Pahalgam Terrorist Attack: पुलवामा के बाद कश्मीर में सबसे बड़ा हमला, दो विदेशियों सहित 26 की मौत

श्रीनगर, बीएनएम न्यूज : Pahalgam Terrorist Attack: कश्मीर में सुरक्षा और विश्वास के वातावरण की बहाली के प्रयासों के बीच पाकिस्तान समर्थित आतंकियों ने मंगलवार दोपहर को प्रसिद्ध पर्यटन स्थल पहलगाम के बैसरन में एक भीषण हमला कर दिया। इस हमले में 26 लोग मारे गए और दो दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए। मृतकों में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और नेपाल के दो विदेशी पर्यटक तथा भारत के विभिन्न राज्यों के सैलानी और स्थानीय लोग शामिल हैं।
आतंकियों की उपस्थिति और हमले का तरीका
आतंकियों ने बैसरन की वादियों में पर्यटकों से घूम-घूमकर उनका नाम और धर्म पूछा और फिर बेहद करीब से गोलियां चलाईं। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, यह हमला उस समय हुआ जब पर्यटक एक खुले रेस्तरां में भोजन कर रहे थे और तस्वीरें खींच रहे थे। अचानक गोलियों की आवाज सुनाई दी और पूरे क्षेत्र में अफरा-तफरी मच गई। नरसंहार का यह खूनी खेल लगभग 10-15 मिनट तक चला, जिसके दौरान हमलावर घूम-घूमकर गोलियां चलाते रहे।
पीएम मोदी की त्वरित प्रतिक्रिया
इस घटना के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सऊदी अरब से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ तत्काल बातचीत की। गृह मंत्री अमित शाह ने श्रीनगर पहुँचकर सुरक्षा अधिकारियों के साथ एक आपात बैठक की। जानकारी के अनुसार, वे अगले दिन पहलगाम जा सकते हैं। इस बीच, हेलीकाप्टर का इस्तेमाल कर घायलों को बैसरन से नीचे लाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया।
कश्मीर में आतंक का नया चेहरा
यह कश्मीर में पर्यटकों या श्रद्धालुओं पर अब तक का सबसे बड़ा आतंकी हमला है। इससे पहले भी 2000 में आतंकियों ने पहलगाम में अमरनाथ श्रद्धालुओं पर हमला किया था, जिसमें 21 श्रद्धालु समेत 32 लोग मारे गए थे। फरवरी 2019 में पुलवामा हमले ने भी कश्मीर में सुरक्षा की स्थिति को गंभीर रूप से प्रभावित किया था। वर्तमान हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा के मुखौटा संगठन द रजिस्टेंस फोर्स (टीआरएफ) ने ली है, जो कश्मीर में आतंक का नया रूप बन चुका है।
हमले के बाद की सुरक्षा स्थिति
इस हमले के बाद सुरक्षा बलों ने आतंकियों की गिरफ्तारी के लिए बड़ा अभियान छेड़ा है। संबंधित अधिकारियों ने कहा है कि संभवतः आतंकियों ने किश्तवाड़ से बैसरन तक पहुंचने के लिए एक जटिल मार्ग अपनाया है, जो कि सुरक्षा बलों के लिए चैलेंज है। इसके अलावा, स्थानीय प्रशासन ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए इलाके में सुरक्षा को कड़ा कर दिया है।
जम्मू-कश्मीर में बंद का आह्वान
इस हमले के विरोध में विभिन्न हिंदू संगठनों और राजनीतिक दलों ने जम्मू-कश्मीर में बंद का आह्वान किया है। पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने भी कश्मीरियों से इसे सफल बनाने की अपील की है। विभिन्न संगठनों ने आतंकवादी हमले की निंदा करते हुए पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन किए और कैंडल मार्च निकाले।
अमरनाथ यात्रा और कश्मीर का पर्यटन
अमरनाथ यात्रा के लिए पहलगाम रूट बेहद महत्वपूर्ण है, जिसे तीन दिनों में पूरा किया जा सकता है। यह यात्रा 3 जुलाई से शुरू होकर 9 अगस्त तक चलेगी। पिछले वर्षों में आतंकवादी हमलों ने इस क्षेत्र में पर्यटन और श्रद्धालुओं की सुरक्षा को प्रभावित किया है।
कश्मीर में सुरक्षा स्थिति को लेकर चिंताएँ बढ़ती जा रही हैं। इस घटना ने न केवल स्थानीय प्रशासन बल्कि देशभर के लोगों के मन में आतंकवाद के खिलाफ एक ठोस संदेश दिया है कि सुरक्षा को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। आशा की जाती है कि सरकार इस स्थिति में सुधार लाने के लिए ठोस कदम उठाएगी, जिससे कश्मीर में फिर से एक सुरक्षित और शांतिपूर्ण वातावरण का निर्माण हो सके।
आतंकवादी हमले पर प्रतिक्रियाएं
हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में एक आतंकवादी हमले ने सभी को चौंका दिया है। यह हमला खासकर पर्यटकों पर हुआ जो बेहद संवेदनशील और अमानवीय कृत्य है। विभिन्न नेताओं और जिम्मेदार व्यक्तियों ने इस घटना की कड़ी निंदा की है, और हमले में हताहत हुए परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु की प्रतिक्रिया
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने इस घटना की निंदा करते हुए इसे एक “नृशंस और अमानवीय कृत्य” बताया। उन्होंने कहा कि निर्दोष नागरिकों और पर्यटकों पर होना यह हमला न केवल भयावह है बल्कि अक्षम्य भी है। मृतकों के परिवारों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करते हुए उन्होंने घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य की प्रार्थना की।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का संदेश
