Pahalgam Terrorist Attack : नेवी के अफसर विनय नरवाल का हुआ अंतिम संस्कार, बेटे की अर्थी को मां ने दिया कंधा, बहन ने दी मुखाग्नि

नरेन्द्र सहारण, करनाल :Pahalgam Terrorist Attack : एक सप्ताह में यहां सबकुछ बदल गया। इन सात दिनों में इस घर को दुनियाभर की तमाम खुशियां भी मिलीं। इकलौते चिराग से रोशन था घर-आंगन। …और अब इस आंगन में मातम ने डेरा डाल लिया है। हृदय द्रवित करने वाला यह दृश्य है, नौसेना के लेफ्टिनेंट विनय नरवाल के करनाल के सेक्टर 7 स्थित मकान नंबर 1446 का। सप्ताहभर पहले जो घर शादी की खुशी में रंग बिरंगी लाइटों से नहाया हुआ था, उस घर ने अब सफेद रंग (परिवार में मौत होने पर लगाया जाने वाला टेंट) की चादर ओढ़ ली है। विनय नरवाल की पत्नी हिमांशी अभी जीवन की नई शुरुआत को लेकर खुश थी। मेहंदी और लाल चूड़े से सजे हाथ ऐसे सूने हो जाएंगे, उसे जरा भी आभास नहीं था। मेहंदी का रंग भी अब तक फीका नहीं पड़ा था कि उसकी दुनिया उजड़ गई। खुशियों की बंटती मिठाई अब घर के एक कोने में पड़ी हैं।
हजारों लोगों ने अंतिम विदाई दी
नेवी लेफ्टिनेंट विनय नरवाल को बुधवार सायं हजारों लोगों ने अंतिम विदाई दी। सैन्य सम्मान के साथ सलामी दी गई और छोटी बहन सृष्टि ने चिता को मुखाग्नि दी। भाई को सेल्यूट किया और कहा कि पूरा परिवार, प्रदेश और देश तुझ पर नाज करता है। शाम 6 बजे दिल्ली नेवी मुख्यालय से लेफ्टिनेंट विनय नरवाल का पार्थिव शरीर जैसे ही घर पहुंचा, भारत माता के जयकारे और विनय नरवाल अमर रहे के नारे गूंज उठे। गुस्साए लोगों ने पाकिस्तान के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाए। करीब एक घंटा तक घर पर अंतिम दर्शन कराने के बाद शव को माडल टाउन स्थित शिवपुरी श्मशान घाट लाया गया।
यहां हजारों की संख्या में लोगों ने बलिदानी को नम आंखों से नमन किया। जैसे ही विनय के पार्थिव शरीर को उठाया गया, बहन सृष्टि ने कहा-वह अपने भाई का अंतिम संस्कार करेगी। मां ने भी बेटे की अर्थी को कंधा दिया। अंतिम दर्शन के लिए सैकड़ों की भीड़ उमड़ी। भारत माता की जय, पाकिस्तान मुर्दाबाद, जब तक सूरज चांद रहेगा विनय नरवाल तेरा नाम रहेगा के नारे गूंजे। हालांकि, इससे पहले पत्नी हिमांशी के मुखाग्नि देने की बात कही जा रही थी। बहन ने अपने बड़े भाई को अपना आदर्श बताते हुए कहा कि भाई को अंतिम विदाई वह खुद देगी।
बचपन से था सेना में भर्ती होने का जज्बा
बचपन से ही विनय नरवाल में सेना में भर्ती होने का जज्बा था। इसमें उसका वजन बाधा बन रहा था, लेकिन उसने अपने जुनून से वजन पर भी जीत पा ली थी। विनय की लंबाई 6 फीट 3 इंच थी। चार साल पहले उसका वजन 128 किलोग्राम हो गया था। उसने अपना 50 किलोग्राम वजन कम किया। 78 किलोग्राम भार वर्ग में चयन हुआ।
पिता की दोस्ती रिश्तेदारी में बदली
विनय के पिता राजेश नरवाल और हिमांशी के पिता सुनील कुमार एक साथ सरकारी नौकरी लगे थे। पुरानी दोस्ती थी। इसी साल की शुरुआत में इस दोस्ती को रिश्तेदारी में बदलने की बात शुरू हुई और वह सिरे भी चढ़ गई।
मोदी जी, शहादत का बदला जरूर लेना
मेरा पोता विनय नरवाल जांबाज और बहादुर था। मुझे पूरा विश्वास है उसे आमने-सामने लड़ने का मौका मिलता तो वह जरूर दो-चार आतंकियों को मार गिराता। आतंकियों ने कायराना हरकत की और निहत्थे पर हमला बोला। भावुकता से भरे ये शब्द विनय नरवाल के दादा सेवानिवृत्त पुलिस इंस्पेक्टर हवा सिंह नरवाल के हैं। नम आंखों से उन्होंने कहा- मोदी जी, हम हाथ जोड़ते हैं, इस शहादत का बदला जरूर लेना।
बलिदानी परिवार के साथ सरकार : नायब सैनी
बलिदानी नौसेना के लेफ्टिनेंट विनय नरवाल के दादा हवा सिंह से मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने वीडियो काल बात की और शोक संतप्त परिवार को ढांढ़स बंधाया। वह शाम को अंतिम संस्कार में शामिल हुए। आतंकी हमला बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।