Cabinet Expansion: राजस्थान में इंतजार खत्म, नए मंत्रिमंडल की शपथ आज
जयपुर, BNM News: राजस्थान भाजपा की नई सरकार के सत्ता में आने के 28 दिन बाद शनिवार को राजभवन में मंत्रिमंडल का शपथ ग्रहण होने जा रहा है। दोहपर 3:15 बजे यह कार्यक्रम शुरू होगा। करीब 22 से 25 मंत्रियों को शपथ दिलाई जा सकती है। सिविल लाइंस स्थित राजभवन में शनिवार को प्रदेश की नई भजनलाल सरकार का मंत्रिमंडल शपथ लेगा। ए मंत्रिमंडल में शेखावाटी, मेवाड़, वागड़, मारवाड़ और पूर्वी राजस्थान को प्रतिनिधित्व दिया जाना है। यह मंत्रिमंडल में नए और पुराने का गुड मिक्स होगा। इसमें कुछ पहली बार मंत्री बन सकते हैं और कुछ ऐसे चेहरे भी होंगे, जिनके पास पुरान अनुभव होगा। वसुंधरा राजे के खेमे से आने वाले विधायकों को भी मंत्री पद मिल सकता है।
मुख्यमंत्री मौसम खराब होने के कारण देर रात सड़क मार्ग से जयपुर लौटे। आज सुबह सीएम राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात करेंगे। वे राज्यपाल को शपथ लेने वाले मंत्रियों की लिस्ट सौंपेंगे। मुख्यमंत्री के जयपुर लौटने के बाद विधायकों को मंत्री पद की शपथ के लिए फोन जाना शुरू हो गए हैं।
दो दिन पहले ही फाइनल हो गए थे नाम
सूत्रों के अनुसार बुधवार देर रात तक मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी, वरिष्ठ नेता राजेंद्र राठौड़ और प्रदेश सह प्रभारी विजया राहटकर के बीच लंबी बैठक हुई थी। बताया जा रहा है कि इस बैठक में लगभग सभी नाम फाइनल कर लिए गए थे।
ये विधायक बन सकते हैं मंत्री
नई भजनलाल सरकार में मंत्रिमंडल के चेहरों में सबसे मजबूत दावेदार में डॉ. किरोड़ीलाल मीणा, अनिता भदेल, ओटाराम देवासी, गुरवीर सिंह, जगत सिंह, जवाहर सिंह बेडम, बाबा बालकनाथ, जसवंत सिंह, जोगाराम पटेल, झाबर सिंह खर्रा, प्रताप भील, फूल सिंह मीणा, बाबू सिंह राठौड़, भागचंद टेकड़ा, मदन दिलावर, शंकर डेचा, हरलाल सहारण और विश्वनाथ मेघवाल शामिल हैं। इनमें किरोड़ीलाल मीणा, अनिता भदेल, बाबू सिंह राठौड़, मदन दिलावर, ओटाराम देवासी और जसवंत सिंह पहले मंत्री रह चुके हैं।
इन दोनों में से किसी एक को मिल सकती है जगह
भजनलाल शर्मा का मंत्रिमंडल गठन शनिवार को होगा, जिसके चलते दौसा जिले से भी भाजपा विधायक अपने-अपने मंत्री बनने का इंतजार कर रहे हैं। इसके चलते संभव नहीं है कि दौसा से यदि किसी को मंत्रिमंडल में शामिल किया जाएगा तो बांदीकुई से पहली बार जीते भागचंद सैनी को मंत्रिमंडल में जगह दी जा सकती है। इसका कारण यह भी बताया जा रहा है कि सैनी समाज को जिले में संतुष्ट करने के साथ ही आने वाले लोकसभा चुनाव के दौरान में जातीय समीकरण भी साधे जा सकेंगे।