ट्रंप बनाम मस्क: दोस्ती, दुश्मनी और अमेरिकी सियासत के भविष्य का महासंग्राम, जानें क्या हो सकता है परिणाम

वाशिंगटन। Trump vs Musk: अमेरिकी राजनीति के दो सबसे शक्तिशाली और अप्रत्याशित ध्रुवों के बीच का टकराव अब अपने चरम पर पहुंच गया है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और तकनीकी उद्योग के सम्राट एलन मस्क के बीच का रिश्ता, जो कभी आपसी प्रशंसा और रणनीतिक सहयोग का प्रतीक था, अब एक खुली राजनीतिक जंग में तब्दील हो चुका है। इस जंग के केंद्र में एक महत्वाकांक्षी कर कटौती एवं व्यय विधेयक है, लेकिन इसकी लपटें व्हाइट हाउस के गलियारों से लेकर सिलिकॉन वैली के बोर्डरूम और आगामी मध्यावधि चुनावों के भविष्य तक को अपनी चपेट में ले रही हैं। शनिवार को राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने चिर-परिचित अंदाज़ में इस रिश्ते पर अंतिम मुहर लगाते हुए न केवल सुलह की किसी भी संभावना को खारिज कर दिया, बल्कि एलन मस्क को गंभीर परिणाम भुगतने की खुली चेतावनी भी दे डाली।
यह विवाद मात्र दो व्यक्तियों का अहंकार नहीं, बल्कि यह आधुनिक अमेरिका की दो विचारधाराओं का टकराव है: एक तरफ ट्रंप का राजनीतिक populism (लोकप्रियतावाद) है जो अपनी शर्तों पर सत्ता चलाना चाहता है, और दूसरी तरफ मस्क का तकनीकी libertarianism (उदारतावाद) है जो स्थापित व्यवस्था को चुनौती देने से नहीं हिचकता। इस महासंग्राम का नतीजा यह तय करेगा कि आने वाले वर्षों में अमेरिका की आर्थिक नीतियां कौन लिखेगा और सत्ता के गलियारों में किसका प्रभाव कायम रहेगा।
राष्ट्रपति का अल्टीमेटम: “रिश्ता खत्म हो गया है, परिणाम भुगतने होंगे”
शनिवार सुबह एनबीसी की क्रिस्टन वेल्कर को दिए एक औचक फोन साक्षात्कार में राष्ट्रपति ट्रंप ने इरादे स्पष्ट कर दिए। जब उनसे पूछा गया कि क्या टेस्ला और स्पेसएक्स के खरबपति सीईओ के साथ उनका रिश्ता स्थायी रूप से टूट गया है, तो ट्रंप का जवाब संक्षिप्त और निर्णायक था, “मुझे लगता है कि ऐसा ही है।” ट्रंप ने अपनी बात को और विस्तार देते हुए कहा, “देखिए, मैं अन्य महत्वपूर्ण कामों में बहुत व्यस्त हूं। आप जानते हैं, मैंने एक चुनाव में भारी जीत हासिल की। मैंने उन्हें बहुत सारे ब्रेक दिए, बहुत पहले से। मैंने उन्हें अपने पहले प्रशासन में बड़े ब्रेक दिए और उनकी जान बचाई। मेरा उनसे बात करने का कोई इरादा नहीं है।”
ट्रंप के शब्दों में “जान बचाने” का ज़िक्र उनके पहले कार्यकाल की उन घटनाओं की ओर इशारा करता है, जब स्पेसएक्स को नासा से महत्वपूर्ण अनुबंध दिलाने और टेस्ला को विनियामक बाधाओं से पार पाने में व्हाइट हाउस ने परोक्ष रूप से मदद की थी। ट्रंप यह जताने की कोशिश कर रहे थे कि मस्क का विशाल साम्राज्य उनके एहसानों पर खड़ा है और अब मस्क कृतघ्नता दिखा रहे हैं।
लेकिन साक्षात्कार का सबसे विस्फोटक हिस्सा उनकी चेतावनी थी। जब यह अटकलें सामने आईं कि मस्क 2026 के मध्यावधि चुनावों में डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवारों का समर्थन कर सकते हैं तो ट्रंप ने बिना किसी लाग-लपेट के कहा, “अगर वह ऐसा करते हैं तो उन्हें इसके परिणाम भुगतने होंगे।” यह पूछे जाने पर कि ये परिणाम क्या होंगे, ट्रंप ने रहस्यमयी ढंग से चुप्पी साध ली और कहा, “आप देखेंगे।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उन्होंने मस्क के विरुद्ध किसी भी तरह की जांच पर कोई विचार-विमर्श नहीं किया है, लेकिन उनकी इस बात ने अटकलों का बाज़ार और गर्म कर दिया है कि क्या राष्ट्रपति अपनी शक्तियों का उपयोग मस्क के व्यावसायिक हितों को नुकसान पहुंचाने के लिए कर सकते हैं।
