राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम पर कर्नाटक के श्रृंगेरी मठ ने जारी किया बयान, कहा- झूठे प्रचार पर ध्यान न दें

नई दिल्ली, एजेंसी: शंकराचार्य हिंदू धर्म में सर्वोच्च धर्म गुरु माना जाता है। हिंदू धर्म में शंकराचार्यों को सम्मान और आस्था की नजर से देखा जाता रहा है। आदि शंकराचार्य को हिंदू धर्म की दार्शनिक व्याख्या के लिए भी जाना जाता रहा है। आदि शंकराचार्य ने हिंदू धर्म के प्रचार प्रसार के लिए चार मठों की स्थापना की थी। ये चार मठ हैं-

श्रृंगेरी मठ, कर्नाटक- शंकराचार्य भारतीतीर्थ महाराज
गोवर्धन मठ, पुरी ओडिशा- शंकराचार्य निश्चलानन्द सरस्वती महाराज
शारदा मठ, द्वारका गुजरात- शंकराचार्य सदानंद महाराज
ज्योतिर्मठ, बदरिका उत्तराखंड- शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद महाराज

गलत सूचनाओं को खारिज किया

 

जब 22 जनवरी को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम होगा तो ऐसे में शंकराचार्यों से भी रुख जानने की कोशिशें हुईं। इस बीच कर्नाटक के शृंगेरी मठ के महंत ने लोगों से अनुरोध किया है कि वे अयोध्या में रामलला विग्रह के प्राण प्रतिष्ठा समारोह पर झूठे प्रचार पर ध्यान न दें। महंत ने कहा कि केवल मठ के आधिकारिक वेबसाइट द्वारा प्रकाशित की गई बातों पर विचार करें। शृंगेरी मठ ने इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित गलत सूचनाओं को खारिज किया।

धर्म के विरोधियों द्वारा किया गया झूठा प्रचार

 

मठ के महंत ने कहा कि एक इंटरनेट मीडिया पोस्ट में दक्षिणाम्नाय शृंगेरी शारदा पीठाधीश्वर परमपूज्य जगद्गुरु शंकराचार्य श्री श्री भारती तीर्थ महास्वामीजी की तस्वीर के साथ प्राण-प्रतिष्ठा समारोह पर नाराजगी की खबर प्रकाशित हुई है। हालांकि, शृंगेरी शंकराचार्य ने ऐसा कोई संदेश नहीं दिया है। उन्होंने कहा कि यह केवल हमारे धर्म के विरोधियों द्वारा किया गया झूठा प्रचार है। इसलिए सभी लोगों से अनुरोध है कि वे इस तरह के झूठे प्रचार पर ध्यान न दें और केवल मठ की वेबसाइट और आधिकारिक तौर पर प्रकाशित की गई खबरों पर ध्यान दें।

सभी आस्तिक राम तारक के जाप में संलग्न

 

इसमें आगे कहा गया कि रामलला विग्रह की प्राण-प्रतिष्ठा सभी आस्तिकों (श्रद्धालुओं) के लिए खुशी की बात है। महंत ने कहा कि दीपावली के अवसर पर पीठम के ‘शारदापीठम’ यूट्यूब चैनल ने शृंगेरी जगद्गुरु का संदेश प्रकाशित किया था, जिसमें बताया गया था कि सभी आस्तिक राम तारक के जाप में संलग्न हैं। बयान में कहा गया है कि अयोध्या में आगामी रामलला विग्रह की प्राण-प्रतिष्ठा को ध्यान में रखते हुए आस्तिक बड़ी संख्या में महामंत्र का जाप कर रहे हैं। गुजरात के द्वारका शारदा पीठम ने भी कहा है कि राम मंदिर पर मठ के रुख को लेकर कुछ अखबारों में प्रकाशित रिपोर्टें जगद्गुरु शंकराचार्य की अनुमति के बिना प्रकाशित की गई हैं और भ्रामक हैं।

प्राण प्रतिष्ठा का दो शंकराचार्यों ने किया स्वागत: विहिप

 

विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि चार में से दो शंकराचार्यों ने रामलला विग्रह के प्राण प्रतिष्ठा समारोह का खुले तौर पर स्वागत किया है, लेकिन उनमें से कोई भी 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे। हालांकि, वे बाद में अपनी सुविधा के अनुसार राम मंदिर का दौरा करेंगे। विहिप नेता की टिप्पणी विपक्षी दलों द्वारा कर्नाटक के श्री शृंगेरी शारदा पीठ, गुजरात में द्वारका शारदा पीठ, उत्तराखंड में ज्योतिर पीठ और ओडिशा में गोवर्धन पीठ के शंकराचार्यों द्वारा प्रतिष्ठा समारोह में शामिल नहीं होने का निर्णय लेने की खबरों पर भाजपा पर निशाना साधने के बीच आई है।

 

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