Rajasthan Assembly Election 2023: चुनाव में हार के बाद ओएसडी रहे लोकेश शर्मा ने किया अशोक गहलोत पर किया जोरदार हमला
जयपुर, बीएनएम न्यूज। राजस्थान के विधानसभा चुनाव (Rajasthan Assembly Election 2023) में भाजपा को बंपर जीत मिली है। अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) कोई भी जादू करने में नाकाम रहे। पराजय के बाद अब उनके करीबी हमला बोल रहे हैं। गहलोत के ओएसडी रहे लोकेश शर्मा (Lokesh Sharma) ने उनके ऊपर जोरदार हमला बोला है। लोकेश खुद विधानसभा चुनाव लड़ रहे थे, जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा। लोकेश शर्मा ने गहलोत के ऊपर हमला बोलते हुए कहा कि प्रत्येक सीट पर वे (गहलोत) स्वयं चुनाव लड़ रहे थे। न उनका अनुभव चला, न जादू और हर बार की तरह कांग्रेस को उनकी योजनाओं के सहारे जीत नहीं मिली और न ही अथाह पिंक प्रचार काम आया। तीसरी बार लगातार सीएम रहते हुए गहलोत ने पार्टी को फिर हाशिये पर लाकर खड़ा कर दिया। आज तक पार्टी से सिर्फ लिया ही लिया है, लेकिन कभी अपने रहते पार्टी की सत्ता में वापसी नहीं करवा पाए।
हार के कारण गिनाए- कहा- सीएम को कई बार आगाह किया था
उन्होंने गहलोत पर प्रहार करते हुए कए कहा कि आलाकमान के साथ फरेब, ऊपर तक सही फीडबैक न पहुंचने देना, किसी को विकल्प तक न बनने देना, अपरिपक्व और अपने फायदे के लिए जुड़े लोगों से घिरे रहकर आत्ममुग्धता में लगातार गलत निर्णय और आपाधापी में फैसले लिए जाते रहना, तमाम फीडबैक और सर्वे को दरकिनार कर अपनी मनमर्जी और अपने पसंदीदा प्रत्याशियों को उनकी स्पष्ट हार को देखते हुए भी टिकट दिलवाने की जिद। ये कारण रहे, जिसके कारण हार का मुंह देखना पड़ा। मैं स्वयं मुख्यमंत्री को यह पहले बता चुका था। कई बार आगाह कर चुका था, लेकिन उन्हें कोई ऐसी सलाह या व्यक्ति अपने साथ नहीं चाहिए था जो सच बताए।
6 महीने पहले 127 विधानसभा क्षेत्रों की ग्राउंड रिपोर्ट सीएम को दी
जमीनी हकीकत से बेपरवाह अशोक गहलोत के बारे में शर्मा ने कहा कि मैं छह महीने लगातार घूम-घूम कर राजस्थान के कस्बों-गांव-ढाणी में गया, लोगों से मिला, हजारों युवाओं के साथ संवाद कार्यक्रम आयोजित किये, लगभग 127 विधानसभा क्षेत्रों को कवर करते हुए ग्राउंड रिपोर्ट सीएम को लाकर दी। जमीनी हकीकत को बिना लाग-लपेट सामने रखा ताकि समय पर सुधारात्मक कदम उठाते हुए फैसले किये जा सकें, जिससे पार्टी की वापसी सुनिश्चित हो।
विकल्प तैयार नहीं हो पाने के लिए अशोक गहलोत ने लिए फैसले
उन्होंने आगे कहा कि मैंने खुद भी चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की थी, पहले बीकानेर से फिर सीएम के कहने पर भीलवाड़ा से, जिस सीट को हम 20 साल से हार रहे थे। लेकिन ये नया प्रयोग नहीं कर पाए। बीडी कल्ला के लिए मैंने छह महीने पहले ही बता दिया था कि वे 20 हजार से ज्यादा मत से चुनाव हारेंगे और वही हुआ। अशोक गहलोत ने इस तरह फैसले लिए गए कि विकल्प तैयार ही नहीं हो पाए। 25 सितंबर की घटना भी पूरी तरह से प्रायोजित थी, जब आलाकमान के खिलाफ विद्रोह कर अवमानना की गई थी उसी दिन से शुरू हो खेल शूरू हो गया था।