रोहतक में आयोजित समारोह में सहारण परिवार ने विनेश फोगाट को किया सम्मानित

नरेन्द्र सहारण, रोहतक : सर्व समाज की तरफ से रोहतक में महिला पहलवान विनेश फोगाट के लिए सम्मान समारोह आयोजित किया गया। जिसमें अखिल भारतीय सहारण परिवार के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजयपाल जी सहारण ने सहारण परिवार का प्रतिनिधित्व किया। उनके साथ वरिष्ठ सदस्य डॉ विरेन्द्र सहारण भी मौजूद थे। यह जानकारी अखिल भारतीय सहारण परिवार के प्रवक्ता नरेंद्र सिंह सहारण ने दी ।

मुझे ओलिंपिक पदक से भी ज्यादा सम्मान मिला

 

विनेश फोगाट ने कहा कि यहां मुझे बहुत खुशी हो रही है कि मेरा परिवार और प्रदेश के सभी लोग मेरे साथ खड़े हैं। इसे देखकर लग रहा है कि अभी मेरी लड़ाई खत्म नहीं, बल्कि अब शुरू हुई है। उन्होंने कहा कि भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष के खिलाफ आवाज उठाने से पहले डर लगा था, लेकिन जब मेरे साथ समाज खड़ा हुआ तो हिम्मत मिली। हालांकि, मैं ओलिंपिक में पदक नहीं जीत सकी तो सोच रही थी कि परिवार वाले क्या कहेंगे। लेकिन मुझे यहां आकर ओलिंपिक पदक से भी ज्यादा सम्मान दिया गया है, जिसका ऋण कभी नहीं चुका पाऊंगी। ओलिंपिक पदक से बड़ा हमारी बहनों का मान-सम्मान है। असुरक्षित माहौल में बहनें खेलती हैं, जिनको देखकर डर लगता था कि भविष्य कैसा होगा। लेकिन मैं विश्वास दिलाती हूं कि अब घबराना नहीं है। आपके साथ हार-जीत में हमेशा खड़ी रहूंगी। जो सपने अधूरे रह गए हैं, अब आप उन्हें पूरा करेंगी।

विनेश फोगाट का रविवार को जन्मदिन था। उनके जन्मदिन पर रविवार को रोहतक के अस्थल बोहर स्थित नांदल भवन में सर्व खाप महापंचायत ने विनेश को शुद्ध सोने से बना पदक पहनाकर सम्मानित किया।

रोहतक के बोहर गांव स्थित नांदल भवन में भारत की सर्व खाप पंचायत ने स्वर्ण पदक पहनाकर सम्मानित किया।

कॉमनवेल्थ में बिल्कुल नहीं खेलूंगी

 

विनेश ने कहा कि मैं बहुत किस्मत वाली हूं। क्योंकि पेरिस ओलंपिक में मेडल से चूकने के बाद भी मुझे लोगों ने बहुत प्यार दिया है। इस स्नेह के लिए में अपने आप को भाग्यशाली समझती हूं। जब मैं मेडल से चूक गई थी तब मुझे लग रहा था कि मेरे से ज्यादा बदकिस्मत कोई नहीं हो सकता, लेकिन देश के लोगों ने जो प्यार मुझे दिया उसके लिए मैं शुक्रगुजार हूं। कॉमनवेल्थ गेम्स में खेलने के सवाल पर विनेश ने कहा कि मैंने कॉमनवेल्थ गेम्स में बहुत सारे मेडल जीते हैं। इसलिए मैं चाहती हूं कि हमारी अगली पीढ़ी आगे आए और कॉमनवेल्थ गेम्स में मेडल जीते। इसलिए मैं कॉमनवेल्थ में बिल्कुल नहीं खेलूंगी। वह आगे युवा खिलाड़ियों को खेलते देखना चाहेगी।

संन्यास के फैसले पर विचार करूंगी

 

विनेश ने कहा कि मेरा टारगेट ओलंपिक था। ओलंपिक ही मेरा सपना था, लेकिन अभी मैं कुछ सोच नहीं पा रही हूं। अगर मेरे ओलंपिक में खेलने के सपने में फिर से जान आ गई तो मैं अपने संन्यास के फैसले पर विचार करूंगी। हालांकि अभी मुझे कुछ भी समझ नहीं आ रहा है कि आगे करना क्या है। वहीं विनेश ने कहा कि अभी लोगों को मुझसे कम और आने वाली पीढ़ी से ओलंपिक में मेडल लाने की ज्यादा उम्मीद रखनी चाहिए। अगर आने वाले समय में मुझे लगता है तो मैं विचार करूंगी।

 

 

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