दिल्ली नहीं, यह शहर रहा देश का सबसे प्रदूषित शहर, थिंक टैंक CREA ने जारी की रिपोर्ट

नई दिल्ली, BNM News : 2023 में देश के सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में मेघालय का बर्नीहाट शीर्ष पर है। इसके बाद बिहार का बेगुसराय और उत्तर प्रदेश का ग्रेटर नोएडा आते हैं। सर्दियों के दौरान लगातार उच्च वायु प्रदूषण स्तर के लिए जाना जाने वाला दिल्ली देश का आठवां सबसे प्रदूषित शहर है।
थिंक टैंक सेंटर फार रिसर्च आन एनर्जी एंड क्लीन एयर (CREA) ने ओर से बुधवार को जारी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।

227 शहरों का अध्ययन किया गया

 

सीआरईए में दक्षिण एशिया के विश्लेषक सुनील दहिया ने कहा कि 2023 में 75 प्रतिशत से अधिक दिनों के लिए उपलब्ध वायु गुणवत्ता डेटा वाले 227 शहरों का अध्ययन किया गया। इन शहरों में से 85 को राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी) के तहत शामिल किया गया था। आंकड़ों से पता चला कि 85 एनसीएपी शहरों में से 78 में पीएम 10 का स्तर एनएएक्यूएस (60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर) से अधिक था।

2026 तक प्रदूषण में कमी के लिए रखा नया लक्ष्य

 

2019 में शुरू एनसीएपी का लक्ष्य उन 131 शहरों में 2024 तक पीएम 2.5 और पीएम 10 सांद्रता में 20-30 प्रतिशत की कमी करना है, जो 2011 से 2015 तक निर्धारित वायु गुणवत्ता मानकों को पूरा नहीं करते थे। सरकार ने अब 2026 तक इन शहरों में पार्टिकुलेट मैटर सांद्रता में 40 प्रतिशत की कमी लाने का नया लक्ष्य निर्धारित किया है।

सुनील दहिया ने कहा कि एनसीएपी के तहत आवंटित धन का 64 प्रतिशत केवल धूल शमन और स्माग गन जैसे अप्रभावी समाधानों के लिए उपयोग किया गया है, जिसके परिणामस्वरूप सार्वजनिक धन का अकुशल उपयोग हुआ है। रिपोर्ट से पता चला कि केवल 37 एनसीएपी-कवर शहरों ने कार्यक्रम द्वारा निर्धारित वार्षिक लक्ष्य से नीचे पीएम 10 का स्तर हासिल किया।

दिलचस्प बात यह है कि 2023 में, 118 शहर जो अभी तक एनसीएपी का हिस्सा नहीं हैं, उन्होंने पीएम 10 के लिए राष्ट्रीय वायु परिवेश गुणवत्ता मानकों का उल्लंघन किया। दहिया ने जोर देकर कहा, ‘यह इंगित करता है कि एनसीएपी में शामिल नहीं किए गए शहर आवश्यक रूप से स्वच्छ नहीं हैं।’

शीर्ष 50 प्रदूषित शहरों में 18 बिहार के

 

देश के 20 सबसे प्रदूषित शहरों में से केवल सात ही वर्तमान में एनसीएपी के अंतर्गत हैं। इनमें बर्नीहाट ने 2023 में उच्चतम वार्षिक औसत पीएम 10 सांद्रता 301 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर दर्ज की, जबकि असम के सिलचर ने 29 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर पर सबसे कम पीएम 10 स्तर दर्ज किया। बिहार में बेगुसराय (औसत वार्षिक पीएम 10 स्तर 265 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर) और उत्तर प्रदेश में ग्रेटर नोएडा (228 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर) ने सबसे प्रदूषित शहरों में दूसरा और तीसरा स्थान हासिल किया। शीर्ष 50 प्रदूषित शहरों में 18 बिहार के, आठ हरियाणा के और आठ राजस्थान के हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि शीर्ष 10 प्रदूषित शहरों में पीएम 10 की सांद्रता भारतीय मानकों की तुलना में तीन से पांच गुना और विश्व स्वास्थ्य संगठन की सीमा से 13-20 गुना अधिक थी।

 

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