UP News: सुहागरात में दूल्हा-दुल्हन की संदिग्ध हालात में मौत, एक ही चिता पर जले दोनों के शव

दूल्हा प्रदीप और दूल्हन शिवानी की फाइल फोटो
अयोध्या, बीएनएम न्यूज। कहावत है कि विवाह का रिश्ता सात जन्मों तक साथ निभाने का वादा होता है। यह वादा किसी भी जोड़े के लिए सबसे खास होता है, जहां वे आपस में एकजुट होकर जीवन की कठिनाइयों का सामना करते हैं। लेकिन कभी-कभी नियति इतनी क्रूर हो सकती है कि यह एक खूबसूरत पल एक खौफनाक हादसे में बदल जाता है। ऐसी ही एक दिल दहलाने वाली घटना अयोध्या के मुरावन टोला में हुई, जहां एक नवविवाहित जोड़ा महज कुछ घंटों के भीतर अपनी जान खो बैठा।
विवाह समारोह
शनिवार को प्रदीप और शिवानी का विवाह संपन्न हुआ था। यह दिन उनके जीवन का सबसे खास दिन था। बारात के स्वागत की तैयारियों के बीच परिवार वाले बेहद खुश थे। शादी में सभी लोकल और रिश्तेदारों ने हिस्सा लिया, और शादी की प्रसन्नता पूरे वातावरण में फैल गई। सभी ने अच्छे से खाना खाया, नाचा-गाया और एक-दूसरे के साथ अपनी खुशियों को बांटा। शादी के बाद, जब दुल्हन शिवानी और दूल्हा प्रदीप ने एक-दूजे के साथ फेरे लिए, तो उन्होंने साथ हंसने-खेलने और जीवन की चुनौतियों का सामना करने का संकल्प लिया।
खुशियों का पल बन गया दुख का साया
लेकिन यह खुशी का पल कुछ ही घंटों में डिप्रेशन और अवसाद में बदल गया। जब रविवार की सुबह। कमरे का दरवाजा काफी देर तक बंद रहा, तो प्रदीप के परिवार वाले चिंतित हो गए। उन्होंने दरवाजा खटखटाया, लेकिन कोई आवाज़ नहीं आई। फिर, प्रदर्शन बढ़ते ही, परिवार ने खिड़की की जाली को काटकर भीतर झांकने का निर्णय लिया। जो उन्होंने देखा, वह न केवल दिल को दहला देने वाला था, बल्कि एक खौफनाक दृश्य भी था।
कमरे में शिवानी का शव बिस्तर पर पड़ा था, और प्रदीप का शव फांसी पर लटक रहा था। यह दृश्य देखकर परिवार के सभी सदस्यों में कोहराम मच गया। दो नई जिंदगी शुरू होने से पहले ही समाप्त हो गई, और सारे साज-साज वाले सामान अब एक दुखद कथा का हिस्सा बन गए।
परिवार का सदमा
शोक में डूबे प्रदीप के भाई दीपक ने कहा, “वो बहुत खुश था। शादी से पहले सभी का चेहरा खिलखिला रहा था। किसी ने नहीं सोचा था कि ऐसा कुछ होगा।” मृतक प्रदीप का पिता पहले ही गुजर चुके थे, और उसके परिवार में केवल उसकी मां और भाई ही थे। वहीं, दुल्हन शिवानी के पिता मंतूराम ने कहा कि उनके पास दो बेटियां और एक बेटा है, जिसमें शिवानी सबसे बड़ी थी। उन्होंने कहा, “हमने सोचा था कि हमारे परिवार में खुशियों का नया दौर शुरू हुआ है। अब यह सब खत्म हो गया।”
पुलिस जांच और पृष्ठभूमि
पुलिस को जानकारी मिलते ही फौरन घटनास्थल पर पहुंची। उन्होंने घटनास्थल की जांच शुरू की और दोनों में से किसी के भी मोबाइल फोन को अपने कब्जे में लिया। पुलिस ने पाया कि शिवानी के गले पर चोट के निशान थे, जो कि उसकी हत्या की ओर इशारा कर रहे थे। यह सोचकर रोषित मंतूराम ने कहा, “हम उम्मीद कर रहे हैं कि पुलिस जल्दी से जल्दी सच्चाई को उजागर करेगी।”
पुलिस के मुताबिक, दोनों के शवों का पोस्टमॉर्टम कराया गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह बताया गया कि दुल्हन की मौत गला दबाने की वजह से हुई, जबकि दूल्हा प्रदीप की मौत फांसी लगाकर खुदकुशी करने से हुई। एसएसपी राजकरन नय्यर ने कहा कि इस प्रकरण की गहनता से जांच की जा रही है, और फॉरेंसिक टीम भी सबूत जुटाने में लगी हुई है।
अंतिम संस्कार की वेदना
इस दिल दहला देने वाली घटना का अंत और भी दुःखद था। दोनों शवों का अंतिम संस्कार एक ही चिता पर किया गया। यह दृश्य उपस्थित लोगों के लिए अत्यंत भयानक था। रिश्तेदारों और परिचितों की आंखों में आंसू थे, क्योंकि किसी ने भी सोचा नहीं था कि शादी की रात ऐसा कुछ होगा। यह केवल एक जोड़ी की कहानी नहीं थी, बल्कि यह कई परिवारों के दुख का कारण बन गया।
सही दिशा में मार्गदर्शन
इस घटना ने समाज को एक कड़वी सच्चाई से अवगत कराया है कि एक जोड़े के रिश्ते की खुशियों के पीछे कितनी गहरी दुःखभरी कहानियां हो सकती हैं। यह नेता और समाज के लिए एक चेतावनी है कि वे ऐसे मामलों पर और अधिक ध्यान दें। ऐसे घटनाओं की रोकथाम के लिए जरूरी है कि पारिवारिक सदस्यों, दोस्तों, और समाज के लोगों के बीच संवाद बढ़ाया जाए ताकि किसी भी प्रकार के मानसिक तनाव को समय रहते समझा जा सके और उसकी सही दिशा में मार्गदर्शन किया जा सके।
इस मामले की कहानी आवागमन के बीच में एक भयानक दर्पण का काम करती है, जो हमें यह दिखाती है कि कहीं न कहीं हमें अपने सामूहिक मनोविज्ञान का भी ध्यान रखना होगा ताकि हम ऐसे दुर्भाग्य से बच सकें। शायद, यह कहानी उन सभी के लिए एक चेतना का सरोकार है जो जीवन में प्रेम, विवाह और परिवार के बहुमूल्य संबंधों के महत्व को समझें और ऐसे रिश्तों की रक्षा करें।