Narak Chaturdashi: सर्वार्थ सिद्धि और भद्रावास योग में छोटी दिवाली आज, जानें मुहूर्त से लेकर पूजा की पूरी विधि

नई दिल्ली, बीएनएम न्यूजः Narak Chaturdashi Puja Muhurat: हर साल कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को छोटी दिवाली यानी कि नरक चतुर्दशी (Narak chaturdshi) का पावन पर्व मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, छोटी दिवाली के दिन हनुमान जी का जन्म उत्सव भी मनाया जाता है, इसलिए इस दिन हनुमान जी (Hanuman ji) की पूजा करने का विशेष महत्व होता है। इस दिन यम के नाम का दीपदान भी किया जाता है।

वैदिक पंचांग के अनुसार आज यानी 30 अक्टूबर को नरक चतुर्दशी मनाई जाएगी। इस अवसर पर श्री कृष्ण के साथ कालिका माता और यमराज की पूजा भी की जाती है। दिवाली से एक दिन पूर्व मनाए जाने के कारण इसे छोटी दिवाली भी कहते हैं।

नरक चतुर्दशी तिथि पर भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। ज्योतिषियों के मुताबिक नरक चतुर्दशी पर दुर्लभ भद्रावास योग का निर्माण हो रहा है । इस योग में भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करने से व्यक्ति को हर क्षेत्र में सफलता मिलती है।

नरक चतुर्दशी शुभ मुहूर्त 

कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि आरम्भ :  30अक्तूबर, दोपहर 01:16 मिनट पर
कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि समाप्त: 31 अक्तूबर ,दोपहर 03: 52 मिनट पर
अमृत काल: 30 अक्तूबर:  दोपहर 02: 56 मिनट से सायं  04: 45 मिनट तक है

भद्रावास योग

कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को भद्रावास योग का निर्माण 30 अक्तूबर दोपहर 01 बजकर 16 मिनट से हो रहा है। वहीं, इस योग का समापन 31 अक्टूबर को देर रात 02 बजकर 35 मिनट पर होगा।  इस समय तक भद्रा पाताल लोक में रहेंगी। भद्रा के पाताल लोक में रहने के दौरान पृथ्वी पर उपस्थित सभी जीवों का कल्याण होता है।

सर्वार्थ सिद्धि योग

नरक चतुर्दशी तिथि पर सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण 30 अक्तूबर को प्रातः काल 06 बजकर 32 मिनट से रात 09:43 मिनट तक है। इस योग में भगवान कृष्ण की पूजा करने से साधक को सभी शुभ कार्यों में सिद्धि प्राप्त होगी। इस समय में छोटी दीवाली भी मना सकते हैं।

नक्षत्र योग

कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर हस्त नक्षत्र का संयोग बन रहा है जिसका समापन 31 अक्तूबर की रात्रि को 09 बजकर 43 मिनट पर होगा। इसके बाद चित्रा नक्षत्र का संयोग है। ज्योतिष शास्त्र में  हस्त नक्षत्र को शुभ माना जाता है।

छोटी दिवाली पूजा विधि

  • छोटी दिवाली को रूप चौदस के नाम से भी जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन अगर आप सुबह तिल का तेल लगाकर स्नान करते हैं तो भगवान कृष्ण के आशीर्वाद से आपको रूप और सौन्दर्य की प्राप्ति होती है।
  • इस दिन भगवान कृष्ण और यमदेव के साथ-साथ हनुमानजी की भी पूजा की जाती है। इस दिन हनुमानजी की पूजा का विशेष महत्व है। \
  • इस दिन स्नान के बाद धूप-दीप जलाकर हनुमान जी की विधिपूर्वक पूजा करनी चाहिए।
  • इस दिन लोग हनुमान चालीसा और हनुमान जी की आरती करते हैं और फिर हनुमान जी को भोग लगाते हैं।
  • इस दिन शाम को घर के प्रवेश द्वार पर चार दिशाओं वाला आटे का दीपक जलाया जाता है जिसे यम दीपक कहा जाता है।
  • यह दीपक दक्षिण मुखी सामने वाले दरवाजे पर होनी चाहिए।

नरक चतुर्दशी पर करें ये उपाय 

  • इस दिन घर के मुख्य द्वार के सामने यमराज के नाम का तेल का दीपक जलाएं. दीपक का मुख दक्षिण की ओर होना चाहिए।
  • नरक चतुर्दशी के दिन शाम के समय सभी देवी-देवताओं की पूजा करने के बाद तेल का दीपक जलाकर घर की चौखट के दोनों ओर, घर के बाहर और कार्यस्थल के प्रवेश द्वार पर रखें। इस उपाय को करने से घर में सदैव देवी लक्ष्मी का वास रहता है।
  • नरक चतुर्दशी के दिन को रूप चतुर्दशी या रूप चौदस भी कहा जाता है। सुंदरता पाने के लिए इस दिन भगवान कृष्ण की पूजा करनी चाहिए। इस तरह आप सुंदरता हासिल करते हैं।
  • नरक चतुर्दशी के दिन सबसे पहले लाल चंदन, गुलाब की पंखुड़ियां और रोली के पैकेट की पूजा की जाती है। इसके बाद इन्हें लाल कपड़े में बांधकर तिजोरी में रखेंगे तो इससे समृद्धि आएगी। साथ ही आपको स्थिर धन मिलता है।

नरक चतुर्दशी का महत्व

नरक चतुर्दशी को रूप चौदस के नाम से भी जाना जाता है और छोटी दिवाली भी कहते हैं. यह सौंदर्य प्राप्ति, आयु और बल की प्राप्ति का दिन भी माना जाता है, इस दिन कई जगह हनुमान जयंती का पर्व भी मनाया जाता है. लोग घर, दुकान, कारोबार आदि जगह साफ सफाई कर फूल और लाइट से सजावट करते हैं। शाम के समय 14 दीये जलाते हैं और एक चौमुखा दीपक यम के नाम का होता है, जिसे घर के बाहर रखा जाता है। इस दिन लोग अपने आसपास के लोगों, दोस्तों और रिश्तेदारों से मिलकर मिठाई बांटते हैं।

पांच दिवसीय दीपावली पर्व की तिथि

दीपावली पर्व की शुरुआत 29 अक्टूबर को धनतेरस के साथ हुई, उसके बाद 30 अक्टूबर को नरक चतुर्दशी, 31 अक्टूबर को दीपावली का पावन पर्व, 2 अक्टूबर को अन्नकूट और 3 नवंबर को भाई दूज और चित्रगुप्त पूजा की जाएगी।

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): ये लेख लोक मान्यताओं पर आधारित है। यहां दी गई सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए भारत न्यू मीडिया उत्तरदायी नहीं है।

यह भी पढ़ें- Diwali 2024 Date: 31 अक्टूबर या 1 नवंबर, कब है दिवाली? यहां से दूर कीजिए तिथि का कंफ्यूजन, जानें-दिवाली पूजन का शुभ मुहूर्त

VIEW WHATSAAP CHANNEL

भारत न्यू मीडिया पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज, Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट , धर्म-अध्यात्म और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi  के लिए क्लिक करें इंडिया सेक्‍शन

 

You may have missed