प्रेम, डर और आत्महत्या की त्रासद कहानी : नाबालिग बहनों संग दुष्कर्म, पुलिस पर लापरवाही का आरोप

कानपुर, बीएनएम न्‍यूज: Kanpur News: उत्तर प्रदेश के कानपुर में रिश्तों के एक ऐसे जटिल और भयावह जाल का पर्दाफाश हुआ है, जिसने प्रेम, डर, अपराध और अंततः आत्महत्या की एक दर्दनाक कहानी को जन्म दिया है। एक युवती ने अपने प्रेमी के साथ संबंधों के खुलने के डर से अपनी ही दो नाबालिग बहनों को प्रेमी के एक दोस्त के हाथों सौंप दिया, जिसने उनसे कई दिनों तक दुष्कर्म किया। इस घिनौने कृत्य का विरोध करने पर बड़ी बहन ने अपनी छोटी बहनों को आत्महत्या कर जेल भिजवाने की धमकी दी। अंततः, भेद खुलने के डर से युवती ने आत्महत्या कर ली। इस हृदयविदारक घटना के बाद, जब मृतका की 75 वर्षीय दादी न्याय की गुहार लेकर थाने पहुंचीं, तो उन्हें ही पुलिस द्वारा जेल भेजने की धमकी देने का सनसनीखेज आरोप सामने आया है। हालांकि, स्थानीय लोगों के हस्तक्षेप के बाद पुलिस ने मृतका के प्रेमी और उसके दोस्त के खिलाफ दुष्कर्म की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। एक आरोपी को हिरासत में लिए जाने की खबरें हैं, लेकिन पुलिस फिलहाल इसकी पुष्टि नहीं कर रही है।

वृद्धा ने सुनाई अपनी आपबीती

 

इस त्रासद घटना की शिकार हुई 75 वर्षीय वृद्धा ने अपनी आपबीती सुनाते हुए बताया कि उनका बेटा लोडर चलाकर परिवार का भरण-पोषण करता है, जबकि उनकी बहू का बीमारी के कारण निधन हो चुका है। उनकी तीन पोतियां हैं, जिनकी उम्र क्रमशः 19, 15 और 13 वर्ष है। वृद्धा ने बताया कि वर्ष 2023 में, जब उनकी बड़ी पोती घर में अकेली थी, तो पड़ोस में रहने वाले एक युवक ने उसके साथ दुष्कर्म किया था। पुलिस ने उस आरोपी युवक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। वृद्धा ने आगे बताया कि उस युवक का दोस्त, कृष्णा, उनकी बड़ी पोती को लगातार परेशान करता था, जिसकी शिकायत उन्होंने स्थानीय पुलिस से कई बार की, लेकिन पुलिस ने इस मामले में कोई भी कार्रवाई नहीं की।

नाबालिग बहनों का दुष्कर्म करवाया

वृद्धा ने बताया कि इसी वर्ष 21 फरवरी को वह खाटू श्याम के दर्शन करने के लिए घर से बाहर गई थीं। उनका बेटा भी काम के सिलसिले में शहर से बाहर था। घर में उनकी तीनों पोतियां अकेली थीं। इसी दौरान कृष्णा उनके घर आया, जिसका उनकी दोनों नाबालिग पोतियों ने विरोध किया। इस घटना के खुलने के डर से बड़ी पोती बुरी तरह से घबरा गई। अपनी छोटी बहनों को फंसाने के लिए उसने कृष्णा के दोस्त प्रथम को बुलाया और उससे दोनों नाबालिग बहनों का दुष्कर्म करवाया। आरोप है कि प्रथम ने चाकू के बल पर दोनों नाबालिग बहनों से कई दिनों तक दुष्कर्म किया। जब दादी लौटकर आईं, तो उनकी पोतियों ने डर के कारण उन्हें कुछ भी नहीं बताया।

हृदयविदारक घटना

 

वृद्धा ने आगे बताया कि 22 अप्रैल की रात करीब ढाई बजे उनके मोबाइल फोन पर कृष्णा का फोन आया, जिससे उन्हें कुछ शक हुआ। जब उन्होंने तीनों पोतियों से इस बारे में पूछताछ करने की कोशिश की, तो उनकी बड़ी पोती कमरे में चली गई और फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इस हृदयविदारक घटना के बाद उनकी दोनों छोटी पोतियों ने उन्हें बताया कि उनकी बड़ी बहन ने कृष्णा के साथ एक मंदिर में शादी भी कर ली थी।

न्याय की गुहार

 

