Sonipat News: दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे पर नींद की झपकी ने लील लिया परिवार, हादसे में मां-बाप व बेटे की मौत

नरेन्द्र सहारण, सोनीपत : Sonipat News: तारा नगर में रहने वाले कमल के परिवार की जिंदगी ने एक रात में ऐसा मोड़ लिया, जिसने पूरे मोहल्ले और जानने वालों को गहरे शोक में डाल दिया। गुरुवार की रात तक जहां कमल का परिवार खुशी और उल्लास के माहौल में बेटी की सालगिरह का जश्न मना रहा था, वहीं शुक्रवार सुबह एक दर्दनाक सड़क हादसे में कमल, उनकी पत्नी अनुष्का और मासूम बेटे विभान की मौत ने इस खुशी को गहरे मातम में बदल दिया। इस हादसे ने परिवार को हमेशा के लिए बिखेर दिया।
सालगिरह का जश्न: आखिरी खुशनुमा पल
गुरुवार की रात कमल की बहन पूजा की शादी की सालगिरह थी। परिवार के सभी सदस्य – कमल, उनकी पत्नी अनुष्का, बेटा विभान, बहन पूजा, जीजा राजकुमार और उनके बच्चे रुद्राक्ष और दिव्यांशी – पूजा के घर इकट्ठे हुए थे। सालगिरह का यह जश्न देर रात तक चलता रहा। कमल और उनके परिवार ने हर पल को यादगार बनाया। पड़ोसियों ने भी बताया कि कमल का परिवार हमेशा खुशमिजाज और जिंदगी को पूरी तरह जीने वाला था।
अचानक बनी यात्रा की योजना
जश्न के बाद रात में ही परिवार ने अचानक मेहंदीपुर बालाजी जाने का फैसला किया। यह यात्रा पूर्व नियोजित नहीं थी। शुक्रवार अलसुबह, कमल अपने परिवार के साथ कार में सवार होकर राजस्थान के लिए निकल पड़े। कमल खुद गाड़ी चला रहे थे। लेकिन यह यात्रा उन्हें और उनके परिवार को जीवन के इस सफर से हमेशा के लिए अलग कर देगी, यह किसी ने नहीं सोचा था।
हादसा: मौत का क्रूर खेल
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर अलवर के पास गाड़ी चलाते समय कमल को नींद की झपकी आ गई। नियंत्रण खोने के कारण उनकी कार डिवाइडर से टकरा गई। यह टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि कमल (29), उनकी पत्नी अनुष्का (26) और बेटे विभान (2) की मौके पर ही मौत हो गई। कार में मौजूद अन्य सदस्य – बहन पूजा, जीजा राजकुमार, भांजी दिव्यांशी और भांजा रुद्राक्ष गंभीर रूप से घायल हो गए।
घायलों को तुरंत पास के अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका इलाज जारी है। कमल के घरवालों को उनकी मौत की खबर दे दी गई, लेकिन कमल की मां को अभी इस हादसे की जानकारी नहीं दी गई है। परिवार के सदस्य और पड़ोसी उनकी मानसिक स्थिति को देखते हुए यह खबर साझा करने से डर रहे हैं।
खुशियों से भरा परिवार: अब यादें ही बचीं
कमल का परिवार तारा नगर में एक खुशहाल और सादगी से भरा जीवन जीता था। कमल एक जूते बनाने वाली कंपनी में सुपरवाइजर थे। उनके दोस्त बताते हैं कि तीन साल पहले कमल की शादी हुई थी और कुछ ही महीनों बाद उनके छोटे भाई की भी शादी हो गई। शादी के एक साल के भीतर कमल के बेटे विभान का जन्म हुआ।
कमल की बहन पूजा पास की गली में रहती थीं, जिससे दोनों परिवार अक्सर एक-दूसरे के साथ त्योहार और उत्सव मनाते थे। पूजा की सालगिरह का यह जश्न भी दोनों परिवारों की साथ बिताई गई यादों का हिस्सा था। लेकिन अब, यह जश्न उनकी आखिरी खुशी बनकर रह गया है।
पड़ोसियों और रिश्तेदारों की प्रतिक्रिया
