Nawazuddin Siddiqui: नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने बताया कैसी फिल्‍में करना है पसंद

मुंबई, बीएनएम न्‍यूज। Nawazuddin Siddiqui: आजकल फिल्मों के संवाद और सीन इंटरनेट मीडिया पर मीम्स के रूप में बड़ी तेजी से वायरल होते हैं। यह मीम्स न केवल मनोरंजन का जरिया बनते हैं, बल्कि उन फिल्मों को चर्चा में भी ले आते हैं। अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी की फिल्में भी इस मामले में पीछे नहीं हैं। उनकी फिल्मों गैंग्स ऑफ वासेपुर 2 और हरामखोर से बने मीम्स सोशल मीडिया पर खूब चलन में रहते हैं। हालांकि, खुद नवाजुद्दीन इन मीम्स का इस्तेमाल नहीं करते, लेकिन उन्हें यह पसंद जरूर है कि उनकी फिल्मों के जरिए लोग जुड़ रहे हैं।

मीम्स और नवाजुद्दीन की राय

 

नवाजुद्दीन सिद्दीकी का कहना है कि यह एक सकारात्मक पहलू है। “मैं अपनी फिल्मों के मीम्स का इस्तेमाल नहीं करता, लेकिन यह जानकर अच्छा लगता है कि ऐसा कुछ हो रहा है। ये मीम्स हमारी फिल्मों को दर्शकों के बीच चर्चा में बनाए रखते हैं,” उन्होंने कहा। उनकी फिल्म हरामखोर का एक खास सीन, जिसमें वह कहते हैं “मेरी लाश पर से चले जाओ”, इंटरनेट पर खूब वायरल हुआ। मजेदार बात यह है कि यह सीन स्क्रिप्ट का हिस्सा नहीं था। नवाजुद्दीन ने बताया कि फिल्म की शूटिंग के दौरान इसे इम्प्रोवाइज किया गया था।

हरामखोर: एक छोटी लेकिन प्रभावशाली फिल्म

 

नवाजुद्दीन ने हरामखोर के निर्माण से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें साझा कीं। यह फिल्म एक छोटे से गांव के स्कूल में शूट की गई थी और इसे महज 15 दिनों में पूरा कर लिया गया था। उन्होंने बताया कि फिल्म का बजट केवल तीन-चार लाख रुपये था। बावजूद इसके, यह फिल्म कई अवॉर्ड्स जीतने में कामयाब रही। “फिल्म का बजट मेरे लिए कभी मायने नहीं रखता। कहानी का ओरिजनल और दमदार होना ज्यादा जरूरी है,” नवाजुद्दीन ने कहा।

ओरिजनल कहानी और नए निर्देशक

 

नवाजुद्दीन का मानना है कि अच्छी फिल्मों का निर्माण बड़े प्रोडक्शन हाउस से ही नहीं होता। वह कहते हैं, “मुझे ऐसे लोगों के साथ काम करना पसंद है, जो कुछ नया लेकर आते हैं। छोटी फिल्म हो, लेकिन उसकी कहानी ओरिजनल हो। बड़े बजट या प्रोडक्शन हाउस का होना मेरे लिए महत्वपूर्ण नहीं है।” नवाजुद्दीन के करियर का यह दृष्टिकोण उन्हें अन्य अभिनेताओं से अलग करता है।

मीम्स के बढ़ते प्रभाव

 

मीम्स आज के समय में दर्शकों से जुड़ने का एक सशक्त माध्यम बन गए हैं। एक साधारण सीन, जिसे दर्शक सामान्य रूप से देखते, मीम्स के जरिए खास बन जाता है। नवाजुद्दीन की फिल्मों के संवाद और सीन अक्सर मीम्स का आधार बनते हैं, जो उनकी फिल्मों को बार-बार चर्चा में लाते हैं। गैंग्स ऑफ वासेपुर 2 में उनके संवाद और हरामखोर में उनके अभिनय की गहराई को मीम्स ने एक नया आयाम दिया है।

मीम्स का महत्व

 

नवाजुद्दीन के अनुसार, मीम्स एक तरह से फिल्मों के प्रति दर्शकों की प्रतिक्रिया व्यक्त करने का माध्यम हैं। उन्होंने कहा, “यह एक अच्छी चीज है। मीम्स फिल्मों को नया जीवन देते हैं।” अभिनेता का यह नजरिया दिखाता है कि वे इस डिजिटल युग में कला और मनोरंजन के नए रूपों को स्वीकार करते हैं।

नवाजुद्दीन का हर फिल्म के प्रति समान दृष्टिकोण

 

नवाजुद्दीन हर तरह की फिल्मों में काम करने के लिए तैयार रहते हैं। उनके लिए फिल्म का बजट मायने नहीं रखता, बल्कि कहानी का ओरिजनल और प्रभावशाली होना जरूरी है। वे कहते हैं, “मैं हर तरह की फिल्म कर लेता हूं। मेरे लिए यह जरूरी है कि फिल्म की कहानी में कुछ नया और ताजगी हो।”

अभिनय कौशल का परिचायक

 

नवाजुद्दीन सिद्दीकी का करियर न केवल उनके अभिनय कौशल का परिचायक है, बल्कि यह दिखाता है कि कैसे एक साधारण सोच और कड़ी मेहनत से वे दर्शकों के दिलों में जगह बना सकते हैं। उनकी फिल्मों के मीम्स का इंटरनेट पर चलन न केवल उन्हें चर्चा में रखता है, बल्कि उनकी फिल्मों को समय-समय पर नई पीढ़ी से भी जोड़ता है। नवाजुद्दीन का सादगीपूर्ण दृष्टिकोण और ओरिजनल कहानी की तरफ झुकाव उन्हें भारतीय सिनेमा के सबसे प्रभावशाली अभिनेताओं में से एक बनाता है।

 

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