UP News: जौनपुर, मछलीशहर सहित यूपी के अन्य जिलों में आज जारी होगी भाजपा के जिलाध्याक्षों की सूची

लखनऊ, बीएनएम न्यूजः करीब दो महीने के माथापच्ची के बाद तैयार की गई भाजपा के जिलाध्यक्षों की सूची आज  जिलेवार घोषित की जाएगी। इसमें जौनपुर, मछलीशहर, भदोही, गाजीपुर, आजमगढ़, प्रतापगढ़ सहित 80 जिलों के नाम शामिल हैं। हालांकि आपसी विवाद को देखते हुए एक दर्जन से अधिक जिलों के अध्यक्षों की घोषणा रोक ली गई है।

इस प्रकार भाजपा के संगठनात्मक 98 में से 80 से अधिक जिलों की घोषणा ही हो पाएगी। प्रदेश के चुनाव अधिकारी डॉ. महेन्द्र नाथ पांडेय के निर्देश पर उन जिलों के चुनाव अधिकारी और प्रेक्षक संबंधित जिलों के लिए रवाना हो चुके है। जिला चुनाव अधिकारियों द्वारा रविवार को दोपहर दो बजे सभी जिलों में एक साथ जिलाध्यक्षों के नाम की घोषणा की जाएगी। इस मौके पर हर जिले में एक बड़ा नेता या मंत्री भी मौजूद रहेगा।

बता दें कि भाजपा संगठन के चुनाव की प्रक्रिया पिछले साल में शुरू हुआ था। उस समय मंडल अध्यक्षों का चुनाव दिसंबर और जिलाध्यक्षों का चुनाव जनवरी के अंत तक कराने की समय सीमा तय की गई थी। लेकिन मंडल अध्यक्षों का चुनाव ही जनवरी में संपन्न हो पाया।

तमाम जिलों की सूची में शामिल नाम पर सवाल भी उठने लगे थे। साथ ही सूची पिछड़े, दलित और महिलाओं की भागीदारी की कमी रह गई थी। इस पर शीर्ष नेतृत्व ने आपत्ति जताई थी। ऐसे में प्रदेश स्तर पर संगठन मंत्री ने एक-एक सूची की गहनता से परीक्षण कर सभी विसंगितियों को दूर करके सूची तैयार कराई है।

सभी जिलों में दोपहर दो बजे एक बैठक होगी

हर स्तर से हरी झंडी मिलने के बाद प्रदेश चुनाव अधिकारी डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय ने कहा है कि लखनऊ गाजियाबाद, जहां जिला और महानगर कार्यालय अलग-अलग हैं, को छोड़कर सभी जिलों में दोपहर दो बजे एक बैठक होगी। दो कार्यालय वाले जिलों में अलग-अलग कार्यक्रम होंगे। सभी जिला पदाधिकारी, वरिष्ठ मोर्चा पदाधिकारी, जिले में रहने वाले राष्ट्रीय, प्रदेश व क्षेत्र के पदाधिकारी, मंडल अध्यक्ष व जिला प्रतिनिधियों की मौजूदगी में बैठक होगी।

प्रदेश कार्यालय से होगी आनलाइन मानीटरिंग

डॉ. पांडेय ने आदेश दिए हैं कि मौजूदा और पूर्व अध्यक्षों की उपस्थिति में ही घोषणा की जाए। प्रदेश स्तर पर खुद प्रदेश अध्यक्ष, प्रदेश चुनाव प्रभारी, महामंत्री संगठन प्रदेश स्तर से ऑनलाइन मॉनीटरिंग करेंगे। इसके लिए प्रदेश कार्यालय में एक टास्क सेंटर बनाया गया है। सभी जिला कार्यालयों में कैमरे लगाए गए हैं।

