विवाद के बाद नेटफ्लिक्स ने कंधार वेब सीरीज में बदलाव किया, ओपनिंग डिस्क्लेमर में आतंकियों के रियल और कोड नेम शामिल किए

आईसी 814 द कंधार हाईजैक' वेब सीरीज

नई दिल्ली, बीएनएम न्यूज : विवादित वेबसीरीज ‘आइसी-814 : द कंधार हाईजैक’ को लेकर सरकार की फटकार के बाद ओटीटी प्लेटफार्म नेटफ्लिक्स ने अपना डिस्क्लेमर बदल दिया है। आपत्तिजनक विषय सामग्री के संदर्भ में नेटफ्लिक्स इंडिया की कंटेंट हेड मोनिका शेरगिल सूचना एवं प्रसारण सचिव संजय जाजू के समक्ष पेश हुईं। जाजू के आफिस में 40 मिनट चली बैठक में चैनल के अधिकारियों को बताया गया कि वह ऐसे संवेदनशील मुद्दों पर देश की जनता की भावनाओं से नहीं खेल सकते हैं।

परंपराओं का आदर

केंद्र सरकार के अधिकारियों ने नेटफ्लिक्स के अफसरों को कहा कि ओटीटी प्लेटफार्म की विषय सामग्री में भारतीय सभ्यता और संस्कृति के साथ यहां की परंपराओं का भी हमेशा आदर किया जाना चाहिए। शास्त्री भवन में मंगलवार की सुबह यह बैठक केंद्र सरकार की ओर से अमेरिकी मीडिया कंपनी नेटफ्लिक्स के कंटेट हेड को तलब किए जाने पर हुई है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अधिकारियों ने कंटेंट हेड (इंडिया) मोनिका शेरगिल से कहा कि कुछ भी गलत दिखाने से पहले आपको विचार करना चाहिए। सरकार इस विषय को बहुत गंभीरता से ले रही है। आतंकियों की छवि संवारने की कोशिश ठीक नहीं है। क्या विदेशी लोगों को हमारे सांस्कृतिक मूल्यों पर कुछ भी गंदा बोलने की अनुमति देनी चाहिए? आप भले ही लिबरल हों, आप हमारी संस्थाओं को गलत रूप में नहीं दिखा सकते हैं।

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‘वैधानिक संदेश में आतंकियों के असली नाम भी होंगे’

नेटफ्लिक्स की टीम भी बैठक में अपने रिसर्च के दस्तावेजों, सीरीज के संग्रहित संदर्भों के फुटेज भी साथ लेकर आई थी। लिहाजा नेटफ्लिक्स इंडिया की कंटेंट हेड मोनिका शेरगिल ने कहा कि वर्ष 1999 की वास्तविक घटना पर आधारित इस सीरीज में अब ओपनिंग डिस्क्लेमर बदला जाएगा। सीरीज में हरकत-उल-मुजाहिदीन के आतंकियों में से दो को हिंदू नाम भोला और शंकर से संबोधित किया गया। अब फिल्म के वैधानिक संदेश में उनके असली मुस्लिम नाम क्रमश: जहूर मिस्री और शाकिर दिए जाएंगे। इधर, इस मिनी वेबसीरीज को प्रतिबंधित करने के लिए हिंदू संगठन ‘हिंदू सेना’ के प्रमुख सुरजीत सिंह यादव ने दिल्ली हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है।

इस वेब सीरीज की कहानी सीनियर जर्नलिस्ट श्रींजॉय चौधरी और देवी शरण की किताब 'फ्लाइट इन टु फियर- द कैप्टंस स्टोरी' से ली गई है।

‘आईसी 814 : द कंधार हाइजैक’ में हुए बदलाव

 

