बच्चे पर आपत्तिजनक टिप्पणी, पुलिस को नहीं दी जानकारी, मां को राहत से हाईकोर्ट का इन्कार, जानें क्या है मामला

नरेन्द्र सहारण, चंडीगढ़: बच्चे पर स्कूल में आपत्तिजनक टिप्पणियों की शिकायत पुलिस को न देने और बाद में बच्चे द्वारा आत्महत्या करने के चलते मां को ट्रायल में सह आरोपित बनाने के लिए प्रिंसिपल की अर्जी को खारिज करने से पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने इन्कार कर दिया है। हाईकोर्ट ने कहा कि यह ट्रायल कोर्ट को तय करना है कि नोटिस पर जवाब आने के बाद मां पर ट्रायल चलेगा या नहीं। याचिका दाखिल करते हुए बच्चे की मां ने हाईकोर्ट को बताया कि उसके बेटे को सहपाठियों द्वारा लगातार परेशान किया जा रहा था। इस बारे में याची ने स्कूल प्रबंधन को शिकायत दी थी लेकिन उनके कदम न उठाने के चलते याची के बेटे ने आत्महत्या कर ली थी।

याची को भी आरोपित के तौर पर समन करने की मांग

 

इस मामले में स्कूल की प्रिंसिपल समेत अन्य के खिलाफ पोक्सो एक्ट में ट्रायल चल रहा है। इस मामले में प्रिंसिपल ने अर्जी दाखिल करते हुए याची को भी आरोपित के तौर पर समन करने की मांग की है। इस अर्जी पर ट्रायल कोर्ट ने याची को नोटिस जारी कर दिया है जबकि याची तो मृतक की मां होने के नाते पीड़ित है। हाईकोर्ट ने कहा कि पोक्सो एक्ट के तहत बच्चे के साथ किसी भी प्रकार का अपराध होने पर इसकी जानकारी रखने वाले के लिए इसे पुलिस को बताना अनिवार्य है। याची ने इस बारे में पुलिस को जानकारी नहीं दी। इसी के चलते याची को इस मामले में सह आरोपित बनाने को लेकर पक्ष रखने का मौका दिया गया है। अब यह ट्रायल कोर्ट को तय करना है कि याची पर सह आरोपित के तौर पर ट्रायल चलेगा या नहीं।

यह था मामला

 

फरीदाबाद के स्कूल में 10वीं कक्षा के एक छात्र ने शारीरिक व्यवहार को लेकर सहपाठियों की आपत्तिजनक टिप्पणियों के चलते आत्महत्या कर ली थी। शिकायत के आधार पर पुलिस ने इस मामले में एफआइआर दर्ज की थी और प्रिंसिपल को भी आरोपी बनाया गया था।

 

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