PM Modi: पीएम मोदी ने आपातकाल को लेकर कांग्रेस पर साधा निशाना, 18वीं लोकसभा के पहले सत्र में दिए महत्वपूर्ण संदेश

नई दिल्ली, बीएनएम न्यूज: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने 18वीं लोकसभा ( 18th Lok Sabha) के पहले सत्र के अवसर पर मीडिया के सामने अपनी बात रखी और आपातकाल को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने संसद भवन परिसर में कहा कि आज का दिन संसदीय लोकतंत्र में गौरव मय और वैभव का दिन है। आजादी के बाद पहली बार हमारे नए संसद भवन में यह शपथ ग्रहण हो रहा है। उन्होंने सभी नव निर्वाचित सांसदों का स्वागत करते हुए उन्हें शुभकामनाएं दीं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कांग्रेस पर हमला बोलते हुए आपातकाल को याद दिलाया और भविष्य में लोकतंत्र की रक्षा का संकल्प लिया। उन्होंने 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य पर जोर दिया और चुनाव की सफलता को भारतीय लोकतंत्र की शक्ति बताया। साथ ही, सर्वसम्मति से देश चलाने की आवश्यकता पर बल देते हुए उन्होंने विपक्ष को भी अपनी भूमिका निभाने की नसीहत दी। पीएम मोदी का यह संबोधन भारतीय लोकतंत्र की मजबूती और संविधान की पवित्रता की रक्षा के प्रति उनके संकल्प को दर्शाता है।

आपातकाल पर कांग्रेस को घेरा

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 25 जून भारतीय लोकतंत्र पर काले धब्बे के रूप में याद किया जाएगा। उन्होंने कहा, “25 जून को भारत के लोकतंत्र पर लगे उस कलंक के 50 वर्ष पूरे हो रहे हैं। भारत की नई पीढ़ी कभी नहीं भूलेगी कि भारत के संविधान को पूरी तरह से नकार दिया गया था, संविधान के हर हिस्से की धज्जियां उड़ा दी गई थीं, देश को जेलखाना बना दिया गया था, लोकतंत्र को पूरी तरह दबा दिया गया था।” उन्होंने यह भी कहा कि देशवासी संकल्प लेंगे कि ऐसा घटना दोबारा न हो और हम एक जीवंत लोकतंत्र का संकल्प लेंगे।

2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य

प्रधानमंत्री ने कहा कि 18वीं लोकसभा का गठन भारत के सामान्य नागरिक के संकल्पों की पूर्ति का प्रतीक है। उन्होंने कहा, “हम नए उमंग और उत्साह के साथ नई गति और ऊंचाई प्राप्त करने का यह अवसर है। 2047 तक विकसित भारत के निर्माण का लक्ष्य लेकर आज 18वीं लोकसभा का प्रारंभ हो रहा है।”

शानदार चुनाव संपन्न होना गर्व की बात

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि विश्व का सबसे बड़ा चुनाव बहुत ही शानदार तरीके से संपन्न हुआ, जो हर भारतीय के लिए गर्व की बात है। “करीब 65 करोड़ से अधिक मतदाताओं ने मतदान में हिस्सा लिया। यह चुनाव महत्वपूर्ण है क्योंकि आजादी के बाद दूसरी बार देश की जनता ने किसी सरकार को लगातार तीसरी बार सेवा करने का अवसर दिया है,” उन्होंने कहा।

सर्वसम्मति से देश चलाने पर जोर

प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में उन्होंने हमेशा यह प्रयास किया है कि सरकार चलाने के लिए बहुमत की आवश्यकता होती है, लेकिन देश चलाने के लिए सर्वसम्मति सबसे महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, “हम मां भारती की सेवा करने और 140 करोड़ लोगों की आकांक्षाओं और महत्वाकांक्षाओं को सबकी सहमति से पूरा करने का निरंतर प्रयास करेंगे। हम संविधान की पवित्रता को बनाए रखते हुए, सबको साथ लेकर आगे बढ़ना चाहते हैं और फैसले लेने में तेजी लाना चाहते हैं।”

पीएम मोदी ने विपक्ष को संदेश

प्रधानमंत्री ने विपक्ष को संदेश देते हुए कहा कि लोगों को विपक्ष से अच्छे कदमों की उम्मीद है, लेकिन अब तक यह निराशाजनक रहा है। उन्होंने कहा, “भारत को एक जिम्मेदार विपक्ष की जरूरत है और लोग नारे नहीं, बल्कि सार्थकता चाहते हैं। विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि वे संसद में चर्चा और परिश्रम चाहते हैं, व्यवधान नहीं।”

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