UP Paper Leak: पेपर लीक के बाद सख्त हुए CM योगी, जल्द ही कानून लाने का किया एलान

लखनऊ, बीएनएम न्यूज: Paper Leak News: उत्तर प्रदेश की भर्ती परीक्षाओं पारदर्शी बनाए रखने के लिए सरकार नया कानून लाने जा रही है। इसका प्रारूप तैयार कर लिया गया है। लोकसभा चुनाव के बाद ही इसका क्रियान्वयन शुरू हो जाएगा। इस कानून में नकल माफिया के खिलाफ सख्त कार्रवाई के प्रविधान होंगे। भर्ती प्रक्रिया में व्यापक बदलाव करते हुए पूरी व्यवस्था को पारदर्शी बनाया जाएगा।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक की किसी भी आशंका को हर स्तर पर खत्म किया जाएगा। यह युवाओं के भविष्य का मामला है। जो युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करेगा, हम उसके साथ भी वैसा ही करेंगे।

सीएम योगी ने सख्त कानून के दिए संकेत

पुलिस भर्ती और समीक्षा अधिकारी-सहायक समीक्षा अधिकारी (आरओ-एआरओ) परीक्षा का पेपर लीक होने के बाद से ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्त कानून बनाने के संकेत दिए थे। यह दोनों ही परीक्षाएं फरवरी माह में हुई थीं और इसमें बड़ी संख्या में अभ्यर्थी शामिल हुए थे। प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दोनों ही परीक्षाएं रद कराकर दोबारा कराने के निर्देश दिए थे। इसके बाद ही शासन स्तर पर नए कानून पर मंथन शुरू हो गया था।

नए कानून में कड़ी कार्रवाई की व्यवस्था

मुख्यमंत्री ने कहा कि नए कानून में पर्चा लीक आदि में लिप्त व्यक्ति के खिलाफ बेहद कड़ी कार्रवाई के प्रविधान होंगे। सरकारी नौकरियों में भर्ती की प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहे, यह हमारी शीर्ष प्राथमिकता है। हमने पहले भी कहा था कि जो युवाओं के भरोसे से खिलवाड़ करेगा, हम उसे छोड़ेंगे नहीं। पूरी पारदर्शिता के साथ हमने भर्तियां कीं, जिनमें 6.5 लाख युवाओं को रोजगार मिला।

पुलिस और लोकसेवा आयोग की भर्ती परीक्षा के प्रकरण में हमने कड़ी कार्रवाई की। हमने सख्त निर्देश दिए हैं कि हर आयोग और हर बोर्ड में बड़ी ही पारदर्शिता के साथ भर्तियां हों। इसके अतिरिक्त प्रदेश के युवाओं को हम स्वावलंबन और स्वरोजगार से भी जोड़ेंगे। हमें अपने युवाओं की योग्यता और क्षमता पर पूरा विश्वास है।

संविदा कर्मियों के लिए भी बनाएंगे नीति

मुख्यमंत्री ने प्रदेश में संविदा व आउटसोर्सिंग कर्मियों को शोषण से बचाने के लिए भी नीति बनाने की बात कही। उन्होंने कहा कि संविदाकर्मी हमारी प्राथमिकता में हैं, मेरा मानना है कि न्यूनतम मानदेय किसी भी कार्मिक को प्राप्त हो। वे चाहे जहां काम कर रहे हों। सेवा प्रदाता किसी भी कार्मिक के मानदेय से पैसा न काटे।

इस संबंध में मैंने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक समिति गठित कर रखी है। मुख्य सचिव से कहा गया है कि जल्द ही समिति की संस्तुतियों का मेरे समक्ष प्रस्तुतीकरण किया जाए। लोकसभा चुनाव खत्म होते ही उनका क्रियान्वयन भी सुनिश्चित किया जाएगा।

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