Nafe Singh Rathi: कौन थे नफे सिंह राठी, अभय चौटाला ने सौंपी थी INLD प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी
नरेन्द्र सहारण, बहादुरगढ़। Nafe Singh Rathi: हरियाणा की राजनीति में नफे सिंह राठी का बड़ा नाम रहा है। वह दो बार विधायक रह चुके थे। दो बार बहादुरगढ़ नगर परिषद के चेयरमैन भी रह चुके थे। ऑल इंडियन स्टाइल रेसलिंग एसोसिएशन के अध्यक्ष भी रहे हैं। नफे सिंह एक बार रोहतक लोकसभा सीट से भी चुनाव लड़ चुके थे। नफे सिंह राठी 1996 से 2005 तक विधायक रहे हैं। नफे सिंह राठी ने पहली बार समता पार्टी की टिकट पर 1996 में विधानसभा का चुनाव लड़ा था और जीत दर्ज की थी। इसके बाद वह साल 2000 में इंडियन नेशनल लोक दल के टिकट से विधायक बने थे। उनकी हत्या ने जाटलैंड में बड़ा खाली स्थान छोड़ दिया है।
हरियाणा परिवर्तन यात्रा की कर रहे थे अगुवाई
नफे सिंह इन दिनों इंडियन नेशनल लोकदल की हरियाणा परिवर्तन यात्रा की अगुवाई कर रहे थे। वह अभय सिंह चौटाला के बहुत करीबी थे और उनके विश्वासपात्र भी थे। वो अक्सर उनके साथ राजनीति मंच साझा करते थे।
करोड़ों की संपत्ति छोड़ गए राठी
नफे सिंह राठी ने दसवीं तक की पढ़ाई की थी। उसके बाद वे राजनीति में सक्रिय हो गए थे। माई नेता इनफोर्मेशन के अनुसार 2019 विधानसभा में चुनाव लड़ते समय वह 18 करोड़ 67 लाख 13,414 संपत्ति के मालिक थे। वहीं उनपर 6 करोड़ 96 लाख 70,358 की देनदारी थी। 2014 में उनकी संपत्ति 10 करोड़ 36 लाख 91,033 और देनदारी 6 करोड़ 88 हजार 400 रुपये की देनदारी थी।
नफे सिंह राठी पर आपराधिक मामले
पूर्व विधायक नफे सिंह राठी पर बेईमानी से संपत्ति की डिलीवरी के लिए प्रेरित करने के आरोप में आईपीसी की धारा-420 के तहत दो आरोप थे। उनपर लोक सेवक, या बैंकर, व्यापारी या एजेंट द्वारा आपराधिक विश्वासघात से संबंधित मामले में धारा 409 के तहत आरोप थे। इनके अलावा नफे सिंह पर पर जालसाजी, धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी, आपराधिक विश्वासघात और आपराधिक साजिश जैसे कुछ आरोप भी शामिल हैं।
पूर्व मंत्री के बेटे की आत्महत्या का मामला
विशेष रूप से जनवरी 2023 में, हरियाणा पुलिस ने पूर्व मंत्री मांगेराम नंबरदार के बेटे और स्थानीय बीजेपी नेता की आत्महत्या के मामले में राठी और पांच अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। मृतक के बेटे की शिकायत के आधार पर राठी और अन्य पर आईपीसी की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) के तहत मामला दर्ज किया गया था।
जाटलैंड में इनेलो के बड़े नेता थे नफे सिंह राठी
हरियाणा की राजनीति का केंद्र रहे जाटलैंड में इनेलो ने नफे सिंह राठी के तौर पर बड़ा नेता खो दिया। राठी न केवल पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष थे, बल्कि रोहतक, सोनीपत व झज्जर जिले में दोबारा से पार्टी को खड़ा कर रहे थे। राठी न केवल दो बार बहादुरगढ़ से विधायक रहे, बल्कि 2009 के लोकसभा चुनाव में रोहतक सीट से 1 लाख 39 हजार वोट हासिल की थी।
इनेलो को नए सिरे से खड़ा कर रहे थे राठी
2019 के चुनाव से पहले इनेलो बिखर गई। पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला के बेटे अजय चौटाला के नेतृत्व में जजपा बनी, जिसके नेता दुष्यंत चौटाला प्रदेश के उप मुख्यमंत्री हैं। दुष्यंत चौटाला ने जब आईएनएलडी से अलग होकर जेजेपी का गठन किया था तब राठी ने उनपर जमकर हमला बोला था। वहीं, दूसरे बेटे अभय चौटाला इनेलो को फिर से खड़ा करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने बहादुरगढ़ से दो बार विधायक रहे नफे सिंह को प्रदेश अध्यक्ष बनाया था। राठी की हत्या से पार्टी के लिए रोहतक, सोनीपत व झज्जर में कद्दावर नेताओं की कमी हो गई है।
अभय चौटाला ने कहा, खुद पर हमले की आशंका जताई थी
नफे सिंह के निधन की जानकारी देते हुए अभय चौटाला ने बताया कि इंडियन नेशनल लोकदल पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व विधायक नफे सिंह जी हमारे बीच नहीं रहे। उन पर हुए कायराना हमले से पूरा इनेलो परिवार स्तब्ध है, नफे सिंह जी हमारी पार्टी ही नहीं हमारे परिवार का हिस्सा थे, वो मेरे भाई समान थे। नफे सिंह जी ने हाल में सीएम, गृहमंत्री और आइजी को खुद पर होने वाले हमले की आशंका जताते हुए सुरक्षा की मांग की थी। उस समय तो सरकार ने राजनीति की और सुरक्षा नहीं दी। क्या सरकार इसमें बराबर दोषी नहीं है? भगवान नफे सिंह जी की आत्मा को शांति दें और उनके परिवार को इस कठिन समय में दुःख सहने की शक्ति दें।
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