स्कूल बस हादसे में मारे गये बच्चों के परिवारों को नहीं मिली सहायता राशि, लोगों में रोष 

 

नरेन्द्र, सहारण, कनीना। उन्हाणी गांव के निकट स्कूल बस हादसे में हुई छह बच्चों की दुखद मौत के सदमे से पीड़ित परिवार अभी भी नहीं उबरे हैं। पीडि़त परिजन परेशान तथा सदमे में हैं। घायल बच्चे अभी भी हादसे की याद से सिहर उठते हैं। उनके स्वजन का आरोप है कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी तीन बार जिला में आ चुके हैं, परंतु ढांढस बंधाने के लिए पीड़ित परिवारों के पास उनके अभी तक नहीं पहुंचे और राज्य सरकार द्वारा पीड़ित परिवारों के लिए आर्थिक मदद नहीं की है। मृतक बच्चों की तेरहवीं हो चुकी है। इस दौरान राज्य सरकार तथा जिला प्रशासन द्वारा आर्थिक सहायता की घोषणा न किया जाना लोगों में चर्चा का विषय है।

 

पीड़ित परिवारों की उपेक्षा करने का आरोप

समाजसेवी अतरलाल एडवोकेट ने राज्य सरकार तथा जिला प्रशासन पर पीड़ित परिवारों की उपेक्षा करने का आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य सरकार को दरियादिली दिखानी चाहिए और तत्काल पीडि़त परिवारों को आर्थिक मदद देनी चाहिए। मुख्यमंत्री को पीड़ित परिवारों से मिलकर खुद अपने हाथों से मदद राशि के चेक देकर उनका ढाढ़स बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बस हादसे में झाड़ली गांव के चार और धनौंदा गांव के दो बच्चों की दर्दनाक मौत हुई थी और दो दर्जन बच्चे घायल हुए थे। सभी पीड़ित परिवार गरीब, किसान, मजदूर हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर मृतक बच्चों के पीडि़त परिवारों को 50-50 लाख तथा घायल बच्चों के परिवारों को 10-10 लाख रुपये की आर्थिक मदद तत्काल देने की मांग की है ।