Mukhtar Ansari No More: माफिया मुख्तार अंसारी पर एक्शन लिया तो तत्कालीन मुलायम सरकार ने DSP पर दर्ज कर दिया था मुकदमा, जानें फिर क्या हुआ

लखनऊ, BNM News : पूर्व डिप्टी एसपी शैलेंद्र प्रताप सिंह (Former DSP Shailendra Pratap Singh) ने माफिया मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) के खिलाफ वर्ष 2004 में POTA (आंतकवाद निरोधक अधिनियम-2002) लगाया था। इस कार्रवाई से तत्कालीन मुलायम सरकार उनसे नाराज हो गई थी। सरकार ने उन पर पोटा खत्म करने का दबाव बनाया था। स्वाभिमानी अफसर शैलेंद्र सिंह ने इससे इन्कार कर दिया तो उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज हो गया। इस कारण उन्होंने डिप्टी एसपी पद से इस्तीफा दे दिया था।
शैलेंद्र सिंह ने यूपी पुलिस की नौकरी से इस्तीफा दे दिया
1991 बैच के पीपीएस अधिकारी शैलेंद्र सिंह जनवरी 2004 में एसटीएफ की वाराणसी यूनिट के प्रभारी डिप्टी एसपी थे। उन्होंने भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या से पहले मुख्तार अंसारी के एलएमजी (लाइट मशीन गन) खरीदने का राजफाश किया था। उन्होंने एलएमजी बरामद कर मुख्तार अंसारी के विरुद्ध पोटा लगाया था। इस पर तत्कालीन सरकार में हंगामा मच गया और शैलेंद्र सिंह पर मुकदमा वापस लेने के लिए दबाव बनाया जाने लगा। इस पर व्यथित होकर उन्होंने यूपी पुलिस की नौकरी से इस्तीफा दे दिया। इसके कुछ महीने बाद वाराणसी के कैंट थाने में शैलेंद्र सिंह के खिलाफ तोड़फोड़ मारपीट हंगामा करने की रिपोर्ट दर्ज करा दी गई। इस मामले में उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेजा गया और पुलिस ने चार्जशीट तक कोर्ट में दाखिल कर दी। योगी सरकार ने 2021 में शैलेंद्र सिंह पर दर्ज इस केस को वापस ले लिया था।
जान पर खेलकर मशीनगन को बरामद किया
उस समय की घटना को याद कर शैलेंद्र सिंह व्यथित हो जाते हैं। उनका कहना है कि मैंने अपनी जान पर खेलकर मशीनगन को बरामद किया था। कोई वहां जाने का तैयार नहीं था। सबको डर था कि लाइटगन है, एक बार में पता नहीं कितनी बार फायर करेगी। कौन बचेगा, कौन मरेगा। उसके बाद कहा गया कि आप लोग मुकदमे वापस लो नहीं तो आप लोगों को जेल में डाल देंगे। ऐसी सूरत में कौन नौकरी के लिए तैयार होता।
किसी भी व्यक्ति के कर्म ही उसके सामने आते हैं
मुख्तार की मौत पर पूर्व डिप्टी एसपी शैलेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि किसी भी व्यक्ति के कर्म ही देर सबेर उसके सामने आते हैं। प्रभु के घर में देर है अंधेर नहीं। सबको कर्मों के अनुसार फल मिलता है। वही हाल मुख्तार अंसारी का हुआ। तमाम अपराधिक मामलों की वह जेल में सजा काट रहा था।
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