वैदिक मंत्रोच्चार के बीच PM मोदी ने किया कल्कि धाम मंदिर का शिलान्यास, CM योगी और आचार्य प्रमोद भी रहे मौजूद

वैदिक मंत्रोच्चार के बीच पीएम मोदी ने कल्कि धाम मंदिर का भूमि पूजन किया
संभाल, BNM News: PM Narendra Modi in UP Today News In Hindi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संभल के ऐंचोड़ा कंबोह स्थित श्री कल्कि धाम मंदिर का शिलान्यास किया। कल्कि मंदिर के गर्भगृह में पीएम मोदी ने पूजा अर्चना की। इस दौरान पीएम मोदी के अलावा सीएम योगी और आचार्य प्रमोद कृष्णम भी साथ रहे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी निर्धारित 10.25 बजे समारोह स्थल पर पहुंचे। वह सीधे शिलान्यास स्थल पर गए। वहां मंत्रोच्चारण के बीच श्री कल्कि धाम की नींव रखी। इसके बाद लोगों का अभिवादन किया। मंदिर के मॉडल को देखा। आचार्य प्रमोद कृष्णम ने उन्हें मंदिर के बारे में विस्तार से बताया। सीएम योगी साथ थे। महंतों ने मोदी जी का सत्कार किया। 10.48 बजे मोदी मंच पर पहुँचे। पीएम सुनने के लिए बड़ी संख्या में लोग है। जयश्री राम के नारे लग रहे हैं।
कल्कि मंदिर की खासियतें
भगवान कल्कि को प्रभु विष्णु का 10वां अवतार माना जाता है। संभल में बनने जा रहे श्री कल्कि धाम को विश्व का सबसे अनोखा मंदिर कहा जा रहा है। इस मंदिर में भगवान विष्णु के 10 अवतारों के लिए 10 अलग-अलग गर्भगृह होंगे। श्री कल्कि धाम मंदिर परिसर पांच एकड़ में बनकर तैयार होगा, जिसमें 5 वर्ष का समय लगेगा। इस मंदिर का निर्माण भी राजस्थान के भरतपुर जिले में स्थित बंशी पहाड़पुर के गुलाबी पत्थरों से होगा। गुजरात के सोमनाथ मंदिर और अयोध्या राम मंदिर का निर्माण भी यहीं के पत्थरों से हुआ है। मंदिर का निर्माण 11 फीट ऊंचे चबूतरे पर होगा, इसके शिखर की ऊंचाई 108 फीट होगा। मंदिर में 68 तीर्थों की स्थापना होगी, जबकि कहीं भी स्टील या लोहे का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। कल्कि धाम में भगवान कल्कि के नए विग्रह की स्थापना होगी, जबकि पुराना कल्कि पीठ यथावत बना रहेगा।
#WATCH उत्तर प्रदेश: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संभल में कल्कि धाम के शिलान्यास समारोह के दौरान पूजा की।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और श्री कल्कि धाम निर्माण ट्रस्ट के अध्यक्ष आचार्य प्रमोद कृष्णम भी मौजूद हैं। pic.twitter.com/ARN0qgIpy6
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 19, 2024
कौन हैं भगवान कल्कि?
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार जब कलयुग में पाप अपने चरम पर होगा, तब भगवान विष्णु के 10वें अवतार कल्कि दुष्टों के नरसंहार के लिए अवतरित होंगे। अग्नि पुराण के 16वें अध्याय में कल्कि अवतार का चित्रण तीर-कमान धारण किए हुए एक घुड़सवार के रूप में किया गया है। इसमें भगवान कल्कि के घोड़े का नाम देवदत्त बताया गया है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार कलियुग 432000 वर्ष का है, जिसका अभी प्रथम चरण चल रहा है। जब कलयुग का अंतिम चरण शुरू होगा, तब कल्कि अवतार लेंगे। इस तरह संभल का कल्कि धाम दुनिया का पहला ऐसा धर्म स्थल होगा, जहां भगवान के जन्म से पहले ही उनकी मूर्ति स्थापित होगी।
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