Ram Mandir Pran Prathistha: निर्मोही अखाड़े के संत ने पीएम को चम्मच से पिलाया चरणामृत, गोविंद देव गिरि ने कहा-मोदी का तप छत्रपति शिवाजी के समान
अयोध्या, BNM News। Ram Mandir Pran Prathistha: अयोध्या में भगवान रामलला के मंदिर का 500 वर्षों का संघर्ष आखिरकार पूरा हुआ। भाजपा ने राम मंदिर के मुद्दे को 1984 में उठाया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और विश्व हिंदू परिषद के साथ मिलकर लड़ाई शुरू की, उसे करीब चार दशक में परिणति तक पहुंचाया। सड़क से लेकर कोर्ट तक संघर्ष ने रामलला को टेंट से शानदार धाम तक पहुंचाने में सफलता हासिल की। रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) पिछले 11 दिनों से अनुष्ठान में थे। प्राण प्रतिष्ठा के बाद स्वामी गोविंद देव गिरी जी महाराज के हाथों से चरणामृत ग्रहण कर पीएम मोदी ने 11 दिनों का उपवास को तोड़ा। गोविंद देव गिरि ने समारोह को संबोधित भी किया। इसमें उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी का तप छत्रपति शिवाजी के समान है।
पूरे विश्व के आलौकिक होने का पर्व
निर्मोही अखाड़ा के संत स्वामी गोविंद देव गिरि ने कहा कि रामलला की प्रतिष्ठा से विश्व आलौकिक होने का पर्व शुरू हो चुका है। यह एक मंदिर में रामलला की प्रतिष्ठा का पर्व नहीं है, यह एक देश के आत्मसम्मान, स्वाभिमान और गर्व के प्रतिष्ठित होने का पर्व है। 500 वर्ष की प्रतीक्षा के बाद रामलला की प्रतिष्ठा हो पाई है। स्वामी गिरि ने कहा कि इस प्रकार के कार्य के लिए हर कालखंड में एक महान हस्ती के आगमन होते रहे हैं। ऐसे लोग जीवन की साधना कर देश को दिशा देते हैं। स्वामी गिरि ने कहा कि इसी प्रकार के युग परिवर्तन की लाज को रखने में प्रधानमंत्री मोदी ने बड़ी भूमिका निभाई है। यह देश नहीं विश्व का सौभाग्य है, जिसे पीएम मोदी जैसा राजर्षि प्राप्त हुआ है।
स्वयं को सिद्ध करने की बात पीएम मोदी की ओर से की गई
गोविंद देव गिरि ने कहा कि 20 दिन पहले हमें जानकारी दी गई कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने के लिए पीएम मोदी आएंगे। इसके लिए स्वयं को सिद्ध करने की बात पीएम मोदी की ओर से की गई। हमसे अनुष्ठान में शामिल होने के लिए नियमावली की मांग की गई। यह हमारे लिए चौंकाने वाला था। पीएम मोदी का तप हमें छत्रपति शिवाजी के तप की याद दिलाता है। राज्यसत्ता के साथ खुद को साधने की यह कला उस राजा की याद दिलाती है।
रामलला की शुरू हुई पूजा
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद उनकी पूजा शुरू हुई। प्राण प्रतिष्ठा का विधान पूरा कराया गया। इसके बाद समारोह को अतिथियों ने संबोधित किया। प्राण प्रतिष्ठा के बाद श्रीराम के प्रथम दर्शन हुए हैं। इससे पहले मंदिर के गर्भगृह में पीएम मोदी पहुंचे और प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान का संकल्प लिया। इसके बाद पूजा शुरू की। पीएम ने ही रामलला की आंख से पट्टी खोली और कमल का फूल लेकर पूजन किया। रामलला पीतांबर से सुशोभित हैं। उन्होंने हाथों में धनुष-बाण धारण किया है। पूजन के दौरान सेना के हेलिकॉप्टर से अयोध्या में पुष्प वर्षा हुई।
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