RLD Candidate List: जयंत चौधरी ने खेला बड़ा दांव, बागपत और बिजनौर से इन्हें बनाया प्रत्याशी

मेरठ, BNM News: Loksabha Election 2024रू राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी जयंत सिंह ने लोकसभा चुनाव के लिए बड़ा दांव खेला है। बागपत लोकसभा क्षेत्र से डॉ. राजकुमार सांगवान को प्रत्याशी घोषित किया तो वहीं बिजनौर लोकसभा सीट से विधायक चंदन सिंह को प्रत्याशी घोषित किया गया है। इसके अलावा विधान परिषद के लिए मथुरा से योगेश नौहार को प्रत्याशी बनाया गया है।

राजनीतिक परिवार से आते हैं चंदन चौहान

चंदन चौहान मुजफ्फरनगर के मीरापुर से पार्टी के विधायक हैं। चंदन चौहान महज 35 साल के हैं। उनके पिता संजय चौहान बिजनौर से सांसद रह चुके हैं। उनके दादा नारायण चौहान यूपी के डिप्टी सीएम रहे हैं। चंदन चौहान गुर्जर बिरादरी से आते हैं।

रालोद के लिए समर्पित हैं राजकुमार सांगवान

चौधरी चरण सिंह का आशीर्वाद लेकर राजनीति शुरू करने वाले मेरठ के डॉ. राजकुमार सांगवान को रालोद मुखिया ने बागपत से रालोद-भाजपा का प्रत्याशी घोषित कर दिया है। 44 वर्ष से रालोद की राजनीति कर रहे डॉ. राजकुमार सांगवान जमीनी राजनीति के लिए जाने जाते हैं।

जयंत चौधरी ने दिया बड़ा संदेश

 

बागपत से डॉ. राजकुमार सांगवान जैसे ईमानदार नेता को टिकट देकर जयंत चौधरी ने बड़ा संदेश दे दिया है। राजकुमार सांगवान ऐसे नेता हैं, जिनकी हर बिरादारी, हर क्षेत्र में अलग पहचान रही है। लंबे समय तक छात्र और किसानों की राजनीति करने वाले डॉ. राजकुमार सांगवान को टिकट दिए जाने पर खुशी का माहौल है। लोगों का कहना है कि ऐसे ईमानदार इंसान को टिकट देकर जयंत चौधरी ने हर किसी का दिल जीत लिया है।

पार्टी के लिए पूरा जीवन समर्पित कर दिया

 

डॉ. राजकुमार सांगवान ऐसे नेता हैं, जिन्होंने पार्टी के लिए पूरा जीवन समर्पित कर दिया। उन्होंने विवाह तक नहीं किया। उन्हें कई बार दूसरी पार्टी से टिकट के लिए ऑफर मिला, लेकिन वे यह कहते हुए इंकार कर दिया कि चौधरी चरण सिंह से प्रेरित होकर राजनीति में आए, जब तक जीवन है, इस पार्टी को नहीं छोड़ेंगे।

माया त्यागी कांड के विरोध में आंदोलन में 1980 में गए थे जेल
डॉ. राजकुमार सांगवान (63) 1980 में पहली बार बागपत के माया त्यागी कांड में हुए आंदोलन में जेल गए थे। इसके अलावा वे दर्जनों बाद छात्र और किसान आंदोलनों में जेल गए। वर्ष 1982 में वे मेरठ में रालोद के जिला उपाध्यक्ष बने। इसके बाद 1986 में वे छात्र रालोद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बने। 1990 में मेरठ के युवा रालोद के जिलाध्यक्ष रहे। इसके बाद वे युवा रालोद में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष बने। 1995 में चौधरी अजित सिंह ने उन्हें झारखंड और बिहार के चुनाव का प्रदेश प्रभारी बनाया। इसके बाद वे रालोद में प्रदेश महामंत्री और प्रदेश महामंत्री सगंठन बने।

वर्तमान में रालोद के राष्ट्रीय सचिव हैं डॉ. सांगवान

वर्तमान में वह रालोद के राष्ट्रीय सचिव हैं। विधानसभा चुनाव में वह सिवालखास सीट के उम्मीदवार घोषित होने वाले थे, लेकिन सपा ने इस सीट पर गुलाम मोहम्मद को रालोद से प्रत्याशी घोषित करा दिया था। पार्टी के प्रति उनकी निष्ठा इतनी रही कि कि टिकट कटने के बाद भी वह गुलाम मोहम्मद को चुनाव लड़ाने के लिए उनके घर पहुंच गए थे।

मेरठ कॉलेज में रहे प्रोफेसर

डॉ. राजकुमार सांगवान ने मेरठ कालेज से एमए इतिहास किया। इसके बाद उन्होंने चौधरी चरण सिंह के ऊपर पीएचडी की। वह मेरठ कॉलेज में इतिहास के प्रोफेसर रहे हैं।

जेपी नड्डा और अमित शाह से की थी मुलाकात

 

दरअसल, राष्ट्रीय लोकदल के मुखिया जयंत चौधरी पिछले शनिवार की रात केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिले थे। बताया जाता है कि इस बैठक में दोनों नेताओं के बीच सीट शेयरिंग को लेकर बातचीत हुई थी। इसके बाद बीजेपी के साथ गठबंधन करने की घोषणा की।

दादा को भारत रत्न मिलने के बाद एनडीए के हिस्सा बने

 

एनडीए का हिस्सा होने से पहले जयंत चौधरी की पार्टी रालोद इंडिया गठबंधन के साथ थी और यूपी में अखिलेश यादव की अगुवाई वाली समाजवादी पार्टी के साथ सीट को लेकर डील भी करीब-करीब डन हो चुकी थी। अखिलेश यादव ने उन्हें सात सीटें देने की घोषणा की थी। इस बीच केंद्र सरकार ने जयंत चौधरी के दादा चौधरी चरण सिंह को मरणोपरांत भारत रत्न देने का ऐलान कर दिया। भारत सरकार के इस ऐलान के बाद जयंत चौधरी मन बदल गया और वो एनडीए का हिस्सा हो गए।

 

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