्तर पर भी शपथ ग्रहण समारोह की तैयारी की जा रही है। शपथ ग्रहण कार्यक्रम राजभवन में होगा और यह दोपहर में प्रस्तावित है। मुख्यमंत्री सोमवार को सुबह राज्यपाल मंगुभाई पटेल से भेंट करेंगे और शपथ लेने वालों को सूची सौंपेंगे।
सीएम ने राज्यपाल से भेंट के लिए समय मांगा
आपको बता दें कि मंत्रिमंडल विस्तार को अंतिम रूप देने के लिए मुख्यमंत्री शनिवार शाम को ही दिल्ली पहुंच गए थे। रविवार को उन्होंने केंद्रीय नेतृत्व से मुलाकात कर मंत्रिमंडल विस्तार पर चर्चा की। डा. मोहन यादव ने 13 दिसंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। उनके साथ राजेंद्र शुक्ल और जगदीश देवड़ा को उप मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई थी। तब से ही मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर विचार-विमर्श चल रहा था।
उधर, मुख्य सचिव वीरा राणा ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ भी बैठक की। राजभवन के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री ने सोमवार को राज्यपाल से भेंट के लिए समय मांगा है। इसके बाद वह सुबह 11 बजे इंदौर जाएंगे, जहां कनकेश्वरी मैदान में मुख्यमंत्री अमृत-2 प्रोजेक्ट के तहत 1700 करोड़ से नर्मदा के चतुर्थ चरण की योजना की घोषणा व जलूद में लगने वाले करीब 300 करोड़ के सोलर प्लांट के साथ ही 427 करोड़ के विकास कार्यों का शुभारंभ-भूमिपूजन करेंगे। हुकमचंद मिल के श्रमिकों से जुड़े कार्यक्रम को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वर्चुअली संबोधित करेंगे। इसके बाद वह भोपाल लौटेंगे।
मंत्रिमंडल में दिखेगा मोदी का फार्मूला
सूत्रों के मुताबिक मंत्रिमंडल विस्तार में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का फार्मूला देखने को मिलेगा। कोई कोटा सिस्टम नहीं होगा। लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर संसदीय क्षेत्रवार प्रतिनिधित्व दिया जा सकता है। वहीं, मंत्रिमंडल में जातीय और क्षेत्रीय समीकरण भी देखने को मिलेगा। मंत्रिमंडल में वरिष्ठ नेताओं की तुलना में नए चेहरों को अधिक मौका दिया जाएगा। दागदार छवि के किसी व्यक्ति को मंत्रिमंडल में स्थान नहीं देने पर सहमति बनी है तो ओबीसी वर्ग के नेताओं को प्राथमिकता दी जा सकती है।