MP Cabinet Expansion: मोहन सरकार में विजयवर्गीय और प्रह्लाद पटेल समेत 18 कैबिनेट मंत्री, जानें किस-किस ने ली शपथ
भोपाल, BNM News। MP Cabinet Expansion: मध्य प्रदेश में नई सरकार गठन के दो हफ्ते बाद मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने कैबिनेट का सोमवार को विस्तार कर दिया। मोहन सरकार के मंत्रिमंडल में राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने 28 नेताओं को मंत्री पद की शपथ दिलाई। इसमें 18 कैबिनेट, 4 राज्यमंत्री और 6 स्वतंत्र प्रभार के राज्यमंत्री शामिल किए गए हैं।
लोकसभा चुनाव को देखते हुए बीजेपी ने जातीय और क्षेत्रीय समीकरण को साधने के लिहाज से मंत्रिमंडल का विस्तार किया है, जिसके चलते ही शिवराज सिंह चौहान के करीबी माने जाने वाले गोपाल भार्गव और भूपेंद्र सिंह जैसे दिग्गज नेताओं को भी कैबिनेट में जगह नहीं मिल सकी।
इन्होंने ली शपथ
मंत्रिमंडल में सबसे पहले कैलाश विजयवर्गीय, प्रहलाद पटेल, राव उदय प्रताप सिंह, विश्वास सारंग, राकेश सिंह, प्रद्युम्न सिंह तोमर, करण सिंह वर्मा, इंदर सिंह परमार, विजय शाह, संपतिया उईके, नारायण सिंह कुशवाहा ने ने शपथ ली। राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार ) के रूप में कृष्णा गौर, धर्मेंद्र लोधी, दिलीप जायसवाल, गौतम टेटवाल, लेखन पटेल और नारायण पवार ने शपथ ली। राज्यमंत्री के रूप में राधा सिंह, प्रतिमा बागरी, दिलीप अहिरवार, नरेन्द्र शिवाजी पटेल ने शपथ ली। मोहन यादव सरकार में जिन 28 मंत्रियों ने सोमवार को शपथ ली. उनमें से 12 मंत्री ओबीसी कोटे से हैं। इसके अलावा जनरल कैटेगरी से 7, अनुसूचित जाति (SC) से 5 और अनुसूचित जनजाति (ST) से 4 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली है।
एमपी को विकास की नई ऊंचाईयों तक ले जाएंगे
एमपी में कैबिनेट विस्तार पर पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने शुभकामनाएं दी है। उन्होंने कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि जो सरकार ‘गुड गवर्नेंस डे’ के अवसर पर संपूर्ण आकार ले रही है. वो पीएम मोदी के नेृतत्व में और सीएम मोहन यादव की अगुवाई में अपने सभी साथियों के साथ एमपी को सुशासन देगी। एमपी को विकास की नई ऊंचाईयों तक ले जाएंगे।
सिंधिया खेमे को ज्यादा तव्वजो नहीं
हालांकि मध्य प्रदेश में कई दिग्गज नेताओं को कैबिनेट में जगह नहीं मिल सकी है। कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमे को भी खास तवज्जो नहीं मिली है। सिंधिया के करीबी 4 नेताओं को ही कैबिनेट में जगह मिली है जबकि शिवराज सरकार में 35 फीसदी मंत्री उनके कोटे के थे।
सिंधिया के तीन करीबी नेता ही बने मंत्री
मोहन यादव के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार में जिन 28 मंत्रियों को शपथ दिलाई गई है, उसमें ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमे से सिर्फ चार मंत्री ही बनाए गए हैं- प्रदुम्न सिंह तोमर, तुलसी सिलावट, गोविंद सिंह राजपूत और एदल सिंह कसाना। सिंधिया के समर्थक 8 पूर्व मंत्री ही इस बार विधानसभा चुनाव में अपनी जीत दर्ज करवा सके हैं, जबकि 3 मंत्रियों को हार का सामना करना पड़ा है। इसके अलावा छह विधायक भी बनने में सफल रहे हैं। इस तरह से सिंधिया गुट के 14 विधायक इस बार जीतने में कामयाब रहे हैं, लेकिन कैबिनेट में सिर्फ 4 करीबियों को ही जगह मिली है। एदल सिंह कसाना बाद में सिंधिया के करीबी बने हैं, जब उन्होंने कांग्रेस छोड़ी थी तब दिग्विजय सिंह के गुट के माने जाते थे।
शिवराज सरकार में था सिंधिया का दबदबा
2020 में जब कमलनाथ की सरकार को गिराकर शिवराज सिंह सरकार बनी थी तो उस समय सिंधिया के 11 करीबी नेताओं को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया था। उस समय सिंधिया गुट से गोविंद सिंह राजपूत, तुलसी सिलावट को कैबिनेट मंत्री बनाया गया था। इमरती देवी, राजवर्धन सिंह दत्तीगांव, महेंद्र सिंह सिसोदिया, प्रभुराम चौधरी और प्रद्युम्न सिंह तोमर को स्वतंत्र प्रभार जबकि बृजेंद्र सिंह यादव, गिर्राज दंडोतिया, सुरेंद्र धाकड़ और ओपीएस भदौरिया राज्यमंत्री बने थे। इसके अलावा हरदीप सिंह डंग, बिसाहूलाल सिंह और एदल सिंह कसाना को भी मंत्री बनाया गया था। ये सभी कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए थे। इस बार इनमें से सिर्फ 4 को ही कैबिनेट में जगह मिली है।