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस हमले की कड़ी आलोचना की और शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि घायल लोगों की जल्दी ठीक होने की प्रार्थना की जा रही है और प्रभावितों को हर संभव सहायता प्रदान की जा रही है। मोदी ने यह भी बताया कि इस जघन्य कृत्य के पीछे जो लोग हैं, उन्हें न्याय के कटघरे में लाया जाएगा और उनका नापाक एजेंडा कभी सफल नहीं होगा। उन्होंने आतंकवाद से लड़ने के संकल्प की बात की और कहा कि यह और भी मजबूत होगा।
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा का संदेश
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि पहलगाम में आतंकियों को मार गिराने के लिए एक अभियान शुरू कर दिया गया है। उन्होंने देश में इस हमले के प्रति गुस्से को साझा किया और आश्वस्त किया कि हमले के दोषियों को उनके जघन्य कृत्य के लिए बहुत भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। शोक संतप्त परिवारों के प्रति उनकी हार्दिक संवेदनाएं थी।
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की आलोचना
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि पर्यटकों पर हमला एक घृणित घटना है। उन्होंने अपराधियों को जानवर और अमानवीय कहा और इसे नागरिकों पर किए गए हमलों में से सबसे बड़ा हमला करार दिया। उन्होंने मृतकों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की और इस प्रकार की हिंसा को अस्वीकार्य बताया।
महबूबा मुफ्ती का संदेश
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा कि इस तरह की हिंसा अस्वीकार्य है और इसकी निंदा की जानी चाहिए। उन्होंने इसे चिंताजनक बताया, क्योंकि historically कश्मीर ने पर्यटकों का गर्मजोशी से स्वागत किया है। उन्होंने भविष्य में हमलों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता पर जोर दिया और पीड़ितों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं।
देश के लिए एक नाजुक क्षण
पहलगाम में हुआ यह हमला न केवल जम्मू-कश्मीर बल्कि पूरे देश के लिए एक नाजुक क्षण है। देश के नेताओं ने इस हमले की निंदा की है और सभी ने शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना जाहिर की है। यह घटना न केवल एक आतंकवादी गतिविधि है, बल्कि यह एक चेतावनी भी है कि हमें आतंकवाद के खिलाफ अपनी एकता और संकल्प को मज़बूत करना होगा। सरकार को इस दिशा में सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में ऐसे हमले न हों और जम्मू-कश्मीर में अमन-चैन कायम रहे।
2000 से अब तक जम्मू-कश्मीर में नागरिकों पर हुए प्रमुख आतंकवादी हमले
21 मार्च 2000– अनंतनाग जिले के छत्तीसिंहपोरा गांव में आतंकवादियों ने सिख समुदाय को निशाना बनाया, जिसमें 36 लोग मारे गए।
दो अगस्त 2000- नुनवान बेस कैंप पर हुए आतंकी हमले में दो दर्जन अमरनाथ तीर्थयात्रियों सहित 32 लोग मारे गए।
20 जुलाई 2001- अनंतनाग के शेषनाग बेस कैंप पर अमरनाथ यात्रियों को फिर से निशाना बनाया गया, जिसमें 13 लोग मारे गए।
एक अक्टूबर 2001- श्रीनगर में जम्मू और कश्मीर राज्य विधानमंडल परिसर पर आत्मघाती (फिदायीन) आतंकवादी हमले में 36 लोग मारे गए।
छह अगस्त 2002- चंदनवारी बेस कैंप पर आतंकी हमला हुआ और 11 अमरनाथ यात्री मारे गए।
23 नवंबर 2002- दक्षिण कश्मीर के लोअर मुंडा में जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर एक आइईडी विस्फोट में नौ सुरक्षा बल कर्मियों, तीन महिलाओं और दो बच्चों सहित 19 लोगों की जान चली गई।
23 मार्च 2003- आतंकवादियों ने पुलवामा जिले के नंदीमार्ग गांव में 11 महिलाओं और दो बच्चों सहित 24 कश्मीरी पंडितों की हत्या कर दी।
13 जून 2005- पुलवामा में एक सरकारी स्कूल के सामने भीड़भाड़ वाले बाजार में विस्फोटकों से लदी एक कार में विस्फोट होने से दो स्कूली बच्चों और तीन सीआरपीएफ अधिकारियों सहित 13 नागरिक मारे गए और 100 से अधिक लोग घायल हो गए।
26 मई 2006- श्रीनगर के जकूरा इलाके में आतंकी हमले में गुजरात के चार पर्यटकों की मौत।
12 जून 2006- कुलगाम में नौ नेपाली और बिहारी मजदूर मारे गए।
नौ जून 2024- रियासी में शिवखोड़ी के श्रद्धालुओं की बस पर आतंकियों ने गोलियां बरसाई। नौ यात्रियों की मौत और 41 घायल
10 जुलाई, 2017- कुलगाम में अमरनाथ यात्रा बस पर हमले में आठ की मौत।
(इन हमलों के अलावा, सुरक्षाकर्मियों को भी लगातार हिंसा का सामना करना पड़ रहा है। इसका एक उल्लेखनीय उदाहरण 2019 का पुलवामा हमला था, जिसमें सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे।)