अयोध्या समेत कई जिलों में सूची पर रोक

भाजपा के संगठनात्मक नजरिए से प्रदेश के 98 जिलों में से एक दर्जन से अधिक जिलों के अध्यक्षों के नाम पर सहमति न बन पाने की वजह से इसे रविवार को जारी करने पर रोक लगा दिया गया है। इनमें अयोध्या, अंबेडकरनगर, सीतापुर, झांसी, मेरठ जिला समेत कई जिले शामिल हैं। मेरठ जिलाध्यक्ष की सूची रोक लगी गई है, जबकि महानगर अध्यक्ष की घोषणा की जाएगी। माना जा रहा है कि 80 से अधिक जिलों में ही सूची जारी की जाएगी इनमें पांच जिले तो वे हैं, जहां मंडलीय पदाधिकारियों का ही चुनाव नहीं हो सका था। इनमें अयोध्या नगर और ग्रामीण, कानपुर उत्तरी और लखीमपुर शामिल हैं।

नए अध्यक्षों के पास पहले जाएगा फोन

नए जिला और शहर अध्यक्षों के नामों की घोषणा भले ही कार्यक्रम के दौरान होगी लेकिन नए अध्यक्षों को कार्यक्रम के पहले ही बता दिया जाएगा। सूत्र बताते हैं कि प्रदेश भाजपा कार्यालय से लोगों को पहले ही फोन या व्हाट्सएप से सूचित कर दिया जाएगा। दरअसल, कार्यक्रम में नए और पुराने जिला व महानगर अध्यक्षों को मंच पर रहने के लिए कहा गया है।

इन समीकरणों को ध्यान रखकर होगी घोषणा

वहीं इस बार बीजेपी जातीय समीकरणों और वर्गों की भागीदारी को ध्यान में रखने के साथ ही उम्र को लेकर भी खासा ध्यान रख रही है। बताया यह भी जा रहा है कि इस बार 60 साल से अधिक उम्र वाले बीजेपी के पदाधिकारियों को जिलाध्यक्ष बनने का मौका नहीं मिलेगा। इसके साथ ही लगातार 2 बार जिलाध्यक्ष का कार्यकाल पूरा करने वाले नेताओं को भी थर्ड टर्म की पारी खेलने को नहीं मिलेगी।

बीजेपी इस बार 2027 विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए जातीय समीकरण और पार्टी के प्रति 24×7 समर्पित रहने वाले कार्यकर्ताओं को मौका दे सकती है। राजनीतिक जानकारों का यह भी कहना है कि पिछली बार की अपेक्षा आगामी लिस्ट में एक दर्जन से अधिक जिलों में सवर्ण जिलाध्यक्ष नहीं होंगे। पिछड़े और दलित नेताओं पर बीजेपी का पूरा फोकस रहने वाला है। बीजेपी के 45 से 60 साल के बीच वाले एक्टिव नेताओं को जिलाध्यक्ष की कमान सौंप सकती है।

जिलाध्यक्ष के बाद प्रदेश अध्यक्ष की होनी है नियुक्ति

यूपी में 75 जिले हैं लेकिन बीजेपी ने उसे 98 संगठनात्मक जिलों में बांट रखा है। इन सभी जिलों में जिलाध्यक्ष की नियुक्ति होनी है। वैसे बीजेपी को 30 दिसंबर तक जिलाध्यक्षों की घोषणा करनी थी। लेकिन ढाई महीने बीते जाने के बाद भी बीजेपी जिलाध्यक्ष की सूची नहीं जारी कर पाई है। इसको लेकर चर्चा है कि आपसी खींचतान और सामाजिक समीकरणों का सामंजस्य फिट ना बैठने के कारण कई जिलों में अध्यक्ष के नाम पर आम सहमति नहीं बन पाई है।

कई जिलों में जिलाध्यक्ष चुनाव को लेकर मचे संग्राम का मामला दिल्ली हाई कमान तक पहुंच गया था। लेकिन अब लंबे इंतजार के बाद बहुप्रतीक्षित जिलाध्यक्षों की सूची रविवार को जारी होने की प्रबल संभावना जताई जा रही है। जिला स्तर से जिलाध्यक्षों के नामों की घोषणा होने के बाद बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के नाम की घोषणा करते हुए संगठन चुनाव को संपन्न कराएगी।

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