चार माह बाद कल से शुरू होगा बैंड-बाजा-बरात का सिलसिला, बारातियों संग देशभर के बाजार भी झूमेंगे

नई दिल्ली, BNM News: कार्तिक मास की देवोत्थान एकादशी (देव प्रबोधिनी) के लिए राजधानी में शादी के मंडप सजने लगे हैं। बृहस्पतिवार को हजारों युवक-युवतियां परिणय सूत्र में बंधेंगे। इस दिन मुहूर्त निकलवाने की कोई आवश्यकता नहीं होती। यह दिन देवों का माना जाता है और उनका दरबार खुला होता है। ऐसे में इस दिन कोई भी कार्य करने में अड़चन नहीं होती। लिहाजा, राजधानी में बैंडबाजे व शादियों के गानों की धुन चारों ओर सुनाई देगी।

शादियों के मौसम में बारातियों संग देशभर के बाजार भी झूमेंगे। देव उठनी एकादशी 23 नवंबर से शुरू होकर 15 दिसंबर तक के इस मौसम में देशभर में 38 लाख से अधिक शादियाें तथा बाजार में 4.74 लाख करोड़ रुपये के आने का अनुमान है। पिछले साल इस अवधि में करीब 32 लाख शादियां हुई थी, जिससे बाजार को 3.75 लाख करोड़ रुपये का व्यापार मिला था। दिल्ली में इस दौरान चार लाख से अधिक जोड़ों के दाम्पत्य जीवन में बंधने तथा यहां के बाजार में लगभग 1.25 लाख करोड़ रुपये आने का अनुमान लगाया जा रहा है। वैसे, शादियों की खरीदारी दीपावली से ही जारी है। मुख्य तौर पर चांदनी चौक, करोलबाग, खारी बावली व सदर बाजार की चमक शादियों के मौसम में भी बरकरार रहने की उम्मीद है।

कंफेडरेशन आफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने देश के प्रमुख 30 व्यापारिक शहरी केंद्रों में वस्तुओं व सेवाओं के हितधारकों से विस्तृत चर्चा के बाद इस सीजन में 38 लाख से अधिक शादियां का अनुमान जताया है। कैट के अनुसार शादी की खरीदारी और विभिन्न सेवाओं के जरिए देशभर के बाजारों लगभग 4.74 लाख करोड़ रुपये का भारी प्रवाह होगा।

50 हजार शादियों का औसत खर्च एक करोड़ से अधिक

इस सीजन के दौरान लगभग सात लाख शादियाें में औसत तीन लाख खर्च होगा। इसी तरह आठ लाख शादियाें में प्रत्येक पर छह लाख रुपये से अधिक तथा 10 लाख शादियों में 10-10 लाख खर्च का अनुमान है। जबकि सात लाख शादियाें में 15-15 लाख रुपये का खर्च होगा। इसी तरह पांच लाख विवाह में प्रत्येक पर 25 लाख रुपये के खर्च जबकि 50 हजार शादियाें का खर्च प्रत्येक पर 50 लाख रुपये होगा। वहीं, 50 हजार शादियां ऐसी होंगी जिसमें एक करोड़ रुपये या उससे अधिक खर्च होगा। कुल खर्च में 50 प्रतिशत खर्च शादी-ब्याह पर तथा वस्तुओं की खरीद-फरोख्त व सेवाओं पर 50 प्रतिशत खर्च होता है।

इसपर होगा खर्च

-साड़ी, लहंगा और परिधान पर 10 प्रतिशत
-आभूषण पर 15 प्रतिशत
-इलेक्ट्रानिक्स, इलेक्ट्रिकल्स और उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं में 5 प्रतिशत
-सूखे मेवे, फल, मिठाई और नमकीन पर 5 प्रतिशत
-खाद्यान्न, किराना और सब्जियों पर 5 प्रतिशत
उपहार वस्तुओं में 4 प्रतिशत और शेष 6 प्रतिशत अन्य विविध वस्तुओं पर। इसी तरह टेंट, आयोजन स्थल, यात्रा, बैंड समेत अन्य पर भी खर्च होंगे।

पंडित, घोड़ी व बैंड सब बुक

शादी के लिए  घोड़ी, बैंड, टैंट, कैटर्स आदि की बुकिंग काफी पहले हो चुकी है। हालत यह है कि गुरुवार को न तो राजधानी के कैटर्स खाली हैं और न ही बैंडवाले। इतना ही नहीं विवाह कराने वाले पंड़ितों की बुकिंग भी काफी पहले हो चुकी है। वहीं, आम जनता के साथ-साथ नेताओं के घर इतने निमंत्रण आए हुए हैं कि उनकी समझ मेंं नहीं आ रहा है कि किसके यहां जाएं और किसके यहां अन्य को भेजें।

ये है शादियों का शुभ दिन

ज्योतिषाचार्य और पंडितों के अनुसार देव उठनी 23 नवंबर से शादियों का सीजन शुरू हो रहा है। इस माह 23, 24, 27, 28 व 29 शादियों के लिए शुभ दिन है, जबकि दिसंबर में 3,4,6,7,8, 9 और 15 की तिथि विवाह का शुभ मुहुर्त है। उसके बाद, जनवरी के मध्य 16 जनवरी से शादियों का मुहुर्त आएगा। उनके अनुसार देव उठनी पर ही दिल्ली में 25 हजार से अधिक शादी होगी।

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