Sonipat News: पंचशील कॉलोनी हत्याकांड में बहन के हत्यारे भाई और उसके साथी को उम्रकैद

नरेन्‍द्र सहारण, सोनीपत : Sonipat News: पंचशील कॉलोनी में जनवरी 2020 में बहन की चाकू से गोदकर निर्मम हत्या करने के मामले में अदालत ने दोषी भाई और उसके साथी को उम्रकैद की सजा सुनाई है। यह फैसला अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश डॉ. जगदीश सिंह की अदालत ने सुनाया। साथ ही दोषियों पर 10-10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।

मामले की पृष्ठभूमि

यह मामला मूल रूप से गांव रभड़ा की रहने वाली 35 वर्षीय रीना मलिक से जुड़ा है। रीना पंचशील कॉलोनी में रहती थीं और उन्होंने वहां एक पीजी (पेइंग गेस्ट) का संचालन शुरू किया था। रीना का छोटा भाई रवींद्र उर्फ रजनीश भी उनके साथ उसी पीजी में एक कमरे में रह रहा था। पहले रवींद्र कभी-कभी अपनी बहन के पास आता था, लेकिन हत्या से लगभग डेढ़ महीने पहले से वह वहीं स्थायी रूप से रहने लगा था।

चरित्र पर शक ने लिया हिंसक रूप

पुलिस के मुताबिक, रवींद्र को अपनी बहन के चरित्र पर शक था। इस वजह से उसने अपने दोस्त दीपक, जो गांव बराही का रहने वाला था, को मदद के लिए बुला लिया। रवींद्र और दीपक की दोस्ती फेसबुक के जरिए हुई थी। रवींद्र ने दीपक को बताया कि उसे अपनी बहन के व्यवहार पर नियंत्रण करना है।

घटना वाली रात, 20 जनवरी 2020 को, रवींद्र और दीपक ने रीना के कमरे में जाकर उसे अपना “व्यवहार सुधारने” और “चरित्र सही रखने” की चेतावनी दी। इस पर रीना ने दोनों से बहस शुरू कर दी। कहासुनी इतनी बढ़ गई कि दीपक ने रीना को पकड़ लिया और रवींद्र ने घर में रखे चाकू से रीना पर कई वार किए। यह हमला इतना घातक था कि मौके पर ही रीना की मौत हो गई।

पीजी के अन्य निवासियों ने किया पुलिस को सूचित

हत्या के समय पीजी में रहने वाले अन्य लोगों में फरीदाबाद निवासी डेनी पॉल ने घटना के बाद तुरंत पुलिस को सूचित किया। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू की और रवींद्र और दीपक को गिरफ्तार कर लिया। जांच में यह खुलासा हुआ कि हत्या की योजना पहले से ही बनाई गई थी और इसमें रवींद्र का अहम योगदान था।

न्याय की प्रक्रिया और सजा

मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने रवींद्र और दीपक के खिलाफ ठोस सबूत पेश किए। अदालत ने दोनों दोषियों को हत्या का दोषी ठहराया। फैसले में अदालत ने इस हत्याकांड को बेहद गंभीर और अमानवीय करार देते हुए रवींद्र और दीपक को उम्रकैद की सजा सुनाई। इसके अलावा, दोनों पर 10-10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया।

समाज के लिए संदेश

यह मामला न केवल परिवार के भीतर आपसी विश्वास और संबंधों में गिरावट को दिखाता है, बल्कि यह भी स्पष्ट करता है कि कैसे शक और हिंसा किसी के जीवन को तबाह कर सकते हैं। अदालत ने इस सजा के जरिए यह संदेश दिया है कि कानून किसी भी प्रकार की हिंसा और अपराध को बर्दाश्त नहीं करेगा।

रीना मलिक की मौत ने पंचशील कॉलोनी के निवासियों को हिला कर रख दिया था। अब इस फैसले के बाद उनके परिवार और दोस्तों को न्याय की कुछ राहत मिली है।

 

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