आरएसएस प्रमुख मोहन भागत बोले, दुनिया आज भी उन्हीं समस्याओं का सामना कर रही जो हजारों वर्षों से हैं
डिब्रूगढ़, एजेंसी: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS ) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने रविवार को कहा कि भौतिक प्रगति के बावजूद दुनिया आज भी उन्हीं समस्याओं का सामना कर रही जो हजारों वर्षों से मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि सभी समस्याओं का समाधान धर्म या ‘आध्यात्मिक एकता’ की प्राचीन भारतीय अवधारणा में निहित है। भागवत ने प्राचीन परंपराओं और संस्कृतियों के आध्यात्मिक गुरुओं को समर्पित एक गैर-लाभकारी संगठन इंटरनेशनल सेंटर फार कल्चरल स्टडीज (ICCS) द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में ये बातें कहीं। यह सम्मेलन एक फरवरी तक चलेगा।
‘आध्यात्मिक एकता’ की भारतीय अवधारणा में सभी समस्याओं का समाधान
भागवत ने कहा कि शिक्षा और प्रौद्योगिकी में प्रगति के बावजूद, युद्ध अभी भी होते हैं। बाहरी और आंतरिक दोनों तरह से शांति की कमी है। भागवत के अनुसार इन समस्याओं को समझने और हल करने के प्रयास किए गए हैं, जिसके परिणामस्वरूप विभिन्न सिद्धांत और दर्शन सामने आए हैं, लेकिन समाधान नहीं खोजा जा सका। दूसरी ओर प्राचीन परंपराओं ने ‘आध्यात्मिक एकता’ की अवधारणा को मान्यता दी, जिसे भारत में ‘धर्म’ के रूप में जाना जाता है। भागवत ने सच्ची खुशी पाने में इस ज्ञान के महत्व पर जोर देते हुए कहा, इन प्राचीन संस्कृतियों ने समझा कि सब कुछ आपस में जुड़ा हुआ है और सच्ची खुशी बाहरी उपभोग के बजाय भीतर से आती है।
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