Haryana News: 14 जिलों में गिरा लिंगानुपात, किस जिले में सबसे अधिक गिरावट
नरेन्द्र सहारण, चंडीगढ़। हरियाणा के 14 जिलों में लिंगानुपात गिरा है। सरकार ने सभी उपायुक्तों को निगरानी बढ़ाने का निर्देश दिया है। रोहतक समेत पांच जिलों की स्थित बेहद खराब है। यहां का लिंगानुपात 900 से कम दर्ज किया। हरियाणा के 14 शहरों के लिंगानुपात में कमी दर्ज की गई है। वहीं, जन्म के समय लिंगानुपात (SRB) में पिछले साल की तुलना में एक अंक की भी गिरावट आई है। 2023 में प्रति एक हजार लड़कों पर 916 लड़कियों का जन्म दर्ज किया गया है, जबकि 2022 में 917 था। हालांकि 2021 में यह आंकड़ा 914 था। मगर पुराने आंकड़ों को देखे तो 2019 में 923 पहुंच गया था। राष्ट्रीय स्तर की तुलना में भी हरियाणा का लिंगानुपात काफी पीछे है। राष्ट्रीय औसत 933 है। कम होते लिंगानुपात पर सरकार गंभीर है। सरकार की ओर से सभी उपायुक्तों को निगरानी बढ़ाने और नजर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।
रोहतक में सबसे ज्यादा 53 अंकों की गिरावट
2023 में जिन शहरों के लिंगानुपात में गिरावट दर्ज की गई है, उनमें फतेहाबाद, नूंह, सिरसा, यमुनानगर, जींद, कैथल, पानीपत, अंबाला, चरखी दादरी, सोनीपत, महेंद्रगढ़, रोहतक, करनाल और भिवानी शामिल हैं। वहीं, गुरुग्राम, पलवल, कुरुक्षेत्र, फरीदाबाद, पंचकूला, हिसार, रेवाड़ी और झज्जर में वृद्धि दर्ज की गई है। पिछले साल प्रदेश में कुल 5,50,465 बच्चों ने जन्म लिया। इनमें 2,87,336 लड़के और 2,63,129 लड़कियां शामिल थीं। एसआरबी के आंकड़ों के मुताबिक राज्य में सबसे ज्यादा गिरावट वाले पांच ऐसे शहर हैं, जिनका लिंगानुपात 900 से नीचे दर्ज किया गया है। इनमें सबसे खराब स्थिति रोहतक की है। 2022 में रोहतक का लिंगानुपात 936 था, जो 2023 में घटकर 883 रह गया। 53 प्वाइंट की गिरावट है।
महेंद्रगढ़-सोनीपत का लिंगानुपात भी 900 से नीचे
वहीं, दूसरा शहर चरखी दादरी है। 2022 में लिंगानुपात 933 था, जो 2023 में 897 रिकॉर्ड किया गया। महेंद्रगढ़ का लिंगानुपात 887 दर्ज किया गया, जो एक साल पहले 907 पर था। सोनीपत का लिंगानुपात 2022 में 894 था, जो 2023 में 898 रिकॉर्ड हुआ। वहीं, अंबाला में 15 प्वाइंट की गिरावट के साथ 919 रिकॉर्ड हुआ।
इन पांच जिलों में सबसे ज्यादा वृद्धि
लिंगानुपात बढ़ने के मामलों में पांच शहरों में पलवल, पंचकूला, फतेहाबाद, नूंह और गुरुग्राम शामिल हैं। पलवल में 2022 में लिंगानुपात 946 दर्ज किया गया, जो 2022 में 922 था। पंचकूला में लिंगानुपात 938 से 942, फतेहाबाद में 934, नूंह में 932 और गुरुग्राम 928 दर्ज किया गया है।
नौ साल पहले 876 था लिंगानुपात
लिंगानुपात के मामले में हरियाणा काफी बदनाम रहा है। 2015 में हरियाणा में एक हजार लड़कों पर 876 लड़कियों ने जन्म लिया था। हालांकि इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पानीपत से बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान की शुरुआत की। इसके बाद पूरे राज्य में जन जागरूकता अभियान और लड़कियों के लिए कई सारी स्कीम शुरू की गई। उसके बाद हरियाणा में लिंगानुपात में वृद्धि दर्ज की गई। 2019 में 923 और 2020 में 922 रिकॉर्ड किया गया।
हरियाणा में सख्ती तो बाहर से करवा रहे हैं भ्रूण जांच
स्वास्थ्य विभाग से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि हरियाणा में भ्रूण जांच को लेकर काफी सख्ती है। बीते पांच साल में भ्रूण जांच से संबंधित 2387 छापे मारे गए। इनमें से 500 छापे हरियाणा से बाहर भी मारे गए हैं। इसके बावजूद भी लोग इसमें कामयाब हो रहे हैं। हाल के दिनों में स्वास्थ्य विभाग के सामने बड़ा चैलेंज पोर्टेबल मशीनों को लेकर है। अब मोबाइल के साइज के बराबर मशीनें हैं, जिनका इस्तेमाल लोग कर रहे हैं।