SP Candidate List: सपा की पांचवीं सूची जारी, आजमगढ़ से धर्मेंद्र यादव मैदान में, जानें- अखिलेश कहां से लड़ेंगे चुनाव

लखनऊ: BNM News: आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर यूपी में समाजवादी पार्टी ने शनिवार को उम्मीदवारों की पांचवीं सूची जारी कर दी। इस बार पार्टी ने छह उम्मीदवारों के टिकट का एलान किया है। पार्टी ने आजमगढ़ से धर्मेंद्र यादव, इटावा से जितेंद्र दोहरे, गौतमबुद्धनगर से महेंद्र नागर, सुलतानपुर से भीम निषाद, मिश्रिक से मनोज कुमार राजवंशी और जालौन से नारायण दास आहिरवार को मैदान में उतारा है।

43 सीटों पर उम्मीदवारों का एलान

इससे पहले सपा 37 नामों का एलान कर चुकी थी, पांचवीं सूची के बाद से अब यह संख्या 43 हो गई है। हालांकि यह संख्या वास्तविकता में 41 है, क्योंकि इंडिया गठबंधन होने के बाद वाराणसी लोकसभा सीट कांग्रेस के खाते में चली गई है तो पार्टी को वहां से अपना उम्मीदवार हटाना होगा। इसके अलावा संभल से सांसद रहे शफीकुर्रहमान बर्क का निधन हो गया है। पार्टी ने उनके निधन से पहले उनके नाम का एलान कर दिया था तो ऐसे में अब वहां भी उम्मीदवार की घोषणा करनी होगी। यह देखना रोचक होगा कि बर्क की जगह पर सपा किसके नाम पर मुहर लगाती है।

अखिलेश यादव कन्नौज से लड़ सकते हैं चुनाव

समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव किस सीट से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे, इस सवाल पर सस्पेंस बना हुआ था, जोकि अब खत्म होते दिखाई दे रहा है. सूत्रों के मुताबिक, अखिलेश यादव का कन्नौज लोकसभा सीट से चुनाव लड़ना लगभग तय हो गया है. इसको लेकर कन्नौज के पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को अलर्ट कर दिया गया है। कन्नौज से चुनाव लड़ने के लिए अखिलेश यादव ने अपने करीबी नेताओं को फोन लगाया है और अपनी सहमति जताई है, जिसके बाद कार्यकर्ताओं का जोश हाई है। समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष कलीम खान का कहना है कि अखिलेश ने कन्नौज से चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की है। यह हमारे जैसे कार्यकर्ताओं के लिए गर्व की बात है।  वहीं, सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, आजमगढ़ से धर्मेंद्र यादव को उतारने की तैयारी है। यहां उनकी टक्कर BJP प्रत्याशी दिनेश लाल निरहुआ से हो सकती है। पिछली बार हुए उपचुनाव में निरहुआ ने धर्मेंद्र यादव को हरा दिया था।

आजमगढ़ में बसपा ने बिगाड़ दिया था सपा का समीकरण

साल 2019 के लोकसभा चुनाव में निरहुआ को अखिलेश यादव ने बुरी तरह से हराया था। अखिलेश को फायदा मायवती ने पहुंचाया था क्योंकि दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन था। लोकसभा चुनाव होने के बाद जिस बात का अंदाजा लगाया जा रहा था कि दोनों पार्टियां अलग-अलग राह पकड़ लेंगी, वही हुआ। मायावती गठबंधन से अलग हो गईं। विधानसभा चुनाव में दोनों पार्टियां अलग-अलग चुनाव लड़ीं। अखिलेश यादव ने करहल विधानसभा सीट से चुनावी ताल ठोकी, जिसके बाद आजमगढ़ लोकसभा सीट खाली हो गई और फिर उपचुनाव हुए। इस उपचुनाव में मायावती ने अपना प्रत्याशी उतारकर समाजवादी पार्टी के सभी समीकरण बिगाड़ दिए। उपचुनाव में निरहुआ ने बाजी पलट दी। उनको 312768 वोट मिले थे, जबकि धर्मेंद्र यादव को 304089 वोट मिले थे।

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