उत्तर भारत में अब उमस भरी गर्मी, अभी नहीं मिलेगी राहत

नई दिल्ली,बीएनएम न्यूज: मानसून पूर्व बारिश ने पूर्वोत्तर और दक्षिण भारत को गर्मी से निजात दिला दी है, लेकिन उत्तर-पश्चिम भारत के राज्य अभी भी सुलग रहे हैं। दिल्ली एवं पश्चिमी उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों में पिछले दो सप्ताह से प्रचंड गर्मी का कहर जारी है।

पहले पाकिस्तान की ओर से शुष्क हवा आ रही थी, किंतु अब बंगाल की खाड़ी में चक्रवात की स्थिति बनने से हवा की दिशा बदल सकती है। दिल्ली की ओर पूर्व से नमी वाली हवा आ सकती है। इससे उत्तर-पश्चिम भारत के तापमान में गिरावट तो आ सकती है, किंतु चार-पांच दिनों तक उमस भरी गर्मी परेशान कर सकती है।

निजी एजेंसी स्काइमेट के अनुसार राजस्थान, पंजाब, दिल्ली, हरियाणा, पश्चिम मध्य प्रदेश एवं गुजरात में गर्मी से अभी राहत मिलने वाली नहीं है। आइएमडी ने अगले चार-पांच दिनों तक यथास्थिति बने रहने की चेतावनी जारी की है। ऐसे में दिल्ली और हरियाणा में चुनाव के दिन 25 मई को भी गर्मी कम होने की उम्मीद नहीं है। तापमान 40-44 डिग्री के आसपास बना रह सकता है और रातें भी सामान्य से ज्यादा गर्म हो सकती हैं। अभी भी राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, मध्य प्रदेश, गुजरात एवं पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई क्षेत्रों का तापमान 40-44 डिग्री के बीच बना हुआ है। सबसे ज्यादा चपेट में राजस्थान है। यहां पर भीषण गर्मी जानलेवा होने लगी है। राज्य में दो दिनों में सात लोगों की मौत हो चुकी है। गुरुवार को बाड़मेर का तापमान 48.8 डिग्री पहुंच गया। जयपुर, चूरू, जैसलमेर, जोधपुर, पिलानी, पाली एवं गंगानगर समेत कई शहरों का तापमान इस वर्ष के उच्चतम शिखर पर है।

पहाड़ी इलाकों में वर्षा से राहत

जम्मू-कश्मीर के कई जिलों में भीषण गर्मी से बेहाल लोगों को गुरुवार दोपहर बाद वर्षा से काफी राहत मिली। कटड़ा में माता वैष्णो देवी भवन और आसपास के क्षेत्रों, कठुआ के बिलावर क्षेत्र में तेज वर्षा हुई। ऊधमपुर, रियासी और राजौरी जिले में भी बूंदाबांदी होने से लोगों को काफी राहत मिली है। हिमाचल प्रदेश के कई क्षेत्रों में भी वर्षा होने से भीषण गर्मी से राहत मिली है। सुबह के बाद शाम को कांगड़ा जिले में वर्षा होने से वनों में लगी आग भी बुझी है। उत्तराखंड में पहाड़ से मैदान तक बादल मंडराते रहे। दून समेत आसपास के क्षेत्रों में दिनभर धूप की आंख-मिचौनी चलती रही। हालांकि, पर्वतीय क्षेत्रों में गर्मी से कुछ राहत है और बारिश के आसार बने हुए हैं।

आगे बढ़ा मानसून

बंगाल की दक्षिणी खाड़ी एवं अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के कुछ हिस्सों में मानसून आगे बढ़ा है। स्थितियां अच्छी बनी हुई हैं। बिहार, बंगाल एवं ओडिशा में मानसून पूर्व वर्षा होने लगी है। केरल में मानसून पूर्व बारिश के चलते सात लोगों की मौत हो गई है। मौसम विभाग ने एर्नाकुलम और त्रिशूर जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। अगले 24 घंटे के दौरान लक्षद्वीप और अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में हल्की से मध्यम वर्षा और गरज के साथ कुछ स्थानों पर भारी वर्षा की संभावना है। बुधवार को दक्षिणी महाराष्ट्र, तेलंगाना, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़, सिक्किम, असम एवं बंगाल में मध्यम वर्षा हुई। दक्षिण-पूर्वी राजस्थान पर भी चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है, जहां से एक ट्रफ लाइन मध्य प्रदेश होते हुए झारखंड तक जा रही है।

बंगाल की खाड़ी में चक्रवात

पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी में मौसम के पहले चक्रवात की स्थिति बन चुकी है। अगले दो दिनों में उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ने और तूफान में बदलने की आशंका है। हालांकि यह म्यांमार-बांग्लादेश सीमा की ओर बढ़ रहा है, लेकिन माना जा रहा है कि आगे बढ़ने से पहले यह बंगाल-ओडिशा तट के पास खतरनाक रूप धारण कर सकता है। इसके प्रभाव से ओडिशा के तटीय जिलों में वर्षा होने की भी संभावना है। तूफान बनने के बाद यह ‘रैमल’ नाम से जाना जाएगा। इससे बड़ी क्षति की संभावना नहीं है फिर भी कई मौकों पर देखा गया है कि चक्रवात सामान्य नियमों को तोड़कर भयानक हो जाता है।

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