अपनी पोती की आत्महत्या और अपनी नाबालिग पोतियों के साथ हुए अत्याचार की जानकारी मिलने के बाद, 75 वर्षीय वृद्धा न्याय की गुहार लेकर स्थानीय फजलगंज थाने पहुंचीं। लेकिन, वहां उन्हें एक और चौंकाने वाला अनुभव हुआ। आरोप है कि पुलिस ने उनकी शिकायत सुनने के बजाय उन्हें ही जेल भेजने की धमकी दी। इस घटना की जानकारी जब स्थानीय लोगों को हुई, तो उन्होंने थाने पहुंचकर पुलिस पर दबाव बनाया। लोगों के हस्तक्षेप के बाद, पुलिस ने मृतका के प्रेमी कृष्णा और उसके दोस्त प्रथम के खिलाफ दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट (POCSO Act) की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया। ऐसी खबरें भी सामने आ रही हैं कि पुलिस ने एक आरोपी को हिरासत में ले लिया है, लेकिन पुलिस अधिकारी फिलहाल इस बात की पुष्टि करने से इनकार कर रहे हैं।

फजलगंज थाना प्रभारी सुनील कुमार सिंह ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि दोनों आरोपियों के खिलाफ दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट के तहत रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है और पुलिस मामले की गहनता से जांच कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस सभी पहलुओं पर विचार कर रही है और जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। हालांकि, पुलिस द्वारा वृद्धा को जेल भेजने की धमकी के आरोपों पर उन्होंने कोई सीधी टिप्पणी नहीं की है।

विश्लेषण और कानूनी पहलू

 

यह घटना कई गंभीर कानूनी और सामाजिक सवालों को जन्म देती है:

नाबालिगों के साथ दुष्कर्म: दो नाबालिग बहनों के साथ हुआ यह जघन्य अपराध पॉक्सो एक्ट के तहत आता है, जिसमें दोषियों के लिए कड़ी सजा का प्रावधान है। पुलिस को इस मामले में त्वरित और निष्पक्ष जांच कर आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करना चाहिए।

बड़ी बहन की भूमिका: बड़ी बहन का अपनी नाबालिग बहनों को दुष्कर्म के लिए मजबूर करना और उन्हें धमकी देना भी गंभीर अपराध है। भले ही उसने बाद में आत्महत्या कर ली हो, लेकिन उसकी भूमिका की भी जांच होनी चाहिए, खासकर यदि उसने इस अपराध में सक्रिय रूप से सहयोग किया था।

पुलिस की लापरवाही: वृद्धा द्वारा पहले कृष्णा की शिकायत करने पर पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई न करना गंभीर लापरवाही का मामला है। यदि पुलिस ने समय पर कार्रवाई की होती, तो शायद इस त्रासद घटना को टाला जा सकता था। इस मामले में दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ भी जांच होनी चाहिए।

वृद्धा को धमकी: यदि यह आरोप सही है कि पुलिस ने शिकायत लेकर पहुंची वृद्धा को ही जेल भेजने की धमकी दी, तो यह अत्यंत निंदनीय और कानून का उल्लंघन है। पुलिस का कर्तव्य है कि वह पीड़ितों की सुने और उन्हें न्याय दिलाए, न कि उन्हें डराए और धमकाए। इस मामले की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।

सामाजिक और पारिवारिक पहलू: यह घटना समाज में रिश्तों की जटिलता और पारिवारिक मूल्यों के टूटने को भी दर्शाती है। प्रेम, डर और अपराध के इस दुष्चक्र में एक पूरा परिवार तबाह हो गया। यह घटना हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि समाज में बच्चों की सुरक्षा और पारिवारिक रिश्तों की मर्यादा को बनाए रखने के लिए क्या कदम उठाए जाने चाहिए।

आगे की कार्रवाई की आवश्यकता

 

इस संवेदनशील और गंभीर मामले में त्वरित और निष्पक्ष कार्रवाई की आवश्यकता है:

त्वरित गिरफ्तारी: पुलिस को दोनों आरोपियों कृष्णा और प्रथम, को तुरंत गिरफ्तार करना चाहिए और उन्हें कानून के समक्ष पेश करना चाहिए।
निष्पक्ष जांच: पुलिस को बिना किसी दबाव के इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करनी चाहिए और सभी तथ्यों को सामने लाना चाहिए।
पीड़ितों को सहायता: दोनों नाबालिग बहनों को तत्काल चिकित्सा और मनोवैज्ञानिक सहायता प्रदान की जानी चाहिए। उन्हें सुरक्षित आश्रय और कानूनी परामर्श भी उपलब्ध कराया जाना चाहिए।
पुलिस की जवाबदेही: यदि पुलिस द्वारा वृद्धा को धमकी देने के आरोप सही पाए जाते हैं, तो दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।
सामाजिक जागरूकता: इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए समाज में बच्चों के अधिकारों और सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाई जानी चाहिए।

यह घटना एक बार फिर यह साबित करती है कि समाज में महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा अभी भी एक बड़ी चुनौती है। पुलिस और प्रशासन को ऐसे मामलों में और अधिक संवेदनशील और सक्रिय होने की आवश्यकता है ताकि पीड़ितों को न्याय मिल सके और अपराधियों को कड़ी सजा दी जा सके। इस त्रासद कहानी में न्याय की उम्मीद अब पुलिस की निष्पक्ष जांच और त्वरित कार्रवाई पर टिकी हुई है।

 

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