बेरोजगारी से निपटने का रोडमैप तैयार, 4.1 करोड़ युवाओं को रोजगार देने की सरकार ने बनाई व्यवस्था
नई दिल्ली, बीएनएम न्यूजः लोकसभा चुनाव में प्रमुख मुद्दा बने बेरोजगारी की समस्या से निपटने पर मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले बजट में पूरा जोर दिया गया है। इसकी अहमियत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में रोजगार शब्द का प्रयोग 57 बार किया।
बजट की नौ प्राथमिकताओं में भी रोजगार और कौशल विकास दूसरे स्थान पर है। सीतारमण के अनुसार आने वाले दो से चार साल में इससे चार करोड़ 10 लाख युवाओं को रोजगार मिलेगा और इस पर दो लाख करोड़ रुपये का खर्च आएगा।
प्राइवेट कंपनियों के लिए प्रोत्साहन की घोषणा
प्रधानमंत्री रोजगार और कौशल प्रशिक्षण पैकेज के तहत प्राइवेट कंपनियों के लिए तीन तरह के प्रोत्साहन की घोषणा की गई है। पहले प्रोत्साहन पैकेज के तहत निजी कंपनी में पहली बार नौकरी पाने वाले युवा की पहले महीने के वेतन का भुगतान सरकार की ओर से किया जाएगा।
इसके लिए शर्त यह है कि उस युवा का वेतन प्रति महीना एक लाख रुपये से कम होना चाहिए। पहले महीने के इस वेतन का भुगतान तीन किस्तों में किया जाएगा, लेकिन दूसरी किस्त जारी होने के पहले युवा को आनलाइन वित्तीय साक्षरता का पाठ्यक्रम सीखना अनिवार्य होगा।
इसके लिए प्रति युवा अधिकतम सहायता की राशि 15 हजार रुपये निर्धारित की गई है। 12 महीने से पहले नौकरी से निकालने की स्थिति में नियोक्ता कंपनी को सरकार द्वारा दी गई राशि को वापस करना होगा। सरकार का अनुमान है कि इससे एक साल में एक करोड़ से अधिक युवाओं को रोजगार मिल सकेगा। दो साल तक चलने वाले इस योजना पर 23 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे।
नई नौकरी सृजित करने पर नियोक्ताओं को सहायता
इसके साथ ही ईपीएफओ में अंशदान करने वाले नियोक्ताओं को विनिर्माण क्षेत्र में नई नौकरी सृजित करने पर सहायता दी जाएगी। इसके तहत ईपीएफओ में जमा होने वाली नियोक्ता और कर्मचारी के एक हिस्से का भुगतान सरकार करेगी।
शर्त यह है कि नौकरी पाने वाला युवा पहले कभी ईपीएफओ में शामिल नहीं हुआ हो यानी पहली बार नौकरी पर आया हो और उसका वेतन प्रतिमाह एक लाख रूपये से अधिक नहीं हो।
ईपीएफओ में अंशदान में मिलने वाली यह सहायता पहली बार नौकरी की स्थिति में पहले महीने के वेतन के रूप में दी जाने वाली सहायता से अलग होगा। सरकार का अनुमान है कि इससे दो सालों में 30 लाख युवाओं को रोजगार मिलेगा और इस पर कुल 52 हजार करोड़ रुपये का खर्च आएगा। इसके साथ ही बड़े पैमाने पर पहली बार रोजगार देने वाले नियोक्ताओं के लिए अलग से वित्तीय सहायता का एलान किया गया है।
पहली बार नौकरी में वेतन का एक हिस्सा सरकार देगी
इसके अलावा एक साल में 50 या उससे अधिक नई नौकरी सृजित करने वाले कारपोरेट और गैर-कारपोरेट प्रतिष्ठानों में पहली बार नौकरी पाने वाले युवाओं के वेतन का एक हिस्सा सरकार देगी। इसके तहत पहले और दूसरे साल में वेतन का 24 प्रतिशत प्रोत्साहन राशि के रूप में दिया जाएगा। तीसरे साल में यह राशि वेतन का 16 प्रतिशत और चौथे साल में आठ प्रतिशत हो जाएगी।
प्रोत्साहन राशि नियोक्ता और कर्मचारी के बीच बराबर-बराबर बांटा जाएगा। इसमें भी एक लाख रुपये प्रतिमाह से कम वेतन होने की शर्त है। लेकिन प्रतिमाह 25 हजार से अधिक का वेतन होने की स्थिति में भी प्रोत्साहन राशि 25 हजार रुपये के वेतन के हिसाब से ही जाएगी। इससे 50 लाख युवाओं को नौकरी मिलने का अनुमान है और इस पर 32 हजार करोड़ रुपये का खर्च आएगा।
500 बड़ी कंपनियों में एक करोड़ युवाओं का प्रशिक्षण
कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में सभी युवाओं के इंटर्नशिप देने के वायदे को बड़ा चुनावी मुद्दा बनाया था। कांग्रेस के घोषणापत्र में एक साल के 8,500 रुपये प्रति महीने की इंटर्नशिप का वायदा किया गया था। निर्मला सीतारमण ने बजट में देश की 500 बड़ी कंपनियों में पांच सालों में एक करोड़ युवाओं के लिए प्रशिक्षण का एलान किया है। प्रशिक्षण के दौरान युवाओं को हर महीने पांच हजार रुपये की इंटर्नशिप मिलेगी।
प्रशिक्षण की लागत कंपनी के सीएसआर फंड से वहन की जाएगी। इस योजना के तहत 21 से 24 साल के युवा आवेदन कर सकते हैं। एक करोड़ युवाओं के इंटर्नशिप पर कुल 63 हजार करोड़ रुपये का खर्च आएगा। इसके अलावा सरकार ने अगले पांच साल में 30 हजार करोड़ रुपये की लागत से एक हजार आइटीआइ का उन्नयन करने की भी घोषणा की है। इससे 20 लाख युवाओं का कौशल विकास किया जा सकेगा।
CLICK TO VIEW WHATSAAP CHANNEL
भारत न्यू मीडिया पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज, Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट , धर्म-अध्यात्म और स्पेशल स्टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें इंडिया सेक्शन