Paris Olympics 2024 : जेवलिन थ्रो में नीरज चोपड़ा ने जीता रजत पदक, गांव खंडरा में खुशी; मां बोलीं- पूरे देश की रहीं दुआएं
नरेन्द्र सहारण, पानीपत। Paris Olympics 2024 : जेवलिन थ्रो के गोल्डन बॉय नीरज चोपड़ा की मां सरोज देवी ने कहा कि नीरज चोपड़ा ने हरियाणा का दूध दही खा रखा है। वह भाले के अनुसार नहीं बल्कि भाला उसके अनुसार चला। उसके साथ उनका अकेली का नहीं बल्कि देश के करोड़ों माताओं का आशीर्वाद और दुआएं हैं। नीरज पेरिस ओलंपिक में रजत पदक जीतकर इतिहास दोहराया है। उन्होंने बताया कि नीरज चोपड़ा के गुरुवार रात के मैच को लेकर उसमें और आसपास के लोगों में सुबह से उत्साह और खुशी रही। सबसे पहले भगवान से प्रार्थना की और घर में पूजा अर्चना की। इसके बाद सभी देवी देवताओं से नीरज के स्वर्ण पदक की प्रार्थना की। उसका शाम को भी घर के किसी काम में ज्यादा मन नहीं लगा।
बस नीरज को लेकर प्रार्थना करती रही। उसको 11:55 बजे का इंतजार रहा। सिल्वर जीतने पर गांव में आतिशबाजी करने के अलावा लड्डू बांटे गए। इस दौरान आइएएस सुशील सारवान के साथ नीरज के चाचा भीम चोपड़ा मैच देखा नीरज के दादा धर्म सिंह छत पर बैठ कर मैच देखा। वहीं, उनकी मां ने हमेशा की तरह घर पर बैठ कर ही मैच देखा ।
पैतृक गांव खंडरा समेत शहर के कई स्थानों पर लाइव मैच देखने के लिए बड़ी स्क्रीन लगाई गई, जहां सामूहिक रूप से लोगों ने मैच देखा। इस दौरान लोगों का उत्साह देखते बन रहा था।
इस दौरान मां सरोज देवी ने कहा कि नीरज ने हरियाणा का देसी दूध और घी खा रखा है। उसके शरीर में दम है। भाला उसके अनुसार चलेगा। वह जितना चाहेगा और जहां चाहेगा भाला उतनी दूरी और वहीं पर जाता है। वह एक थ्रो कर पाया। उसमें ही देश को रजत पदक दिलाया है। हालांकि,नीरज के गोल्ड न जीत पाने की वजह से गांववालों में थोड़ी मायूसी भी नजर आई। नीरज की मां सरोज देवी कह चुकी थीं कि उनके बेटे ने मेहनत बहुत की है। अब किस्मत पर है कि क्या मिलता है।
विनेश के पिछड़ने पर काफी दुख
नीरज की मां ने कहा कि पेरिस ओलंपिक में विनेश फोगाट का स्वर्ण पदक पक्का था। वह इसमें चूक गई। उसको भी विनेश के पिछड़ने पर काफी दुख है। आयोजकों को पहले वजन को कराना था। उसको हौसला नहीं तोड़ना चाहिए बल्कि हिम्मत कर आगे बढ़ना चाहिए।
आठ माह तुर्की में रहकर कड़ा अभ्यास किया
पेरिस ओलंपिक में प्रदर्शन के लिए नीरज चोपड़ा ने करीब आठ माह तुर्की में रहकर कड़ा अभ्यास किया था। इस दौरान दो दिन के लिए एक चैंपियनशिप में भाग लेने के लिए वे स्वदेश आए थे और फिर वापस तुर्की चले गए थे। इसके बाद 31 जुलाई को पेरिस ओलंपिक में भाग लेने के लिए पहुंचे, जहां बीते रोज क्वालीफाइंग राउंड में 89.34 मीटर भाला फेंककर उन्होंने अपने इरादे जाहिर कर दिए हैं।
पिता और चाचा बोले, नीरज पर थी सबकी नजर
नीरज के पिता सतीश कुमार ने बताया कि पेरिस ओलंपिक में नीरज पर सबकी नजर हैं। हर कोई उनको लेकर प्रार्थना कर रहा था। पानीपत के खंडरा गांव का बच्चा-बच्चा इसको लेकर उत्साहित था। वह आठ महीने से पेरिस ओलंपिक को लेकर तैयारी में लगा हुआ था। वे उनका गांव में फिर से भव्य स्वागत करेंगे।
गांव में लगाई गई बड़ी स्क्रीन
टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाले खंडरा के लाल नीरज चोपड़ा गुरुवार रात को दूसरी बार पेरिस ओलंपिक में मैदान में उतरे। उनका मैच भारतीय समय अनुसार रात 11:50 बजे शुरू हुआ। ऐसे में नीरज के गांव खंडरा में फाइनल मुकाबले को लेकर उत्साह रहा। पैतृक गांव खंडरा समेत शहर के कई स्थानों पर लाइव मैच देखने के लिए बड़ी स्क्रीन लगाई गई, जहां सामूहिक रूप से लोगों ने मैच देखा। इस दौरान लोगों का उत्साह देखते बन रहा था।
भारत न्यू मीडिया पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज, Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट , धर्म-अध्यात्म और स्पेशल स्टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें इंडिया सेक्शन