बदायूं की जज की आत्महत्या की वजह आई सामने, सुसाइड नोट में लिखा- मेरे खरगोश का ध्यान रखना
बदायूं, BNM News : उप्र के बदायूं में पदस्थ सिविल जज (जूनियर डिवीजन) ज्योत्सना राय ने फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। शनिवार सुबह उनका शव जज कालोनी स्थित सरकारी आवास में पंखे से लटका मिला। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि उनकी डायरी से सुसाइड नोट मिला, जिसमें अवसादग्रस्त एवं अकेलेपन से परेशान होने की बात लिखी है। उन्होंने लिखा कि मेरी मृत्यु के लिए कोई जिम्मेदार नहीं है। मेरा अंतिम संस्कार सरयू घाट पर किया जाए। मेरे दोनों खरगोश का ध्यान रखना…।
बतौर सिविल जज (जूनियर डिवीजन) का कार्य संभाल रही थीं
मूल रूप से मऊ की ज्योत्सना राय की बदायूं में पोस्टिंग अगस्त, 2023 में हुई थी। 18 नवंबर, 2023 से वह बतौर सिविल जज (जूनियर डिवीजन) का कार्य संभाल रही थीं। इससे पहले वह अयोध्या में तैनात थीं। कोतवाली इंस्पेक्टर विजेंद्र सिंह ने बताया कि शनिवार सुबह 9.30 बजे कोर्ट ले जाने के लिए अर्दली उनके आवास पहुंचे। उन्होंने दरवाजा खटखटाया मगर, अंदर से कोई जवाब नहीं आया। कुछ देर इंतजार के बाद अर्दली ने जज के मोबाइल फोन पर काल की मगर, रिसीव नहीं हुई। आशंका होने पर अर्दली ने पुलिस को फोन किया। कमरे का दरवाजा तोड़कर अंदर गए तो देखा कि पंखे से जज का शव लटका हुआ था। इसकी सूचना पर जिला जज पंकज अग्रवाल, डीएम मनोज कुमार, एसएसपी आलोक प्रियदर्शी व बड़ी संख्या में अधिवक्ता पहुंच गए।
स्वजन को भी बुला लिया गया
एसएसपी ने बताया कि फारेंसिक टीम ने घटनास्थल से साक्ष्य जुटाए हैं। कमरे से कुछ कागज मिले हैं, जो घटनाक्रम पर प्रकाश डाल रहे। पुलिस टीम प्रत्येक बिंदु की जांच कर रही है। उनके स्वजन को भी बुला लिया गया है। मऊ जिले के गांव तराईडीह की रहने वालीं ज्योत्सना अविवाहित थीं। उनके पिता अशोक राय कोर्ट एसपीओ थे। वर्तमान में पैतृक घर पर कोई नहीं रहता है। भाई गोलू राय लखनऊ में रेलवे इंजीनियर हैं। नवंबर, 2019 में पीसीएस-जे में चयनित ज्योत्सना का जन्म 5 जुलाई, 1995 को हुआ था। उनकी आत्महत्या की खबर से ग्रामीण हतप्रभ हैं।
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