हादसे की खबर जैसे ही तारा नगर में पहुंची, पूरे मोहल्ले में शोक की लहर दौड़ गई। पड़ोसी और जानने वाले बड़ी संख्या में कमल के घर के बाहर इकट्ठा हो गए। हर कोई हैरान था कि जो परिवार बीती रात तक जश्न में डूबा हुआ था, वह अचानक मातम में कैसे बदल गया।
पड़ोसियों का कहना है कि कमल का परिवार मोहल्ले में बहुत लोकप्रिय था। वे हर छोटे-बड़े त्योहार पर सबके साथ मिलकर खुशियां बांटते थे। उनके निधन से मोहल्ले के लोग भी गहरे शोक में हैं।
मां के लिए खबर छुपाई गई
कमल की मां को इस हादसे की खबर नहीं दी गई है। परिवार के सदस्य उन्हें संभालने और सही समय पर यह दुखद जानकारी देने की योजना बना रहे हैं। उनका कहना है कि इतनी बड़ी त्रासदी के बाद उन्हें संभालना मुश्किल होगा।
मासूम विभान की मौत से सब आहत
इस हादसे में दो साल के मासूम विभान की मौत ने हर किसी को झकझोर दिया है। विभान परिवार का सबसे चहेता सदस्य था। उसकी मुस्कान पूरे घर में खुशियां बिखेर देती थी। अब उसकी मौत ने परिवार को गहरे शोक में डाल दिया है।
हादसे से सबक
यह हादसा एक कड़वी सीख देता है कि नींद या थकावट की स्थिति में गाड़ी चलाना कितना खतरनाक हो सकता है। इस त्रासदी ने एक पूरे परिवार को खत्म कर दिया। विशेषज्ञों का कहना है कि लंबी यात्रा से पहले पर्याप्त नींद लेना और ड्राइविंग के दौरान ब्रेक लेना बेहद जरूरी है।
अंत में
कमल और उनके परिवार का निधन न केवल उनके स्वजनों बल्कि पूरे तारा नगर के लिए एक बड़ी क्षति है। यह हादसा उन तमाम खुशियों और यादों को हमेशा के लिए दर्द में बदल गया है, जो उनके परिवार ने साथ बिताई थीं। अब उनके जानने वाले केवल उनकी यादों और खुशहाल पलों को संजोकर रख सकते हैं।
इस साल दो ये दो बड़े हादसे हो चुके
चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर का पूरा परिवार हो गया था खत्म
चंडीगढ़-अंबाला हाईवे पर हादसे में चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डा. संदीप का पूरा परिवार खत्म हो गया। हादसे में प्रोफेसर उनकी पत्नी, दो बेटियों मां की मौत हो गई। यह हादसा तब हुआ जब परिवार दीपावली मनाकर चंडीगढ़ लौट रहा था। कार में आग लगने से पूरा परिवार समाप्त हो गया। गाड़ी चला रहे संदीप के सुशील,उनकी पत्नी आरती व बेटे यश को भी चोट लगी थी। रहमाणा गांव के डा. संदीप को चंडीगढ़ विश्वविद्यालय में नियुक्ति मिल गई। पत्नी लक्ष्मी चंडीगढ़ हाईकोर्ट में वकालत कर रही थी। संदीप व लक्ष्मी के पास बेटी खुशी (6) व परी (4) वर्ष थी। वहीं संदीप की मां सुदेश गृहिणी थी। गांव में दीपावली मना कर दीपावली पर्व पर पैतृक गांव रहमाणा में खुशियां मनाने आए थे। तीन दिन तक कुनबे के सदस्यों संग खूब मस्ती करने के बाद परिवार के सदस्य रात को लौट रहे थे। तभी हादसे ने संदीप, बेटी खुशी व परी की जिंदगी लील ली। पत्नी व मां की अस्पताल में मौत हो गई थी।
बजाना कलां के दो सगे भाइयों की हुई थी मौत
इसी साल करनाल में अपने ताऊ के घर दीपावली मनाने गए दो सगे भाइयों की जिंदगी तेज रफ्तारी ने लील ली थी। बजाना कलां गांव के 21 वर्षीय प्रशांत और उसका छोटा भाई 17 वर्षीय साकेत कार में सवार होकर करनाल में जेल विभाग में वार्डन अपने ताऊ पास दीपावली मनाने के लिए गए थे। काछवा रोड पर नहर के पुल के पास पहुंचे तो उनकी कार की तेज गति होने की वजह उनकी गाड़ी का संतुलन बिगड़ गया, जिससे उनकी कार डिवाइडर से टकरा गई थी।
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