Russia Ukraine Ceasefire: पुतिन के युद्धविराम के प्रस्ताव को यूक्रेन ने किया खारिज, जानें क्यों नकारा

वोलोदिमीर जेलेंस्की और व्लादिमीर पुतिन।

मास्को, एजेंसी : Russia Ukraine Ceasefire: यूक्रेन और रूस के बीच तनाव का माहौल दुनियाभर में बढ़ता जा रहा है, जब रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपने युद्धविराम के प्रस्ताव को पेश किया और उसे यूक्रेन ने खारिज कर दिया। यह घटना एक नई चर्चा का विषय बन गई है, जिसने दुनियाभर के राजनीतिक और सुरक्षा विशेषज्ञों की नजरें खींची हैं।

सेना को युद्धविराम पर लाने का वायदा

पुतिन ने अनोखे पहलू वाला प्रस्ताव पेश किया, जिसमें उन्होंने यूक्रेन के खिलाफ हमले की आशंका को दूर करने के लिए सेना को युद्धविराम पर लाने का वायदा किया। यह प्रस्ताव विवाद और विचार-विमर्श का विषय बन गया, क्योंकि इसका निर्माण और इसकी संभावित प्रभाव कई तरह से महत्वपूर्ण हैं।

यूक्रेन के सामने रखी यह शर्तें

इसके लिए रूस ने यह शर्तें रखीं कि यूक्रेन को 2022 में रूस द्वारा जीते गए सीमावर्ती इलाकों से अपने सैनिक बुलाने होंगे और नाटो की सदस्यता के आवेदन को वापस लेना होगा। लेकिन यूक्रेन ने पुतिन के इस प्रस्ताव को अतार्किक बताते हुए अस्वीकार कर दिया है। प्रतिक्रिया में कहा है कि यूक्रेन अपने सभी इलाकों को वापस प्राप्त किए बगैर युद्ध नहीं रोकेगा। यूक्रेन ने यह कहते हुए इस प्रस्ताव को तुरंत खारिज किया कि वो अपनी सुरक्षा को लेकर बहुत ही सावधान और सख्त है।

यूक्रेनी राष्ट्रपति ने इसे “भारी” और “भयानक” बताया। उन्होंने कहा कि यूक्रेन को अपनी सुरक्षा के प्रति पूरी तरह से तैयार रहने की आवश्यकता है। इस घटना के बाद, दुनियाभर के विभिन्न राजनीतिक दल और संगठनों ने अपनी नजरें इस मामले पर रखीं। यह विवादित प्रस्ताव ग्लोबल सुरक्षा परिस्थितियों में और बढ़ते रूसी-यूक्रेन संबंधों में नये तनाव के संकेत के रूप में देखा गया है। यूक्रेन के निर्णय में राजनीतिक और सैन्य दृष्टिकोण को शामिल किया गया। वहां की जनता और अन्य देशों की सरकारें भी इस पर अपने भावनात्मक और राष्ट्रीय हित संबंधी दृष्टिकोण से अपने विचार प्रकट कर रही हैं।

यूक्रेन में खूनखराबा जारी रहने के लिए पश्चिमी देश जिम्मेदार

शुक्रवार को विदेश मंत्रालय में आयोजित कार्यक्रम में पुतिन ने कहा, वह इतिहास के इस पीड़ा देने वाले पन्ने को पलटना चाहते हैं और यूक्रेन व यूरोपीय देशों के साथ चरणबद्ध तरीके से संबंध सामान्य करना चाहते हैं। यूक्रेन और पश्चिमी देश अगर उनके प्रस्ताव को अस्वीकार करते हैं तो यूक्रेन में खूनखराबा जारी रहने के लिए वे जिम्मेदार होंगे। इस संकटकालीन स्थिति में राष्ट्रपति पुतिन और उनकी सरकार की भूमिका, सुरक्षा व्यवस्था और अंतरराष्ट्रीय सम्बंधों पर विचार करने के लिए अब विशेषज्ञों के पास नए मापदंड और दृष्टिकोण होने की आवश्यकता होगी।

यूक्रेन का अमेरिका के साथ दस वर्षीय सुरक्षा समझौता

 

अमेरिका के नेतृत्व वाले सैन्य संगठन नाटो में शामिल होने के यूक्रेन के आवेदन के बाद ही 24 फरवरी 2022 के बाद यूक्रेन में रूस के हमले शुरू हुए थे। 28 महीनों के भारी खूनखराबे और विश्व स्तर पर काफी हद तक अलग-थलग पड़ने के बाद रूस अब यूक्रेन के साथ समझौते की राह देख रहा है, लेकिन गुरुवार को अमेरिका के साथ दस वर्षीय सुरक्षा समझौता कर चुका यूक्रेन अब युद्ध के मैदान में पीछे हटने को तैयार नहीं है।

जेलेंस्की इटली में जी 7 शिखर सम्मेलन में पहुंचे

 

पुतिन का यह प्रस्ताव तब आया है जब यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की इटली में जी 7 शिखर सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन और अन्य सहयोगी देशों के नेताओं के साथ हैं। इसके बाद स्विट्जरलैंड में 15-16 जून को यूक्रेन पर शांति सम्मेलन आयोजित होगा जिसमें करीब 100 देशों और संगठनों के प्रतिनिधियों के भाग लेने की संभावना है। इस सम्मेलन में यूक्रेन की मदद के लिए बड़े एलान हो सकते हैं। वैसे जी 7 देश यूक्रेन को 50 अरब डालर की आर्थिक सहायता का बड़ा एलान गुरुवार को कर चुके हैं।

पुतिन अब शर्तें थोपने की स्थिति में नहीं : आस्टिन

 

रूसी राष्ट्रपति पुतिन अब इस स्थिति में नहीं हैं कि वह यूक्रेन पर शर्तें थोप सकें और युद्ध खत्म कर सकें। यह बात अमेरिका के रक्षा मंत्री लायड आस्टिन ने नाटो के ब्रसेल्स स्थित मुख्यालय में कही है। उन्होंने कहा, पुतिन अगर वास्तव में यूक्रेन में शांति चाहते हैं तो वहां की भूमि से कब्जा छोड़ें और अपने सैनिकों को वापस बुला लें।

 

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