सोनीपत सीट का लेखा- जोखा: जाटलैंड में ब्राह्मण उम्मीदवारों की टक्कर: 6 लाख जाट, लेकिन फैसला 2 लाख ब्राह्मणों के हाथ

नरेन्द्र सहारण, सोनीपत। Sonipat Loksabha Seat: हरियाणा के जाटलैंड माने जाने वाले सोनीपत में लोकसभा चुनाव के लिए रण सज चुका है। इस सीट पर हमेशा जाट और ब्राह्मण के बीच में टक्कर रही है, लेकिन इस बार यहां से कांग्रेस और बीजेपी ने नया खेल खेला है और इस सीट पर ब्राह्मणों को मैदान में उतारा है। कांग्रेस ने सतपाल ब्रह्मचारी (Satpal Brahmachari) तो भाजपा ने मोहन लाल बड़ौली (Mohan Lal Badoli) पर दांव खेला है। वहीं, इनेलो ने अनूप दहिया और जेजेपी ने भूपेंद्र मलिक को उम्मीदवार बनाया है। इस सीट में सोनीपत के 6 और जींद के 3 हलके आते हैं। इन सभी हलकों पर सतपाल ब्रह्मचारी और मोहन लाल बड़ौली के नाम की ही चर्चा है। कोई इनेलो व जेजेपी की चर्चा नहीं हो रही है। इसलिए यहां पर सीधे-सीधे भाजपा और कांग्रेस के बीच टक्कर है।
सोनीपत सीट का जातीय समीकरण
इस सीट पर जातीय समीकरण सबसे ज्यादा अहम है। यहां करीब 16 लाख मतदाता हैं। जिनमें 6.10 लाख के करीब जाट वोटर हैं। वहीं रविदास समुदाय के 50 हजार और वाल्मीकि समुदाय के 65 हजार के करीब लोग हैं। इसके साथ करीब 1.30 लाख पंजाबी और 2 लाख ब्राह्मण वोट हैं। पिछले 2 चुनाव में ब्राह्मणों ने जीत हार तय की है, लेकिन इस बार ब्राह्मण वोट बैंक बंटेगा।
पिछले दो लोकसभा चुनाव
2014 के चुनाव में कांग्रेस ने भाजपा के रमेश चंद्र कौशिक के सामने जाट समुदाय से जुड़े जगबीर सिंह मलिक को उतारा था। वहीं 2019 में रमेश चंद्र के सामने पूर्व CM भूपेंद्र सिंह हुड्डा थे। मुकाबले में हुड्डा के होते हुए भी 2019 में कौशिक की जीत का अंतर 2014 के 77 हजार से बढ़ कर 1.64 लाख तक पहुंच गया था। इस सीट में दो जिलों की 9 विधानसभाएं हैं। सोनीपत जिला के 6 और जींद के 3 हलके शामिल हैं। सोनीपत के 6 हलकों में भाजपा को बढ़त मिलती दिख रही, लेकिन जींद के 3 हलकों से कांग्रेस आगे दिख रही है।
जानें क्या है सोनीपत का समीकरण
– कांग्रेस के पूर्व सीएम हुड्डा के समर्थन से सतपाल ब्रह्मचारी मैदान में हैं, जिसके चलते करीब 60 प्रतिशत जाट वोटर ब्रह्मचारी की तरफ झुके हुए हैं। इसके साथ ही हरिद्वार में आश्रम से जुड़े श्रद्धालु भी प्रभाव डाल रहे हैं। यहां किसान आंदोलन का भी असर है।
– इस बार भाजपा में भीतरघात का ज्यादा खतरा है। कुछ भाजपा नेता ही इलाके के ब्राह्मण नेताओं को फोन कर कांग्रेस के पक्ष में उतरने की सलाह दे रहे हैं। वहीं भाजपा के कुछ नेता चुप हो चुके हैं। ऐसे में मोहन लाल के पक्ष में सीएम नायब सैनी को राजस्थान से ब्राह्मण सीएम भजन लाल शर्मा को सोनीपत के वोटरों के बीच लाना पड़ा।
– इस सीट पर उम्मीदवार हमेशा सोनीपत के 6 हलकों से आते रहे हैं। जींद जातीय समीकरण के अनुसार चुनावों में भाग लेता रहा है। इस चुनाव में पहली बार जींद को कोई उम्मीदवार मिला है। सतपाल ब्रह्मचारी का जन्म जींद में हुआ है। जींद में सतपाल ब्रह्मचारी के दो आश्रम भी हैं। ऐसे में लोगों का झुकाव उनकी तरफ दिख रहा है। भाजपा को सोनीपत से बढ़त मिल रही है, लेकिन जींद उस पर हावी हो रहा है। हालांकि, गन्नौर में कांग्रेस को भीतरघात से नुकसान होता दिख रहा है।
वरिष्ठ पत्रकार बोले, सोनीपत के वोटर इमोशनल हैं
सोनीपत सीट का विश्लेषण करते हुए राजनीतिक विशेषज्ञ व वरिष्ठ पत्रकार अजयदीप लाठर ने कहा कि सोनीपत हलकों से भाजपा का पलड़ा भारी है, लेकिन इस बार जींद को उम्मीदवार मिला है तो कांग्रेस को बड़ा मार्जिन मिलेगा, जो उन्हें जीत की तरफ लेकर जा रहा है। अब समीकरण बदलेंगे और एक-दूसरे पर आरोप लगने शुरू होंगे। भाजपा सतपाल ब्रह्मचारी पर बाहरी होने का आरोप लगा सकती है। वहीं कांग्रेस भी खुद को अधिक से अधिक मजबूत करने में जुटेगी। इसके साथ ही दोनों पार्टियों के स्टार कैंपेनर भी पहुंचेंगे। जिसके बाद भी वोटर शिफ्ट होंगे। उन्होंने कहा कि सोनीपत का वोटर इमोशनल है। अभी तक भाजपा को जो गालियां दे रहे हैं, भाजपा जब इनसे संपर्क करेगी तो भावुक वोट भी शिफ्ट होगा। अभी तक कांग्रेस का पलड़ा भारी रहा है, लेकिन आने वाले समय में टक्कर तेज होगी।
Tag- Sonipat Loksabha Seat, Mohan Lal Badoli, Satpal Brahmachari, Anup Dahiya, Bhupendra Malik, Loksabha Seat 2024, Haryana Politics, Bhupendra Singh Hooda।
भारत न्यू मीडिया पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज, Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्पेशल स्टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें इंडिया सेक्शन