मुंबई। साल 1999 में हुए कंधार हाइजैक की घटना पर आधारित वेब सीरीज आईसी 814 : द कंधार हाईजैक इन दिनों आतंकियों को हिंदू नामों और कुछ तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर प्रस्तुत करने को लेकर विवादों में हैं। जिसके लिए शो के निर्माताओं को सरकार से भी फटकार मिली। विवाद इतना बढ़ गया कि नेटफ्लिक्स इंडिया की कंटेंट हेड मोनिका शेरगिल को इस बारे में भारतीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय से बात करने के लिए दिल्ली भी जाना पड़ा। मंगलवार को मुंबई में शो की टीम की तरफ से प्रेस वार्ता आयोजित की गई। इस दौरान शो के शुरुआत में दिखाए जाने वाले डिस्क्लेमर में बदलाव किए जाने की घोषणा की गई।

ओपनिंग डिस्क्लेमर अपडेट किया गया

मोनिका शेरगिल की तरफ से जारी आधिकारिक बयान में कहा गया कि जो दर्शक साल 1999 में इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट आईसी 814 की घटना से परिचित नहीं है, उनके फायदे को देखते हुए हाईजैकर्स के वास्तविक और कोड नेम शामिल करने के लिए ओपनिंग डिस्क्लेमर अपडेट किया जा चुका है। इस सीरीज में वही कोड नेम प्रयोग किए गए हैं, जो उस वास्तविक घटना के दौरान प्रयोग किए गए थे। भारत की किस्सागोई बहुत समृद्ध रही है। हम इन कहानियों को और उनकी प्रमाणिकता को दिखाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

विवाद के बाद सवालों से भागे अनुभव सिन्हा

इस प्रेस वार्ता में शो के निर्देशक अनुभव सिन्हा से लेकर, अभिनेता नसीरुद्दीन शाह, पंकज कपूर, मनोज पाहवा, कुमुद मिश्रा, विजय वर्मा, अभिनेत्री दीया मिर्जा और पत्रलेखा भी उपस्थित रहीं। हालांकि, इस दौरान पत्रकारों को सवाल पूछने की अनुमति नहीं थी और आधिकारिक बयान के अलावा न ही किसी ने विवाद के जुड़े मामले पर कुछ बोला। इस प्रेस वार्ता के अंत में जब एक पत्रकार ने अनुभव से इस मामले में सवाल करने का प्रयास किया भी, तो अनुभव सिन्हा ने उससे उल्टा शो देखने का सवाल पूछा और फिर बिना उसका जवाब दिए उठकर चले गए।

कोड नेम को लेकर विवाद

उल्लेखनीय है कि वर्ष 1999 दिसंबर में हरकत-उल-मुजाहिदीन के पांच आतंकियों इब्राहिम अख्तर, शाहिद अख्तर सईद, सनी अहमद काजी, जहूर मिस्त्री और शाकिर ने काठमांडू से दिल्ली आने वाली आईसी 814 फ्लाइट को हाइजैक कर लिया था। शो में आतंकियों को उनके कोड नेम चीफ, डाक्टर, बर्गर, भोला और शंकर नाम से दिखाया गया है। शो के ज्यादातर हिस्से में आतंकियों को इन कोड नेम के साथ दिखाए जाने को लेकर विवाद चल रहा है, विशेषकर भोला और शंकर हिन्दू नामों के साथ। जिसको लेकर कई संगठनों ने शो में बदलाव करने की मांग की है।

नसीरुद्दीन शाह को था इस्लामोफोबिया का डर

 

साल 1999 में हुई यह घटना हर देशवासी के लिए एक चिंता का विषय थी। हालांकि, उस दौरान अभिनेता नसीरुद्दीन शाह को अलग ही चिंता सता रही थी। वह थी देश में इस्लामोफोबिया फैलने की। प्रेस वार्ता में उन्होंने अपनी उस समय की स्थिति पर बात करते हुए कहा कि पिछली सदी के अंत में जब यह (घटना) हुई थी, उस समय मैं करीब 50 साल का था। मुझे याद है कि मैं बहुत परेशान था, क्योंकि मुझे डर था कि यह इस्लामोफोबिया की एक और लहर को उकसाएगी। हालांकि, किस्मत से उस समय ऐसा नहीं हुआ। हालांकि, मुझे याद है इस घटना को लेकर मैं कितनी चिंता में था और इससे क्या हो सकता था। शो में नसीरुद्दीन शाह ने कैबिनेट सेक्रेटरी विनय कौल की भूमिका निभाई है।

 

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