कैथल में परिवहन मंत्री अनिल विज की कार्रवाई, 5 विभागों के अधिकारियों पर केस दर्ज करने के आदेश

कैथल में मीटिंग के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए मंत्री अनिल विज।

नरेन्‍द्र सहारण, कैथल। Kaithal News: हरियाणा के परिवहन मंत्री अनिल विज ने शुक्रवार को कैथल में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए नगर परिषद के XEN समेत पांच विभागों के अधिकारियों पर केस दर्ज करने के आदेश दिए। इन पर आरोप है कि प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड द्वारा लगाया गया 20 लाख रुपये का जुर्माना तय समय में जमा नहीं किया गया। इस कार्रवाई से पहले मंत्री विज ने कैथल की डीसी प्रीति को भी फटकार लगाई। उन्होंने समस्या लेकर आए लोगों को उन तक पहुंचने से रोकने पर प्रशासन पर नाराजगी जाहिर की।

ग्रीवेंस कमेटी की बैठक में उठे गंभीर मामले

 

मंत्री विज कैथल के जींद रोड स्थित आईटीआई सभागार में ग्रीवेंस कमेटी की बैठक में लोगों की समस्याएं सुन रहे थे। इस बैठक में डीसी प्रीति सहित सभी विभागों के प्रमुख मौजूद थे। कुल 15 शिकायतें मंत्री विज के सामने रखी गईं, जिनमें से चार पुरानी और नौ नई शिकायतें थीं। पुलिस विभाग से संबंधित तीन शिकायतें सबसे ज्यादा चर्चा में रहीं।

ग्योंग ड्रेन में गंदा पानी डालने का मामला

 

बैठक के दौरान ग्योंग ड्रेन में गंदा पानी डालने का मामला सामने आया। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने नवंबर के पहले सप्ताह में इस मामले में कार्रवाई करते हुए पांच सरकारी विभागों पर 20 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। गंदा पानी डालने की मात्रा के अनुसार हर विभाग पर जुर्माना तय किया गया था। बोर्ड ने सभी विभागों को 15 दिनों के भीतर जुर्माने की राशि जमा करने का आदेश दिया था, जिसमें असफल रहने पर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी गई थी।

जुर्माना जमा न करने पर मंत्री ने की कड़ी कार्रवाई

 

बैठक में मंत्री विज को बताया गया कि संबंधित विभागों ने अब तक जुर्माना जमा नहीं किया है। इन विभागों में नगर परिषद, पंचायती राज विभाग, पब्लिक हेल्थ, नागरिक अस्पताल और हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (HSVP) शामिल हैं। इस जानकारी के बाद मंत्री विज ने इन विभागों के अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज करने के आदेश दिए।

पानी के सैंपल फेल मिलने के बाद जुर्माना

 

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम ने ग्योंग ड्रेन के अलग-अलग स्थानों से पानी के 9 सैंपल लिए थे। इन सैंपल्स को पंचकूला स्थित लैब में जांच के लिए भेजा गया था। जांच में सभी सैंपल फेल पाए गए। इसके आधार पर बोर्ड ने संबंधित विभागों पर जुर्माना लगाया।

जनता की समस्याओं पर गंभीर दिखे मंत्री विज

 

बैठक के दौरान मंत्री विज ने जनता की शिकायतों को गंभीरता से सुना। सबसे ज्यादा शिकायतें पुलिस विभाग से संबंधित थीं। अन्य शिकायतें बिजली निगम, जनस्वास्थ्य विभाग, कृषि विभाग, पंचायती राज विभाग, लीड बैंक मैनेजर और पीडब्ल्यूडी विभाग से जुड़ी थीं।

लोगों को अंदर न आने देने पर प्रशासन को फटकार

 

बैठक के दौरान आईटीआई परिसर में बड़ी संख्या में लोग अपनी समस्याएं लेकर पहुंचे थे। पुलिस ने केवल उन्हीं लोगों को अंदर जाने दिया, जिनकी शिकायतें एजेंडे में शामिल थीं। जब मंत्री विज को इस बात की जानकारी मिली तो उन्होंने डीसी प्रीति को फटकार लगाई और कहा कि वे सभी शिकायतकर्ताओं से मिलकर ही जाएंगे। उनकी इस घोषणा के बाद पुलिस ने कुछ लोगों को अंदर जाने की अनुमति दी।

मंत्री विज का स्पष्ट संदेश

 

मंत्री अनिल विज ने कहा कि प्रशासनिक अधिकारियों को अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए और जनता की समस्याओं का समाधान करना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि ग्रीवेंस कमेटी की बैठक का उद्देश्य ही जनता की समस्याओं का समाधान करना है।

आगे की कार्रवाई

 

मंत्री विज की इस कार्रवाई के बाद संबंधित विभागों के अधिकारियों पर कानूनी शिकंजा कसने की संभावना है। साथ ही, उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी दी कि यदि भविष्य में इस प्रकार की लापरवाही पाई गई तो और भी सख्त कदम उठाए जाएंगे।

जवाबदेही और पारदर्शिता पर जोर

 

मंत्री अनिल विज की कैथल में की गई कार्रवाई ने न केवल प्रशासनिक अधिकारियों को सतर्क किया है, बल्कि जनता के बीच यह संदेश भी दिया है कि उनकी समस्याओं को अनदेखा नहीं किया जाएगा। यह बैठक सरकार की जवाबदेही और पारदर्शिता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।

 

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