Fake Loan App: फर्जी लोन ऐप मामले में सरकार का बड़ा फैसला, सोशल मीडिया मंच को दिया गया ये निर्देश

नई दिल्ली, एजेंसी: भारत में फ्रॉड लोन ऐप का जाल फैला हुआ है, जिसके आए दिन भोले-भाले लोग शिकार बन रहे हैं। फ्रॉड के बढ़ते मामलों को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। मंगलवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) ने अपने प्लेटफॉर्म पर फ्रॉड लोन ऐप का विज्ञापन ना करने की चेतावनी दी है। साथ ही मंत्रालय ने यह भी कहा है कि अगर किसी तरह का स्कैम होता है तो फिर विज्ञापन देने वाला सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जिम्मेदार होगा। मेटा के फेसबुक, इंस्टाग्राम और गूगल जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्मों को जारी अपनी सलाह में मंत्रालय ने उनसे सात दिनों के भीतर निर्देश का अनुपालन सुनिश्चित करने को कहा।

आई मंत्रालय द्वारा जारी एडवाइजरी में कहा गया है कि मध्यस्थों, प्लेटफॉर्मों को यूजर्स को फ्रॉड करने और गुमराह करने वाले लोन और सट्टेबाजी ऐप्स के किसी भी विज्ञापन को अनुमति न देने के लिए अतिरिक्त उपाय करने चाहिए, जिसके परिणामों की पूरी जिम्मेदारी बिचौलियों, प्लेटफॉर्मों की होगी।

केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने बुधवार को कहा कि सरकार ने सोशल मीडिया और ऑनलाइन मंचों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि वे अपने मंच पर कर्ज देने वाले धोखाधड़ी वाले ऐप के विज्ञापन नहीं लगाएं। चंद्रशेखर ने कहा कि आईटी मंत्रालय ने मंचों को स्पष्ट कर दिया है कि वे धोखाधड़ी वाले ऋण ऐप के विज्ञापन नहीं दे सकते क्योंकि ये विज्ञापन गुमराह करने वाले हैं और इंटरनेट का उपयोग करने वाले लोगों को नुकसान पहुंचाते हैं।

चंद्रशेखर ने यहां एक कार्यक्रम के मौके पर कहा कि अब हम जिन क्षेत्रों पर नकेल कस रहे हैं उनमें से एक धोखाधड़ी वाले ऋण ऐप के विज्ञापन है जो कई मंच पर चल रहे हैं। हमने कल की सलाह के माध्यम से यह स्पष्ट कर दिया है कि कोई भी मध्यस्थ धोखाधड़ी वाले ऋण ऐप के विज्ञापन नहीं दे सकता है।

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