कुख्यात माफिया मुख्तार अंसारी को फर्जी शस्त्र लाइसेंस मामले में आजीवन कारावास, कोर्ट ने की गंभीर टिप्पणी

वाराणसी, BNM News : कुख्यात माफिया मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) को फर्जीवाड़ा कर दोनाली बंदूक का लाइसेंस प्राप्त करने के 37 वर्ष पुराने मामले में अदालत ने बुधवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। विशेष न्यायाधीश (MP MLA Court) अवनीश गौतम ने दो लाख दो हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। अर्थदंड नहीं देने पर छह माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। मुख्तार अंसारी को बीते 17 माह में आठ मामलों में सजा मिली है। उसमें भी दूसरी बार आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है।
फैसला सुनने के बाद कोई प्रतिक्रिया नहीं दी
मुख्तार अंसारी बांदा जेल से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये सफेद टोपी और काली सदरी पहने अदालत में पेश हुआ। उसने जज का फैसला सुनने के बाद उसने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी और हाथ जोड़कर सिर्फ इतना कहा कि ठीक है। मुख्तार अंसारी को इससे पहले पांच जून 2023 को इसी अदालत ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय के बड़े भाई अवधेश राय की हत्या में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
युवाओं को दुष्प्रेरित कर आदर्श बन जाते हैं मुख्तार जैसे माफिया : कोर्ट
अदालत ने फैसले में कहा कि मुख्तार अंसारी ने तत्कालीन आयुध लिपिक गौरीशंकर श्रीवास्तव के साथ आपराधिक षड्यंत्र कर जिलाधिकारी जैसे वरिष्ठतम अधिकारी के कूटरचित हस्ताक्षर बनवाकर शस्त्र लाइसेंस ले लिया। यह उसके दुस्साहस के साथ ही आपराधिक मनोवृत्ति को दर्शाता है। ऐसे लोग जो इस तरह के अपराध और मनमानी करके अपराध की दुनिया में पहचान बनाते हैं, कई बार युवाओं के अपरिपक्व मस्तिष्क को दुष्प्रेरित कर उनके आदर्श बन जाते हैं और इसका दुष्प्रभाव समाज को भुगतना पड़ता है। समय पर समूचित कार्रवाई के अभाव में यही लोग आगे चलकर माफिया बनते हैं। मुख्तार का आपराधिक इतिहास इसकी पुष्टि करता है। जिस तरह से उसने जिले के सबसे बड़े अधिकारी के फर्जी हस्ताक्षर से शस्त्र लाइसेंस की अनुमति ली, इसे सामान्य अपराध नहीं माना जा सकता। इस प्रकार से प्राप्त हथियार समाज तथा राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी बहुत बड़ा खतरा होते हैं। इसलिए कठोर दंड देकर ऐसे असामाजिक तत्वों को हतोत्साहित किया जाना आवश्यक है।
मुख्तार, तत्कालीन एसडीएम समेत अन्य के खिलाफ दर्ज हुआ था मुकदमा
अदालत में सजा के बिंदुओं पर सुनवाई शुरू हुई तो मुख्तार के वकील श्रीनाथ त्रिपाठी ने दलील दी कि इस मामले में मुख्तार अंसारी की कोई सक्रिय भूमिका नहीं है। शस्त्र लाइसेंस के लिए आवेदन पत्र देना सामान्य प्रक्रिया है। मुख्तार अंसारी के खिलाफ पत्रावली पर कोई भी अभिलेखीय साक्ष्य नहीं मिले कि उसने हस्ताक्षर में कोई छेड़छाड़ की थी। अभियोजन पक्ष की ओर से एडीजीसी विनय कुमार सिंह व सीबीसीआइडी के वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी उदयराज शुक्ला ने मुख्तार को अधिक से अधिक सजा देने की अपील की। अब तक सात आपराधिक मामलों में विभिन्न अदालतों से मिली सजाओं का हवाला भी दिया। मुख्तार ने दस जून 1987 को दोनाली बंदूक के लाइसेंस के लिए जिला मजिस्ट्रेट को प्रार्थना पत्र दिया था। डीएम एवं एसपी के फर्जी हस्ताक्षर से संस्तुति प्राप्त कर शस्त्र लाइसेंस प्राप्त भी कर लिया। आलोक रंजन वर्ष 1985-86 में गाजीपुर के जिलाधिकारी थे जबकि मुख्तार ने 10 जून 1987 को लाइसेंस के लिए प्रार्थना पत्र दिया था। आलोक रंजन ने नौ मई 1989 को पत्र लिखकर गाजीपुर के तत्कालीन जिलाधिकारी जगन मैथ्यूज को बताया था कि मुख्तार के नाम से जारी दोनाली बंदूक के लाइसेंस पर उनके फर्जी हस्ताक्षर हैं। सीबीसीआइडी ने चार दिसंबर 1990 को गाजीपुर के मुहम्मदाबाद थाना में मुख्तार, तत्कालीन डिप्टी कलेक्टर समेत पांच नामजद एवं अन्य अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। जांच के बाद तत्कालीन आयुध लिपिक गौरीशंकर श्रीवास्तव और मुख्तार के खिलाफ 1997 में अदालत में आरोपपत्र प्रेषित किया गया। मुकदमे की सुनवाई के दौरान गौरीशंकर श्रीवास्तव की मृत्यु हो गई। मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव आलोक रंजन, पूर्व डीजीपी देवराज नागर समेत दस गवाहों का बयान दर्ज किया गया।
धारा 467 में मिली आजीवन कारावास की सजा
एडीजीसी विनय कुमार सिंह के अनुसार कूटरचना करके फर्जी दस्तावेज तैयार करने के मामलों में धारा 467 लागू होती है। इसमें आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है। अदालत ने फर्जी शस्त्र लाइसेंस प्राप्त करने के मामले में मुख्तार को इसी धारा में उम्र कैद दी है। उसके खिलाफ आइपीसी की धारा 420, 467, 468, 120 बी, आयुध अधिनियम की धारा 30 व भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13 (2) में मुकदमा दर्ज किया गया था।
भारत न्यू मीडिया पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज, Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट , धर्म-अध्यात्म और स्पेशल स्टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें इंडिया सेक्शन