हरियाणा सीएम का शपथग्रहण अब 17 अक्टूबर को, पीएम मोदी होंगे शामिल, नायब कैबिनेट में ये मंत्री ले सकते हैं शपथ

नरेन्द्र सहारण, चंढ़ीगढ़ः हरियाणा सीएम का शपथग्रहण समारोह अब 17 अक्टूबर को होगा। यह तीसरी बार है जब प्रदेश के सीएम के शपथग्रहण समारोह की तारीख बदली गई है। इससे पहले 12 और 15 अक्टूबर की तारीख तय की गई थी।

शुक्रवार शाम को केंद्रीय नेतृत्व ने कार्यवाहक मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को दिल्ली बुलाया था। यहां सैनी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। जहां देर रात तक बैठक हुई, जिसमें शपथग्रहण समारोह और सैनी मंत्रिमंडल पर चर्चा हुई। समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत कई केंद्रीय मंत्री और भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री भी शामिल होंगे।

पंचकूला के परेड ग्राउंड में होगा सीएम का शपथ ग्रहण

पंचकूला के सेक्टर 5 स्थित परेड ग्राउंड में शपथग्रहण समारोह होगा। यहां तैयारियां चल रही हैं। मंच बनाया जा रहा है। सड़कों की सफाई हो रही है। करीब 10 हजार कुर्सियां लगाई जा रही हैं। 11 अक्टूबर को पूर्व सांसद संजय भाटिया और एडीजीपी आलोक मित्तल ने परेड ग्राउंड में तैयारियों का जायजा लिया था।

तीन निर्दलीय भी भाजपा के साथ

भाजपा बहुमत में है हालांकि तीन निर्दलीय विधायकों सावित्री जिंदल, देवेंद्र कादियान और राजेश जून ने भाजपा को समर्थन देने की घोषणा की है। पार्टी के पक्ष में अब 51 सदस्य हो गए हैं। सरकार को समर्थन की घोषणा करने वाले तीन निर्दलीय विधायकों में से एक को मंत्री बनाया जा सकता है।

नए चेहरों को मिल सकता है मौका

पिछली सैनी सरकार के दस में से आठ मंत्री और विधानसभा अध्यक्ष चुनाव हार गए हैं। ऐसे में नई सरकार में नए चेहरों को माैका दिया जा सकता है। दिवंगत बंसीलाल की पौत्री श्रुति चौधरी का मंत्रिमंडल में शामिल होना तय माना जा रहा है।

सैनी का मुख्यमंत्री बनना तय  

हरियाणा के अगले मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ही होंगे। पार्टी के अंदर इसको लेकर कोई शंका नहीं है। पीएम मोदी व शाह अपनी रैलियों में नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री का चेहरा बता चुके हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर कोई सस्पेंस नहीं है। हालांकि डिप्टी सीएम के फार्मूले को लेकर पार्टी के अंदर चर्चा शुरू हो गई है।

मंत्री पद के लिए इन नामों पर चर्चा

अनिल विज : अंबाला कैंट से सातवीं बार विधायक चुने गए हैं। भाजपा के सबसे वरिष्ठ नेताओं में शामिल हैं।
कृष्ण लाल पंवार : इसराना से विधायक चुने गए हैं। मनोहर सरकार के मंत्रिमंडल में शामिल थे। पार्टी का दलित चेहरा हैं।
मूलचंद शर्मा : बल्लभगढ़ से तीसरी बार जीते मूल चंद शर्मा मनोहर व सैनी सरकार में मंत्री रह चुके हैं। ब्राह्मण समुदाय से आते हैं।
महिपाल ढांडा : पानीपत ग्रामीण से तीसरी बार विधायक चुने गए महिपाल ढांडा सैनी सरकार में मंत्री थे। पार्टी के पुराने नेताओं में शामिल। जाट बिरादरी से आते हैं।
विपुल गोयल : फरीदाबाद से चुने गए गोयल मनोहर सरकार में मंत्री थी। वैश्य प्रतिनिधित्व देने के लिए गोयल को मौका मिल सकता है।
रणबीर गंगवा : बरवाला से जीते रणबीर गंगवा मंत्रिमंडल और स्पीकर बनने की दौड़ में हैं। ओबीसी के कुम्हार जाति से आते हैं।
राव नरबीर : बादशाहपुर से 60 हजार मतों से जीते मनोहर सरकार में पीडब्ल्यूडी मंत्री थे। वह राव इंद्रजीत के विरोधी खेमे से आते हैं। इंद्रजीत को बैलेंस करने के लिए राव नरबीर का कद बढ़ा सकती है।
आरती राव : केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत की बेटी। उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल कर पार्टी युवा, महिला व अहीरवाल क्षेत्र को प्रतिनिधित्व दे सकती है।
कृष्ण कुमार बेदी : नरवाना से जीते बेदी मनोहर सरकार में मंत्री थे। दलित चेहरा होने की वजह से दावा मजबूत है।
हरविंद्र कल्याण : घरौंदा से तीसरी बार जीते हरविंद्र कल्याण स्पीकर व मंत्री बनने की दौड़ में हैं। वह रोड जाति से हैं।
सावित्री जिंदल या कृष्णा गहलावत : भाजपा को समर्थन देने वाली सावित्री जिंदल को भी मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है। वह काफी वरिष्ठ नेता हैं। वहीं, राई से चुनी गई विधायक कृष्णा गहलावत के नाम पर भी चर्चा है। वह जाट बिरादरी से हैं।
डा. कृष्ण लाल मिड्डा : पंजाबी समुदाय से आते हैं। तीसरी बार विधायक चुने गए हैं। मनोहर के करीबियों में होती है गिनती।
राजेश नागर : तिगांव से विधायक। गुर्जर समुदाय को प्रतिनिधित्व देने के लिए पार्टी उन्हें भी मंत्रिमंडल में शामिल कर सकती है।

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