यूपी के पीलीभीत में जंगल से निकले बाघिन ने फैलाई दहशत, 10 घंटे बाद पकड़ में आई
पीलीभीत, BNM News: यूपी के पीलीभीत में देर रात एक बाघिन जंगल से निकलकर रिहायशी इलाके में घुस आया। जब लोगों की नजर उसपर पड़ी तो उनके होश उड़ गए। बाघिनका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में वह दीवार पर आराम फरमाता हुआ नजर आ रही है। आसपास गांववालों की भीड़ जमा है। जंगल से निकली बाघिन ने अटकोना गांव में किसान सुखविंदर सिंह की चौखट के पास डेरा लगा दिया। सोमवार देर रात से वह 10 घंटे उनके घर की पांच फीट ऊंची दीवार पर बैठी रही। चारों ओर सैकड़ों ग्रामीणों की भीड़ के बीच कभी बेबस दिखी तो कभी गुर्राई मगर, उस दीवार से नहीं हटी। मंगलवार दोपहर 12 बजे वन विभाग की टीम ने उसे ट्रैंक्युलाइज कर पिंजरे में बंद किया। विशेषज्ञों का कहना है कि सामान्य रूप से बाघ (नर या मादा) आबादी क्षेत्र में एक स्थान पर इतनी देर नहीं रुकते हैं। संभव है कि बीमारी के कारण वह दीवार पर बैठी रही हो। दूसरी आशंका यह भी जताई जा रही कि कई दिन जंगल से बाहर रहने के कारण शिकार न मिलने से वह भूख में बेबस व शारीरिक रूप से कमजोर हो गई हो। यह गांव टाइगर रिजर्व के जंगल से आठ किमी दूर है।
रात दो बजे अटकोना गांव में पहुंची बाघिन
पिपरिया संतोष गांव के लोगों का कहना है कि बाघिन 15 दिन से क्षेत्र में विचरण कर रही थी। इससे पहले वीरखेड़ा गांव के डिग्री कालेज परिसर में घुसी तब शोर कर भगा दिया था। कई बार खेतों पर भी दिखी थी। रविवार रात को जमुनिया गांव में पहुंचने पर ग्रामीणों के खदेड़ने पर गन्ने के खेत में चली गई थी। सोमवार रात दो बजे वह दो किमी दूर अटकोना गांव में किसान सुखविंदर सिंह के घर के खुले हिस्से में पहुंची। उसे देखकर कुत्तों ने भौकना शुरू किया तब सुखविंदर के भाई बलविंदर सिंह बाहर आए। वह जैसे ही चौखट से निकले, बाघिन ने झपट्टा मार दिया। बलविंदर तुरंत कार की आड़ लेकर वहां से भागे। इसके बाद पूरा परिवार रात भर कमरे में बंद रहा। उन्होंने आसपास के लोगों को भी फोन कर सतर्क रहने को कह दिया, वे आग जलाकर घर की रखवाली करने लगे।
वन विभाग की टीम ने बेहोश कर पिंजरे में किया बंद
रात में ही वन विभाग और पुलिस को सूचना दी गई मगर, मंगलवार सुबह टीम पहुंची। इस बीच बड़ी संख्या में पहुंचे ग्रामीणों ने शोर-शराबा किया लेकिन, बाघिन भागी नहीं। इस बीच प्रभागीय वन अधिकारी नवीन खंडेलवाल ने रेस्क्यू आपरेशन की तैयारी शुरू कर दी। इस दौरान कुछ ग्रामीण वीडियो बनाते दिखे। सुबह 11 बजे टाइगर रिजर्व के चिकित्सक डा. दक्ष गंगवार ने उसे ट्रैक्युलाइज करने के प्रयास शुरू किए। 11:18 बजे दूसरी डाट चलाई गई जो कि बाघिन के लगी मगर, उसने मुंह से खींच दी। इसके बावजूद उसे धीरे-धीरे नशा होने लगा, इसलिए दीवार से नीचे जा गिरी।
कई बार डाट लगाने पर हुई बेहोश
वन विभाग की टीम उसे स्ट्रेचर पर लादने के लिए बढ़ी, इतने में वह फिर से उठकर खड़ी हो गई। लड़खड़ाते हुए आगे बढ़ने लगी तो ग्रामीणों में अफरातफरी मच गई। इस बीच 11: 40 बजे डा. दक्ष ने तीसरी डाट चलाई जो बाघिन को नहीं लगी। 11:50 बजे उसे चौथी डाट मारी, जिसके बाद पूरी तरह बेहोश हुई। दोपहर 12 बजे उसे पिंजरे में कैद कर माला रेंज में स्थित गेस्ट हाउस लाया गया। प्रभागीय वन अधिकारी नवीन खंडेलवाल ने बताया कि बाघिन को गेस्टहाउस में निगरानी के बीच रखा जाएगा। इसके बाद उसे जंगल में छोड़ने का निर्णय लिया जाएगा। स्वास्थ्य परीक्षण में बाघिन पूरी तरह स्वस्थ पाई है। उसकी उम्र लगभग ढाई वर्ष की है।
गांव में बाघ घुसने से दहशत
ये कोई पहला मौका नहीं है जब बाघ किसी गांव में घुस आया हो। पीलीभीत के गांवों में अक्सर बाघ दस्तक देते रहे हैं, जिसके चलते ग्रामीणों में दहशत फैल जाती है। फिलहाल, बाघ को देखने के लिए आसपास क्षेत्र से सैकड़ो ग्रामीण मौके पर पहुंचे हैं। वन विभाग के कर्मचारी और माधोटांडा पुलिस भी मुस्तैद है. रिहायशी इलाकों में बढ़ती बाघ की चहलकदमी से लोग दहशत में हैं।