Indian Railways: रेलवे में होने जा रहा बढ़ा बदलाव, ट्रेनों की गति से लेकर कंफर्म टिकट तक, जानें- रेल मंत्री ने क्या कहा

नई दिल्ली, एजेंसी: भारतीय रेल (Indian Railways)बड़ा बदलाव करने जा रही है।  आपकी यात्रा सुखद और मंगलमय बनाने के लिए रेलवे अगले 4-5 सालों में ट्रेनों की संख्या और गति बढ़ाने के साथ-साथ सभी यात्रियों को कंफर्म टिकट (confirmed ticket)उपलब्ध कराने पर कार्य कर रही है। अगले कुछ साल में रेल पटरियों पर जहां आपको 22 कोच की नई ट्रेन दिखेगी, वहीं 2027 तक ट्रेनों में वेटिंग लिस्ट के झंझट से मुक्ति मिलेगी। इसके लिए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रेलवे का पूरा प्लान साझा किया है।

तीन हजार नई ट्रेनें शुरू करेगा रेलवे ( three thousand new trains)

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने गुरुवार को कहा कि वह रेलवे की यात्री क्षमता मौजूदा 800 करोड़ से बढ़ाकर 1,000 करोड़ करने के लिए अगले चार-पांच वर्षों में तीन हजार नई ट्रेनें शुरू करने की योजना पर काम कर रहे हैं। वैष्णव ने रेल भवन में संवाददाताओं से कहा, हमें चार से पांच साल में क्षमता बढ़ाकर 1,000 करोड़ करनी होगी क्योंकि जनसंख्या बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि इसके लिए हमें तीन हजार अतिरिक्त ट्रेनों की जरूरत पड़ेगी। रेलवे सूत्रों के अनुसार, वर्तमान में 69 हजार नए कोच उपलब्ध हैं और हर साल वह करीब पांच हजार नए कोच बना रहा है। सूत्रों ने कहा कि इन सभी प्रयासों से रेलवे हर साल 200 से 250 नई ट्रेनें ला सकता है, जो 400 से 450 वंदे भारत ट्रेनों से अलग हैं। ये ट्रेनें आने वाले वर्षों में रेलवे से जुड़ने जा रही हैं।

वेटिंग लिस्ट का झंझट होगा खत्म (confirmed ticket in the train)

भारतीय रेलवे से सफर करने वाले हर रेल यात्री को 2027 तक कन्फर्म टिकट मिलने लगेगा क्योंकि रेलवे की बड़ी विस्तार योजनाओं में हर दिन नई ट्रेनें जोड़ी जाएंगी। रेलवे इस समस्या को हल करने के लिए बड़ी योजना बना रहा है. इसके बारे में पूछे जाने पर बताया गया कि हर साल नए ट्रैक बिछाए जाएंगे. उन्होंने कहा कि हर वर्ष 4,000-5,000 किलोमीटर ट्रैक का नेटवर्क बिछाया जाएगा. फिलहाल 10,748 ट्रेनें हर दिन चल रही हैं, इसे बढ़ाकर 13,000 ट्रेनें प्रतिदिन करने का लक्ष्य है

ट्रेनों की गति में सुधार और रेल नेटवर्क का विस्तार (improving the speed of trains)

वैष्णव ने कहा कि यात्रा का समय कम करने के लिए रेलवे ट्रेनों की गति में सुधार और रेल नेटवर्क का विस्तार करने के लिए काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि लंबे रूट की ट्रेनों की गति बढ़ाने और धीमी करने में लगने वाले समय को कम करना महत्वपूर्ण है क्योंकि निर्धारित ठहराव के अलावा, मार्ग में कई मोड़ों और मोड़ों पर इसकी गति कम करनी पड़ती है। वैष्णव ने कहा कि अगर हम राजधानी एक्सप्रेस से दिल्ली-कोलकाता मार्ग लेते हैं, अगर हम मोड़ और स्टेशनों पर ट्रेनों की गति बढ़ाने और कम करने के समय में सुधार करते हैं, तो हम वर्तमान कुल यात्रा समय से दो घंटे 20 मिनट बचाएंगे।

पुश-पुल कान्फिगरेशन मोड से कम होगा यात्रा का समय (travel time will be reduced in train)

उन्होंने कहा कि वंदेभारत ट्रेन की गति अन्य मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों की तुलना में चार गुना बेहतर है। यही कारण है कि इससे यात्रा का काफी समय बचता है। उन्होंने कहा, चूंकि सभी मार्गों पर वंदेभारत शुरू करने में समय लगेगा, इसलिए रेलवे ट्रेनों की गति बढ़ाने और कम करने के समय में सुधार पर काम कर रहा है। वैष्णव ने कहा कि यह पुश-पुल कान्फिगरेशन मोड नामक तकनीक से संभव है। हम इस तकनीक को उन सभी कोचों पर लागू करने की योजना बना रहे हैं जो अब निर्मित किए जा रहे हैं। लंबी दूरी की ट्रेनों को उन्नत किया जाएगा और यात्रा समय बचाया जाएगा।

22 डिब्बों वाली ट्रेन बनाने पर हो रहा काम (New train with 22 coaches)

वैष्णव ने यह भी कहा कि अलग-अलग डिब्बों को एक साथ जोड़ने वाली ट्रेन के बजाय, रेलवे एकीकृत 22 डिब्बों वाली ट्रेन बनाने पर काम कर रहा है, जिससे यात्रियों को कई फायदे होंगे। उन्होंने कहा कि अब हम अपने कारखानों से कोचों को बाहर करने के बजाय, ट्रेनों को बाहर निकालेंगे। इसमें बहुत सारे सुरक्षा उपाय हैं इसलिए वे कई मायनों में सुरक्षित और सुविधाजनक हैं।

हर साल बिछाए जा रहे पांच हजार किमी ट्रैक (expansion of railway track)

वैष्णव ने कहा कि क्षमता को और बढ़ाने के लिए हर साल लगभग पांच हजार किलोमीटर ट्रैक बिछाए जा रहे हैं। 1,000 से अधिक फ्लाईओवर और अंडरपास भी स्वीकृत किए गए हैं और कई स्थानों पर काम शुरू हो गया है। पिछले साल हम 1,002 फ्लाईओवर और अंडरपास का निर्माण किया और इस साल हमारा लक्ष्य 1,200 का है।

पिछले साल की तुलना में तीन गुना अधिक स्पेशल ट्रेंने चलाई गई (Number of special trains increased)

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने गैर एसी कोच का विकल्प चुनने वाले यात्रियों के लिए सीटों की कमी की खबरों को खारिज करते हुए कहा कि पिछले साल की तुलना में इस त्यौहारी मौसम में विशेष रेलगाड़ियों के फेरों की संख्या में लगभग तीन गुना वृद्धि की गई है। उन्होंने कहा कि इस त्यौहारी मौसम में यात्रियों की भारी संख्या को दखते हुए रेलवे द्वारा एक अक्टूबर से 31 दिसंबर के बीच रेलगाड़ियों के 6,754 अतिरिक्त फेरे संचालित किए जा रहे हैं, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह संख्या 2,614 थी।

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