ट्रेन दुर्घटनाएं रोकने संबंधी उपायों पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से मांगा ब्योरा
नई दिल्ली, एजेंसी : सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को केंद्र से ट्रेन दुर्घटनाएं रोकने संबंधी उपायों पर ब्योरा मांगा। इसके तहत देश में स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली ‘कवच’ सहित पहले से लागू या लागू करने के लिए प्रस्तावित सुरक्षात्मक उपायों की जानकारी मांगी गई है। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस केवी. विश्वनाथन की पीठ ने एक याचिका पर सुनवाई के बाद अटार्नी जनरल आर. वेंकटरमणी से कहा कि वह ‘कवच’ योजना सहित सरकार द्वारा लागू किए गए या लागू करने के लिए प्रस्तावित सुरक्षात्मक उपायों के बारे में अदालत को जानकारी दें।
याचिका में मांग- ‘कवच’ के कार्यान्वयन के लिए दिशानिर्देश जारी हो
याचिका में ट्रेन दुर्घटनाओं को रोकने संबंधी सुरक्षा उपायों का मुद्दा उठाते हुए रेलवे में तत्काल प्रभाव से ‘कवच’ प्रणाली के कार्यान्वयन के लिए दिशानिर्देश जारी करने की भी मांग की गई है। अदालत ने याचिकाकर्ता विशाल तिवारी से याचिका की एक प्रति अटार्नी जनरल के कार्यालय को सौंपने कहा है।
पीठ ने पूछा, क्या इस बारे में कोई कवायद की गई है कि ‘कवच’ प्रणाली को अखिल भारतीय स्तर पर लागू किए जाने का कितना वित्तीय प्रभाव पड़ेगा, क्योंकि अंततः इसका बोझ यात्रियों पर डाला जाएगा। पीठ ने मामले को चार सप्ताह बाद सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया।
4 सप्ताह के बाद इस मामले की सुनवाई करेगी सर्वोच्च अदालत
पिछले साल जून में ओडिशा के बालासोर जिले में हुई ट्रेन दुर्घटना का जिक्र करते हुए याचिकाकर्ता ने कहा कि सरकार द्वारा सुरक्षा प्रणाली शुरू की गई थी, ताकि रेलगाड़ियों की टक्कर को रोका जा सके। लेकिन पिछले दिनों रेलगाड़ियों के टकराने से कई दुर्घटनाएं हुई हैं। याचिका में कहा गया कि लोगों का जीवन और सुरक्षा महत्वपूर्ण है। सरकार को इस संबंध में उठाए गए कदमों के बारे में शीर्ष अदालत को अवगत कराना चाहिए। याचिका में रेलवे प्रणाली में सुरक्षा मापदंडों का विश्लेषण और समीक्षा करने तथा रेलवे प्रणाली को मजबूत करने के लिए व्यवस्थित सुरक्षा संशोधनों का सुझाव देने के लिए शीर्ष अदालत के किसी सेवानिवृत्त जज की अध्यक्षता में विशेषज्ञ आयोग गठित करने के लिए केंद्र को निर्देश देने तथा इस संबंध में रिपोर्ट अदालत को सौंपे जाने का आग्रह किया गया है।