Haryana Politics : भाजपा सरकार में मंत्री बनने की हो रही लाबीइंग, जातीय समीकरणों से मिलेगी कुर्सी

नरेन्द्र सहारण, चंडीगढ़: Haryana Politics : हरियाणा में नई सरकार के गठन की प्रक्रिया के बीच भाजपा के नवनिर्वाचित विधायकों के बीच मंत्री पद की दौड़ शुरू हो गई है। जातीय समीकरणों को ध्यान में रखते हुए मंत्रिमंडल का गठन किया जाएगा। भाजपा के पास 48 विधायक हैं, जो बहुमत के लिए आवश्यक 46 से दो अधिक हैं। साथ ही, तीन निर्दलीय विधायक – हिसार से सावित्री जिंदल, गन्नौर से देवेंद्र कादियान, और बहादुरगढ़ से राजेश जून  ने भाजपा को बिना शर्त समर्थन दे दिया है। इससे भाजपा के विधायकों की कुल संख्या अब 51 हो गई है।

इस बार भाजपा सरकार में दो उपमुख्यमंत्री बनाए जाने की चर्चा है – एक यादव और दूसरा दलित समुदाय से। पिछली सरकार में जननायक जनता पार्टी (जजपा) के 10 विधायकों के समर्थन से दुष्यंत चौटाला को उपमुख्यमंत्री बनाना पड़ा था। लेकिन इस बार भाजपा की मजबूती के चलते यह समीकरण बदल सकता है। चुनाव में कई नए चेहरे जीतकर आए हैं, जबकि पुराने कई चेहरे हार गए हैं।

विपुल गोयल और राव नरबीर की दावेदारी

 

नायब सिंह सैनी के मुख्यमंत्री बनने पर मंत्रिमंडल में फरीदाबाद के विधायक विपुल गोयल (वैश्य) और बादशाहपुर के विधायक राव नरबीर (अहीर) की मंत्री पद के लिए प्रमुख दावेदारी मानी जा रही है। 2019 में इन्हें टिकट नहीं मिला था, लेकिन इससे पहले 2014 की सरकार में विपुल गोयल उद्योग मंत्री और राव नरबीर पीडब्ल्यूडी मंत्री रह चुके हैं।

अन्य संभावित उम्मीदवार

अहीरवाल क्षेत्र में केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत अपनी बेटी आरती राव को मंत्रिमंडल में लाने का प्रयास कर सकते हैं, हालांकि संभावना कम है। इसके अलावा, नारनौल से जीतकर आए पूर्व मंत्री ओमप्रकाश यादव और बावल से चुनाव जीते डॉ. कृष्ण कुमार की दावेदारी भी मजबूत मानी जा रही है, ये दोनों राव इंद्रजीत के करीबी माने जाते हैं।

अनिल विज की भूमिका

पंजाबी समुदाय के प्रतिनिधि के रूप में अंबाला छावनी से सातवीं बार विधायक बने पूर्व गृह मंत्री अनिल विज का नाम भी मंत्रिमंडल में लिया जा सकता है। अनिल विज ने चुनाव से पहले मुख्यमंत्री पद के लिए दावेदारी जताई थी और अब मंत्री पद की दौड़ में उनका नाम प्रबल है। उनके अलावा जींद से विधायक कृष्ण मिढा, इसराना से कृष्ण पंवार, और नरवाना से कृष्ण कुमार बेदी भी मंत्री पद के लिए मजबूत दावेदार हैं।

ब्राह्मण और जाट नेताओं की दावेदारी

ब्राह्मण प्रतिनिधि के रूप में बल्लभगढ़ से पूर्व उद्योग मंत्री पंडित मूलचंद शर्मा का नाम भी चर्चा में है। जाट समुदाय से महिपाल सिंह ढांडा (पानीपत ग्रामीण) और कृष्णा गहलावत (राई) मंत्री पद की दौड़ में आगे हैं। इसके अलावा, बरवाला से रणबीर गंगवा और घरौंडा से हरविंद्र कल्याण भी संभावित मंत्री पद के दावेदार हैं। साथ ही, बड़खल से चुनाव जीतकर आए धनेश अदलखा भी पंजाबी प्रतिनिधि के रूप में मंत्रिमंडल में स्थान पाने के लिए कोशिश कर रहे हैं।

 

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