अनुबंधों की समीक्षा और प्रतीकात्मक युद्ध
ट्रंप की धमकी केवल जुबानी नहीं है। इससे एक दिन पहले, एयर फोर्स वन में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने संकेत दिया था कि मस्क के विशाल व्यावसायिक साम्राज्य की नींव, यानी संघीय सरकार के साथ उनके अनुबंधों की समीक्षा की जा सकती है। स्पेसएक्स, जो नासा के अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में ले जाता है और अमेरिकी सेना के लिए उपग्रह लॉन्च करता है, सरकारी अनुबंधों पर बहुत अधिक निर्भर है। इसी तरह, टेस्ला को इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए संघीय सब्सिडी से काफी लाभ मिला है। ट्रंप ने कहा, “हम हर चीज पर गौर करेंगे। यह बहुत बड़ी रकम है। हम इसे बहुत ध्यान से देखेंगे।”
यह लड़ाई अब प्रतीकात्मक स्तर पर भी लड़ी जा रही है। व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि राष्ट्रपति उस चमकदार लाल रंग की टेस्ला मॉडल-एस कार से भी छुटकारा पाने पर विचार कर रहे हैं, जिसे उन्होंने अमेरिकी नवाचार के प्रतीक के रूप में व्हाइट हाउस के साउथ लॉन में गर्व से प्रदर्शित किया था। इस कार को हटाना एक स्पष्ट संदेश होगा: जो कोई भी ट्रंप की नीतियों का विरोध करेगा, उसे अमेरिकी सफलता की कहानी का हिस्सा नहीं माना जाएगा।
मस्क का डिजिटल पलटवार: ‘एक्स’ का रणनीतिक उपयोग
दूसरी ओर, एलन मस्क ने इस लड़ाई को अपने अंदाज में लड़ा है। उन्होंने राष्ट्रपति ट्रंप पर सीधा व्यक्तिगत हमला करने से परहेज किया है, जो उनकी सोची-समझी रणनीति का हिस्सा हो सकता है। इसके बजाय, उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) को एक शक्तिशाली हथियार के रूप में इस्तेमाल किया है, जहाँ वह सीधे करोड़ों लोगों तक अपनी बात पहुंचाते हैं।
मस्क ने रिपब्लिकन पार्टी के विवादास्पद कर कटौती एवं व्यय विधेयक की आलोचना जारी रखी है। उन्होंने ‘एक्स’ पर उन विश्लेषकों और उपयोगकर्ताओं की टिप्पणियों को प्रमुखता से आगे बढ़ाया है जिनका मानना है कि ट्रंप का यह ‘बिग ब्यूटीफुल बिल’ (जैसा कि ट्रंप इसे कहते हैं) अंततः रिपब्लिकन पार्टी को ही राजनीतिक रूप से नुकसान पहुंचाएगा। मस्क का मुख्य तर्क यह है कि यह विधेयक देश के पहले से ही विशाल 36.2 लाख करोड़ डॉलर के कर्ज में भारी बढ़ोतरी करेगा और इसका लाभ केवल कुछ बड़े निगमों को मिलेगा, जबकि मध्यम वर्ग पर बोझ बढ़ेगा।
जब एक ‘एक्स’ उपयोगकर्ता ने लिखा कि “मस्क ने संसद की नीति की आलोचना की और ट्रंप ने मस्क की व्यक्तिगत आलोचना करके जवाब दिया,” तो मस्क ने केवल एक शब्द में उत्तर दिया: ‘बिल्कुल’। इस एक शब्द से उन्होंने खुद को एक नीति-केंद्रित चिंतक और ट्रंप को एक प्रतिशोधी नेता के रूप में चित्रित कर दिया।
इतना ही नहीं, मस्क ने एक नई राजनीतिक बहस छेड़ दी है। उन्होंने घोषणा की कि “यह समय 80 प्रतिशत मध्यवर्ग का प्रतिनिधित्व करने वाली एक नई पार्टी बनाने का है।” यह बयान ट्रंप के रिपब्लिकन और डेमोक्रेट्स के द्वि-दलीय प्रभुत्व को सीधी चुनौती है। यह मस्क को एक ऐसे व्यक्ति के रूप में स्थापित करता है जो मौजूदा राजनीतिक व्यवस्था से निराश है और एक नया विकल्प तलाश रहा है।
हालांकि, मस्क के करीबी एक व्यक्ति के अनुसार, उनका गुस्सा अब कुछ कम हो रहा है और वह शायद ट्रंप के साथ अपने रिश्ते को पूरी तरह से खत्म नहीं करना चाहते। इस बात का सबूत यह है कि उन्होंने ट्रंप की आलोचना करने वाले कुछ पुराने इंटरनेट मीडिया पोस्ट हटा दिए हैं, जिनमें से एक पोस्ट में राष्ट्रपति के विरुद्ध महाभियोग के समर्थन का संकेत दिया गया था। यह दर्शाता है कि मस्क भी जानते हैं कि राष्ट्रपति से सीधी दुश्मनी उनके विशाल साम्राज्य के लिए कितनी खतरनाक हो सकती है।
विवाद का केंद्र: कर कटौती और व्यय विधेयक
यह पूरा विवाद जिस विधेयक को लेकर है, वह ट्रंप के दूसरे कार्यकाल का सबसे महत्वपूर्ण विधायी एजेंडा है। रिपब्लिकन पार्टी का प्रतिनिधि सभा और सीनेट, दोनों में मामूली बहुमत है। पिछले महीने, यह विधेयक सदन में बहुत ही कम अंतर से पारित हुआ था, और अब यह सीनेट के समक्ष है, जहाँ हर एक वोट कीमती है। मस्क जैसे प्रभावशाली व्यक्ति का विरोध कुछ रिपब्लिकन सीनेटरों को दुविधा में डाल सकता है जो अपने राज्यों में मतदाताओं की प्रतिक्रिया से डरते हैं।
निष्पक्ष विश्लेषकों का अनुमान है कि यदि यह विधेयक अपने मौजूदा स्वरूप में पारित हो जाता है, तो यह अगले 10 वर्षों में अमेरिकी राष्ट्रीय ऋण में 2.4 लाख करोड़ डॉलर की भारी वृद्धि करेगा। मस्क इसी आंकड़े को आधार बनाकर अपनी आलोचना को बल दे रहे हैं। वहीं, ट्रंप ने अपने साक्षात्कार में विश्वास जताया कि तमाम बाधाओं के बावजूद यह विधेयक अमेरिकी स्वतंत्रता दिवस, यानी चार जुलाई तक पारित हो जाएगा, जो उन्होंने अपनी प्रतिष्ठा का प्रश्न बना लिया है।
मध्यावधि चुनाव का दांव और सिलिकॉन वैली का पैसा
इस लड़ाई का सबसे बड़ा असर 2026 के मध्यावधि चुनावों पर पड़ सकता है। 2024 के राष्ट्रपति चुनाव में एलन मस्क ने ट्रंप के चुनाव प्रचार के खर्च का एक बड़ा हिस्सा वहन किया था और सिलिकॉन वैली के अन्य उद्योगपतियों को भी ट्रंप के पक्ष में लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
अब अगर मस्क वित्तीय सहायता रोक देते हैं या इससे भी बुरा डेमोक्रेट्स का समर्थन करना शुरू कर देते हैं तो रिपब्लिकन पार्टी के लिए कांग्रेस में नियंत्रण बनाए रखना बेहद मुश्किल हो सकता है। मस्क का प्रभाव केवल उनके पैसे तक सीमित नहीं है; वह तकनीकी उद्योग में एक ट्रेंडसेटर हैं। यदि वह ट्रंप से दूरी बनाते हैं, तो सिलिकॉन वैली के कई अन्य प्रमुख कारोबारी भी ऐसा ही कर सकते हैं, जिससे रिपब्लिकन पार्टी एक महत्वपूर्ण फंडिंग स्रोत से वंचित हो जाएगी। मस्क पहले ही सार्वजनिक रूप से कह चुके हैं कि उन्होंने अपने राजनीतिक खर्च में कटौती करने की योजना बनाई है, जो ट्रंप खेमे के लिए एक स्पष्ट चेतावनी है।
अहंकार, शक्ति और भविष्य का टकराव
डोनाल्ड ट्रंप और एलन मस्क के बीच की यह जंग अमेरिकी सत्ता के बदलते समीकरणों का एक जीवंत दस्तावेज है। यह एक राष्ट्रपति के राजनीतिक अधिकार और एक उद्योगपति के आर्थिक और डिजिटल प्रभाव के बीच की सीधी टक्कर है। यह कहानी बताती है कि कैसे व्यक्तिगत रिश्ते राष्ट्रीय नीतियों को प्रभावित कर सकते हैं और कैसे सोशल मीडिया का एक पोस्ट व्हाइट हाउस में भूचाल ला सकता है।
फिलहाल, दोनों ही पक्ष पीछे हटने को तैयार नहीं दिख रहे हैं। ट्रंप अपनी राजनीतिक इच्छाशक्ति को सर्वोपरि मानते हैं, जबकि मस्क अपनी बौद्धिक और वित्तीय स्वतंत्रता को। आने वाले सप्ताह यह तय करेंगे कि इस टकराव में कौन झुकता है। क्या मस्क अपने व्यावसायिक हितों को बचाने के लिए समझौता करेंगे? या क्या ट्रंप एक शक्तिशाली सहयोगी को खोने का जोखिम उठाकर अपनी जिद पर अड़े रहेंगे? इस सवाल का जवाब न केवल एक विधेयक का भविष्य तय करेगा, बल्कि यह अमेरिकी राजनीति की दिशा और 2026 के मध्यावधि चुनावों के परिणाम को भी गहराई से प्रभावित करेगा। पूरा अमेरिका सांस रोककर इस महासंग्राम के अगले अध्याय की प्रतीक्षा कर रहा